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मातृभूमि योजना से संवर रहा गांवों का भविष्य Photograph: (Google)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। यूपी के पंचायतीराज मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि मातृभूमि योजना जनसहभागिता से विकास की दिशा में एक नई पहल है, जो समाज और शासन को एक सूत्र में बांधती है। योजना प्रवासी और प्रदेश में रह रहे नागरिकों को अपने पैतृक गांवों के विकास में सीधी भागीदारी का अवसर प्रदान कर रही है। लोग अब अपने गांवों में सरकारी सहयोग से स्कूल, कला अकादमी, खेल परिसर, सीसी रोड, हाईमास्ट लाइट जैसी सार्वजनिक मूलभूत सुविधाएं विकसित करवा रहे हैं। इस योजना के अंतर्गत व्यक्ति या संस्था को परियोजना की कुल लागत का 60 प्रतिशत योगदान स्वयं करना होता है। जबकि 40 प्रतिशत राशि राज्य सरकार द्वारा दी जाती है। पंचायती राज विभाग इस योजना के संचालन, पारदर्शी ऑनलाइन पंजीकरण और प्रगति की निगरानी में सक्रिय भूमिका निभा रहा है।
12 परियोजनाएं पूरी, 24 निर्माणाधीन
राजभर ने शुक्रवार को बताया कि योजना के अंतर्गत 12 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। 24 निर्माणाधीन और 28 नए संभावित दानदाता सामने आए हैं। लखनऊ, गोरखपुर, उन्नाव, हरदोई, इटावा, कासगंज, मथुरा और देवरिया में इसके सकारात्मक परिणाम दिखाई दे रहे हैं। कुछ प्रमुख कार्यों में बागपत में सीसी रोड निर्माण, गोरखपुर की ग्राम पंचायतों जंगल रानी सुहास कुंवारी और नारायणपुर में सीसीटीवी कैमरों की स्थापना, हरदोई में सरदार पटेल स्मारक के लिए टीन शेड, लखनऊ की ग्राम पंचायत खुशहालगंज में सोलर लाइटें, इटावा की जेतपुर जमनापार और पुरा मोरंग में स्ट्रीट लाइटें, उन्नाव की कलौन पंचायत में 20 सोलर स्ट्रीट लाइटें, कासगंज के नगला कुंदन में इंटरलॉकिंग सड़क, मथुरा के तरौली शुमाली में महाराणा प्रताप की प्रतिमा और चौराहे का सौंदर्यीकरण तथा देवरिया की मटियारा जगदीश पंचायत में 11 सोलर लाइटें स्थापित की गई है।
प्रवासी नागरिकों को अपने गांवों से जोड़ रही योजना
मंत्री ने कहा कि यह योजना बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के साथ प्रवासी नागरिकों को अपने गांवों से भावनात्मक रूप से भी जोड़ रही है। हर पूरी हो चुकी परियोजना पर लगाए गए शिलापट्ट पर दानकर्ता का नाम अंकित किया जाता है। जिससे यह भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनती है। मातृभूमि योजना के तहत समाज, प्रशासन और सरकार मिलकर गांवों के भविष्य को संवार रहे हैं। यह योजना ग्रामीण आत्मनिर्भरता, सामाजिक एकता और भावनात्मक जुड़ाव का प्रतीक बन चुकी है। उत्तर प्रदेश के गांवों में जो बदलाव दिख रहा है, उसके पीछे सरकार की संवेदनशील सोच और प्रवासी नागरिकों का समर्पण समान रूप से काम कर रहा है।
UP Govt | om prakash rajbhar
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