Advertisment

UP News : यूपी में 6.04 लाख मीट्रिक टन यूरिया, 3.93 लाख मीट्रिक टन डीएपी उपलब्ध

योगी सरकार ने जारी किए गुरुवार तक की फर्टिलाइजर उपलब्धता के आंकड़े। 3.02 लाख मीट्रिक टन एनपीके खाद भी प्रदेश के किसानों के लिए है मौजूद। यूरिया का वास्तविक मूल्य 2174 रुपये प्रति बैग, सब्सिडी के चलते किसानों को 266.50 रुपये में हो रहा उपलब्ध।

author-image
Vivek Srivastav
21 aug 9

प्रतीकात्‍मक Photograph: (सोशल मीडिया)

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश सरकार ने साफ किया है कि प्रदेश में कहीं भी खाद-उर्वरकों की कमी नहीं है। सभी मंडलों में पर्याप्त मात्रा में खाद की उपलब्धता है और किसानों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो, इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निरंतर मॉनीटरिंग करने के निर्देश दिए हैं। सरकार ने कालाबाजारी और ओवररेटिंग पर कड़ा रुख अपनाया है। कृषि विभाग ने मंडलवार खाद की उपलब्धता के ताजा आंकड़े जारी किए हैं।

प्रदेश में खाद की स्थिति

कृषि विभाग के अनुसार, प्रदेश में कुल 6.04 लाख मीट्रिक टन यूरिया, 3.93 लाख मीट्रिक टन डीएपी और 3.02 लाख मीट्रिक टन एनपीके की उपलब्धता है। इसका अर्थ है कि खरीफ सीजन के दौरान किसानों के लिए खाद का पर्याप्त भंडार मौजूद है। मुख्यमंत्री योगी ने किसानों से अपील की है कि वे खाद का अनावश्यक भंडारण न करें। जितनी जरूरत हो, उतनी ही मात्रा में खाद लें। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों के हितों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और समय-समय पर खाद की उपलब्धता व वितरण पर नजर रख रही है।

किसानों को मिल रहा सब्सिडी का लाभ

बता दें कि योगी सरकार किसानों के हित में लगातार कदम उठा रही है। यूरिया का वास्तविक मूल्य 2,174 रुपये प्रति बैग है, लेकिन सब्सिडी के चलते यह किसानों को मात्र 266.50 रुपये में उपलब्ध कराया जा रहा है। समय से खाद, बीज और सिंचाई सुविधाओं की वजह से प्रदेश का खाद्यान्न उत्पादन बढ़कर 737 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच चुका है। कृषि क्षेत्र से जुड़ा जीएसवीए, जो सपा शासन के दौरान 2 लाख करोड़ रुपये था, अब बढ़कर 7 लाख करोड़ रुपये हो गया है। 

खाद की कालाबाजारी करने वालों पर हो रही लगातार कार्रवाई

खरीफ 2024-25 में अब तक 32.07 लाख मीट्रिक टन खाद की बिक्री हुई है, जो पिछले वर्ष से 4.5 लाख मीट्रिक टन अधिक है। रबी 2025-26 सीजन के लिए सरकार ने 138.78 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खेती का लक्ष्य निर्धारित किया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 4 लाख हेक्टेयर अधिक है। किसानों को 10 लाख क्विंटल अनुदानित बीज और लगभग 12.80 लाख मिनी किट उपलब्ध कराई जाएंगी, जबकि गन्ना किसानों को दलहन-तिलहन की बोआई के लिए नि:शुल्क बीज दिए जाएंगे। सीमावर्ती जनपदों में खाद-यूरिया की तस्करी रोकने के लिए चौकसी बढ़ाई गई है और कालाबाजारी, जमाखोरी तथा तस्करी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई लगातार जारी है।

Advertisment

खाद उपलब्धता की सम्पूर्ण स्थिति मीट्रिक टन में (को-ऑपरेटिव व प्राइवेट स्टॉक मिलाकर)

मंडलयूरियाडीएपीएनपीके
सहारनपुर17195     69803062
मेरठ39104168648625
आगरा    474762991721267
अलीगढ़30562 21151 16068
बरेली4293820566 27914
मुरादाबाद50991 18057 29796
कानपुर    47586 41946 32375
प्रयागराज    52395 21479 25262
झांसी28090 26146 16367
चित्रकूट24891 10885 3802
वाराणसी    44445 27120 14643
मीरजापुर    15860 7448 3878
आजमगढ़    3758924160 9034
गोरखपुर    32634 25601 15650
बस्ती    12848 10322 4571
गोंडा    17418 19934 8953
लखनऊ38920 37675 36488
अयोध्या     23448 27616 24530
कुल      604391 393867 302284
Advertisment

यह भी पढ़ें- आगे बढ़ी निजीकरण प्रक्रिया : बिजली कर्मी बिफरे, टेंडर पर कार्य बहिष्कार, जेल

यह भी पढ़ें- लिफाफा लेने वाले एसडीएम हटाए गए, डीएम ने एडीएम को सौंपी जांच

यह भी पढ़ें- शुभांशु शुक्ला का लखनऊ में गर्मजोशी से होगा स्वागत, ग्रुप कैप्टन इस दिन आ सकते हैं गृह जनपद

Advertisment

यह भी पढ़ें- निजीकरण मसौदे की मंजूरी को नियामक आयोग जाएंगे आला अफसर, उपभोक्ता परिषद ने भी कसी कमर

up news | latest up news | UP news 2025 | up news hindi | up news in hindi 

up news latest up news up news in hindi up news hindi UP news 2025
Advertisment
Advertisment