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विद्युत उपभोक्ता परिषद का दावा- यूपी में नहीं बढ़ेंगे बिजल के दाम Photograph: (Google)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। यूपी में बिजली उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी खबर है। पावर कारपोरेशन की ओर से विद्युत नियामक आयोग में प्रस्तावित बिजली दरों में 45 प्रतिशत बढ़ोत्तरी संभव नहीं है। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने राजस्व घाटे पर सवाल उठाते हुए दावा किया कि इस वित्तीय वर्ष में भी उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर सरप्लस निकल रहा है। ऐसे में कारपोरेशन का बिजली दरें बढ़ाने का प्रस्ताव खारिज होना तय है। इससे आम उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त भार नहीं पड़ेगा।
24,022 करोड़ रुपये का दिखाया घाटा
दरअसल, पावर कारपोरेशन ने वर्ष 2023-24 में राजस्व अंतर 4,378 करोड़ और वित्तीय वर्ष 2025-26 में 19,644 करोड़ यानी कुल 24,022 करोड़ रुपये का घाटा दिखाया था। इसी आधार पर बिजली दरों में औसतन 28 प्रतिशत बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव नियामक आयोग में दाखिल किया था। इसमें ग्रामीण व शहरी घरेलू उपभोक्ताओं की बिजली दरों में 45 प्रतिशत तक वृद्धि शामिल है।
बिजली महंगी होने की संभावना खत्म
अब नियामक आयोग में बिजली दरों की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। परिषद की ओर से मल्टी ईयर टैरिफ रेगुलेशन 2025 के तहत किए गए अध्ययन और सभी जरूरी आंकड़ों के मिलान में यह साफ हुआ कि इस बार भी उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर सरप्लस निकल रहा है। इसलिए बिजली महंगी होना संभव नहीं है।
पावर कारपोरेशन को झटका
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि प्रदेश में नई बिजली दरों की घोषणा जल्द की जा सकती है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर पहले से 33,122 करोड़ रुपये सर प्लस है। इसे अलग कर दिया जाए तो इस वित्तीय वर्ष भी सरप्लस निकल रहा है। ऐसे में पावर कारपोरेशन बिजली दरों में बढ़ोतरी का सपना देखना बंद कर दे।
uppcl | UPRVUP
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