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जनसंख्या और उसकी बसावट के आधार पर स्वरूप लेगा ‘UPSCR’, लखनऊ समेत छह शहरों की संवरेगी सूरत

एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि कंसल्टेंट कंपनी एक वर्ष में रीजनल प्लान तैयार करेगी। जिसके बाद कंपनी अगले पांच सालों में रीजनल प्लान के मुताबिक परियोजनाओं को चिन्हित करते हुए उनका डीपीआर तैयार करेगी।

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Deepak Yadav
UPSCR

मंडलायुक्त रोशन जैकब के समक्ष एससीआर के रीजनल प्लान की पहली सर्वे रिपोर्ट का प्रस्तुतिकरण Photograph: (LDA)

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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। यूपी की राजधानी लखनऊ समेत छह जनपदों को मिलाकर विकसित किया जा रहा उत्तर प्रदेश स्टेट कैपिटल रीजन (यूपीएससीआर) क्षेत्र की जनसंख्या और उसकी बसावट के आधार पर स्वरूप लेगा। इसके तहत आबादी क्षेत्र में अवस्थापना, अर्फाेडेबल हाउसिंग, शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार परक परियोजनाएं संचालित की जाएंगी। इसके अलावा पर्यटन व कृषि क्षेत्र को बढ़त देने की दिशा में काम किया जाएगा। 

एसएसीओर रीजनल प्लान की पहली रिपोर्ट पेश

लखनऊ विकास प्राधिकरण की अध्यक्ष व मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब के समक्ष गुरुवार को एससीआर के रीजनल प्लान की पहली सर्वे रिपोर्ट का प्रस्तुतिकरण दिया गया। एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि यूपीएससीआर के लिए जीआईएस आधारित क्षेत्रीय महायोजना तैयार करने के लिए कंसल्टेंट के रूप में एईकॉम इंडिया प्रा.लि. एवं एजीस इंडिया कन्सल्टिंग इंजीनियर्स के कंसोर्टियम का चयन किया गया है। कंसल्टेंट कंपनी एक वर्ष में रीजनल प्लान तैयार करेगी। जिसके बाद कंपनी अगले पांच सालों में रीजनल प्लान के मुताबिक परियोजनाओं को चिन्हित करते हुए उनका डीपीआर तैयार करेगी। साथ ही स्थल पर परियोजनाओं को क्रियान्वित कराने का काम सुनिश्चित कराएगी। 

एससीआर में छह जिले शामिल

एससीआर में लखनऊ, सीतापुर, उन्नाव, हरदोई, बाराबंकी और रायबरेली जनपद शामिल हैं। कंसल्टेंट द्वारा सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया गया कि अन्य जनपदों की तुलना में लखनऊ अधिक विकसित है। आसपास के जनपदों से रोजाना हजारों लोग व्यवसाय, नौकरी, स्वास्थ्य, शिक्षा समेत विभिन्न कारणों से लखनऊ आते हैं। एससीआर के क्रम में आसपास के जनपदों में भी समानांतर रूप से विकास किया जाएगा। इससे निवेश बढ़ेगा, रोजगार व व्यवसाय के अवसर सृजित होंगे। गांवों तक शहरी सुविधाएं पहुंचेंगी और लोगों को उनके क्षेत्र में ही निवास, व्यापार व नौकरी आदि के लिए बेहतर माहौल मिलेगा। 

हाई स्पीड कनेक्टिविटी का प्रावधान  

एससीआर का क्षेत्रफल लगभग 26 हजार वर्ग किलोमीटर है। इसमें शामिल छह जिलों में जरुरी सुविधाओं को बेतहर किया जा रहा है। इस क्रम में जनपदों के बीच हाई स्पीड रेल एवं रोड कनेक्टिविटी का प्रावधान किया जा रहा है। आवागमन तेज और सुगम होने से औद्योगिक व व्यावसायिक विकास को बल मिलेगा। इससे बड़ी तादाद में रोजगार के अवसर सृजित होंगे और प्रदेश का आर्थिक विकास होगा। कंसल्टेंट ने बताया कि सम्बंधित जनपदों की जनसंख्या और बसावट के स्वरूप का अध्ययन किया गया है। इसी के आधार पर अवस्थापना एवं विकास परियोजनाओं का खाका खींचा जा रहा है।

पर्यटन व कृषि क्षेत्र में अपार संभावनाएं 

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एससीआर के सभी छह जनपदों के पर्यटन क्षेत्र का भी अध्ययन किया गया है। इसमें पाया गया कि प्रतिवर्ष लगभग 1.8 करोड़ पर्यटक प्रस्तावित क्षेत्र में आते हैं। इसमें लखनऊ में सर्वाधिक 46 प्रतिशत, बाराबंकी में 31 प्रतिशत, उन्नाव में 14 प्रतिशत, सीतापुर में सात प्रतिशत, हरदोई एवं रायबरेली में एक प्रतिशत पर्यटन हैं। इसी तरह कृषि क्षेत्र का भी अध्ययन किया गया है, जिसमें देश के विभिन्न राज्यों की तुलना में यहां बढ़ोत्तरी की अपार संभावनाएं हैं। मण्डलायुक्त ने निर्देश दिये कि सर्वे को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए प्रत्येक जनपद में एक-एक कंसल्टेंट नियुक्त किया जाए, जिससे डाटा कलेक्शन में आसानी हो और कार्य को गति मिल सके।

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LDA
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