/young-bharat-news/media/media_files/2025/07/02/up-private-hospitals-2025-07-02-14-04-40.jpeg)
यूपी के निजी अस्पतालों में मरीजों से वसूले जा रहे दवाइयों के मनमाने दाम, Photograph: (google)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश सरकार की सख्ती का निजी अस्पतालों पर कोई असर नहीं है। इनमें संचालित मेडिकल स्टोर में मरीजों से दवाइयों के मनमाने दाम वसूले जा रहे हैं। वहीं बाहर से दवाएं जाने की अनुमति नहीं दी जा रही। केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स फेडरेशन,उप्र (यूपीसीडीएफ) ने निजी अस्पतालों की मनमानी पर आपत्ति जताई है। इस संबंध में संगठन ने गाजियाबाद से भाजपा सांसद अतुल गर्ग के जरिए केन्द्रीय स्वास्थय एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा को चिट्ठी भेजी है। जिसमें ऐसे निजी अस्पतालों पर कार्रवाई करने की मांग की गई है।
निजी अस्पतालों की मनमानी से मरीज परेशान
संगठन के महासचिव सुरेश गुप्ता ने कहा कि सरकार जहां मरीजों को सस्ती और बेहतर गुणवत्ता की दवाएं उपलब्ध कराने में जुटी है। वहीं निजी अस्पतालों की मनमानी सरकार की मुहिम में बाधा डाल रही है। इससे मरीजों को भारी नुकसान हो रहा है। यूपी समेत देश के सभी राज्यों में यही स्थिति है। उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों और क्लीनिक में बाहर से लाई गई दवाएं स्वीकार नहीं की जातीं। परिवारजनों को यह कहकर डराया जाता है कि बाहर की दवाओं से मरीज के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ा तो उसकी पूरी जिम्मेदारी खुद रोगी या उसके परिवार की होगी।
सीएम के के बावजूद नहीं थम रही मनमानी
इसके अतिरिक्त अनेक दवाएं निजी अस्पताल और प्राइवेट डॉक्टर खुद के ब्रांड नाम पर बनवाते हैं। वहीं दवा मरीजों को ज्यादा दाम पर दी जाती है। चूंकि ये ब्रांड बाहर की फार्मेसियों पर उपलब्ध नहीं होते, ऐसे में मरीजों के परिजनों को मजबूरी में इन्हीं फार्मेसियों से दवाएं खरीदनी पड़ती हैं। जबकि बाहर उसी साल्ट की दवाइयां सस्ते में उपलब्ध हैं। महासचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन को इस मनमानी पर रोक लगाने का आदेश दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों और निजी अस्पतालों की मिलीभगत आदेश का पालन नहीं हो रहा है।
यह भी पढ़ें- बच्चों की जान से खिलवाड़ : लखनऊ में 511 स्कूल वाहन अनफिट, परिवहन विभाग की सख्ती बेअसर
यह भी पढ़ें- आज से अनफिट वाहनों के खिलाफ चलेगा अभियान
यह भी पढ़ें :UP News: अखिलेश यादव बोले, भाजपा सरकार में विकास का मतलब है 'कॉरीडोर करेप्शन'