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स्मार्ट प्रीपेड मीटर बना सिरदर्द Photograph: (Google)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। स्मार्ट प्रीपेड मीटर उपभोक्ताओं के लिए सिरदर्द बन गए हैं। कंपनियों की लापरवाही के कारण प्रदेश में तीन लाख से अधिक उपभोक्ताओं की बिलिंग नहीं हो पाई है। स्मार्ट मीटर को प्रीपेड मोड में बदलने के बाद उपभोक्ताओं के मोबाइल पर लगातार रिचार्ज और बैलेंस से जुड़े गलत मैसेज आ रहे हैं। इससे उपभोक्ता मानसिक रूप से परेशान हैं और उन्हें बिजली बिलिंग और मीटर सिस्टम को लेकर गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
एमडीएम तक नहीं पहुंचा डाटा
राज्य में 15 सितंबर तक लगभग 39,33,324 स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जा चुके हैं। इनमें से 36 लाख तीन हजार 431 मीटरों का डाटा ही एमडीएम तक पहुंच पाया है। ऐसे में लगभग 3,29,893 से ज्यादा उपभोक्ताओं की बिलिंग नहीं हो पा रही है। जिन उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर को प्रीपेड मोड में बदला गया, उनके मोबाइल पर शून्य और माइनस बैलेंस के मैसेज भेजे जा रहे हैं। जिससे वह असमंजय में हैं।
रिचार्ज के बाद भी बैलेंस माइनस
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि बिना जिन उपभोक्ताओं की बिलिंग हो रही है उनके मोबाइल पर रिचार्ज करने के बाद भी बैलेंस माइनस में दिखाई देता है। इसे लेकर उपभोक्ता काफी परेशान हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को इस मामले पर तुरंत ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि निजी घरानों ने स्मार्ट प्रीपेड मीटर व्यवस्था लागू करके उपभोक्तओं को संकट में डाल दिया है।
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