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निजीकरण में नया पेंच : तीन महीने बाद भी सरकार ने नहीं भेजा जवाब, आयोग से प्रस्ताव खारिज करने की मांग

परिषद के अनुसार, आयोग ने कई गंभीर कमियां निकालते हुए 22 जून को प्रस्ताव वापस सरकार को भेजकर स्पष्टीकरण मांगा था। 90 दिन से अधिक समय बीत जाने के बावजूद सरकार ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है।

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Deepak Yadav
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निजीकरण में नया पेंच Photograph: (Google)

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण में अब नया पेंच फंस सकता है। दरअसल, उप्र विद्युत नियामक आयोग (UPERC) ने निजीकरण के प्रस्ताव में कमियां निकालकर सरकार से इस पर जवाब मांगा था। 90 दिन बीत जाने के बाद भी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं भेजा गया है। इस बीच विद्युत उपभोक्ता परिषद ने बृहस्पतिवार को आयोग को लोक महत्व का प्रस्ताव भेजकर निजीकरण का मसौदा खारिज करने की मांग की है। 

निजीकरण प्रस्ताव में कमियों पर सरकार मौन

परिषद के अनुसार, राज्य सरकार ने निजीकरण के प्रस्ताव पर नियामक आयोग से सलाह मांगी थी। आयोग ने कई गंभीर कमियां निकालते हुए 22 जून को प्रस्ताव वापस सरकार को भेजकर स्पष्टीकरण मांगा था। 90 दिन से अधिक समय बीत जाने के बावजूद सरकार ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है।

उपभोक्ता परिषद ने की प्रस्ताव खारिज करने की मांग

परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि आयोग की ओर से जारी किए गए आदेश पर 90 दिन में अपील की जा सकती है। निजीकरण के मामले में सरकार की ओर से निर्धारित समय में कोई भी जवाब दाखिल नहीं किया गया। ऐस में आयोग को कंडक्ट ऑफ बिजनेस रेगुलेशन, 2019 की धारा 51 के तहत प्रस्ताव को निरस्त कर देना चाहिए।

​आपत्तियों पर तत्काल फैसला लेने की अपील 

वर्मा ने कहा कि परिषद की ओर से पहले से दाखिल निजीकरण की आपत्तियों पर तत्काल फैसला लेकर आयोग इस प्रस्ताव को तत्काल खारिज करे। उन्होंने यह भी कहा कि निजीकरण से लाखों उपभोक्ताओं के अधिकार, सेवा की गुणवत्ता बुरा असर पड़ने की पूरी संभावना है।

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 Electricity Privatisation | UPRVUP

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