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सुधीर कुमार यादव के साथ HOD प्रो. राजेश्वर प्रसाद यादव
लखनऊ वाईबीएन संवाददाता। बड़े भाई हमेशा कहते थे-एक दिन मैं आईएएस अफसर बनूंगा। जब कभी अपने इस सपने का जिक्र करते तो उसकी आखों में अलग की चमक होती। अपनी मेहनत, अनुशासन और जुनून से वह मुझ छोटे भाई के लिए आदर्श बन गए। हर सुबह नींद टूटने पर किताबों पर टिकी उनकी नजरें देखता तो ऐसा लगता कि वह अपने सुनहरे भविष्य को गढ़ रहे हैं। हर दिन उनसे कुछ नया सीखना मेरी दिनचर्या बन गई। वो मेरे लिए सिर्फ भाई नहीं थे, बल्कि गुरु और मार्गदर्शक थे।
भाई का सपना अपने अंदर जिंदा रखा
भाई की आंखों में उनके सपने साफ नजर आते थे। लेकिन किसे पता था कि एक दिन सब बदल जाएगा। अचानक वह हमेशा के लिए सभी को छोड़कर इस दुनिया से रुखसत हो गए। लेकिन उनका सपना मैनें अपने अंदर जिंदा रखा। उनके बनाए नोट्स, किताबें और समय सारणी संभाल कर रखीं। उसी रास्ते पर चल पड़ा, जिस पर भाई चल रहे थे। ठान लिया था भाई का सपना ही मेरा सपना होगा। फिर जो सफर शुरू उसे पहला मुकाम तब मिल जब मेरा चयन संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के माध्यम से अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, गराचरामा में हुआ।
दिवंगत भाई के सपने को बनाया लक्ष्य
लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र सुधीर कुमार यादव ने सोमवार को यंग भारत न्यूज से खास बातचीत में अपनी सफलता का श्रेय बड़े भाई देवेंद्र कुमार यादव को दिया। उन्होंने बताया कि उनके भाई का सपना था कि वह एक दिन आईएएस अधिकारी बनें, लेकिन उनका असमय निधन हो गया। इसके बाद सुधीर ने भाई के अधूरे सपनों को अपना लक्ष्य बना लिया और निरंतर मेहनत करते हुए इस मुकाम तक पहुंचे।
महमूदाबाद से की शुरुआती पढ़ाई
सुधीर महमूदाबाद के नई बाजार क्षेत्र के निवासी हैं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सीता इंटर कॉलेज, महमूदाबाद से प्राप्त की। इसके बाद लखनऊ विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र में स्नातक, परास्नातक और पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। शोध के दौरान उन्हें भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICSSR) की प्रतिष्ठित डॉक्टोरल फेलोशिप भी प्राप्त हुई।
विश्वविद्यालय प्रशासन का जताया आभार
सुधीर ने लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय सहित विश्वविद्यालय प्रशासन का भी धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का सहयोग और प्रेरणा उनके लिए निरंतर ऊर्जा का स्रोत रही है।
गुरुओं को किया धन्यवाद
डॉ. सुधीर ने अपने शिक्षकों और मार्गदर्शकों का विशेष रूप से आभार जताया। उन्होंने प्रोफेसर रजनी श्रीवास्तव को अपना सबसे बड़ा प्रेरणास्रोत बताया और कहा कि उनके प्रोत्साहन और विश्वास ने उन्हें ICSSR फेलोशिप से लेकर शोध और प्रशासनिक गतिविधियों में मार्ग दिखाया। सुधीर ने प्रो. राकेश चंद्रा, प्रो. राजेश्वर प्रसाद यादव (H.O.D.), प्रो. राजेंद्र कुमार वर्मा, डॉ. प्रशांत शुक्ला और डॉ. ममता सिंह का भी विशेष रूप से जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इन सभी गुरुओं का मार्गदर्शन उनकी सफलता की नींव रहा है। साथ ही उन्होंने अपने रिसर्च स्कॉलर्स और मित्रों का भी आभार व्यक्त किया।
बधाइयों का लगा तांता
डॉ. सुधीर की इस उपलब्धि पर क्षेत्रीय और शैक्षणिक जगत से उन्हें बधाइयां मिल रही हैं। उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष राजेश वर्मा, पूर्व मंत्री डॉ. अम्मार रिजवी, एमएलसी पवन सिंह चौहान, विधायक आशा मौर्या, सेउता विधायक ज्ञान तिवारी, कुर्सी विधायक साकेंद्र प्रताप वर्मा, पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह वर्मा और सीता ग्रुप ऑफ एजुकेशन के चेयरमैन आरके वाजपेयी समेत अनेक लोगों ने उन्हें शुभकामनाएं दी हैं।
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