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वसीम रिजवी ने शिया-सुन्नी वक्फ बोर्ड पर लगाए गंभीर आरोप, बोले- मुतावाल्ली हिन्दुओं की सम्पत्ति...

जितेंद्र नारायण सिंह उर्फ वसीम रिजवी ने शिया सुन्नी वक्फ बोर्ड पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया कि उम्मीद पोर्टल पर शिया सुन्नी वक्फ बोर्ड के मुतावाल्ली वक्फ संपत्ति के साथ दूसरों की निजी संपत्तियां भी अवैध रूप से वक्फ में दर्ज कर रहे हैं।

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Deepak Yadav
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वीसम रिजवी ने शिया सुन्नी वक्फ बोर्ड पर लगाए गंभीर आरोप Photograph: (YBN)

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। हिंदू महासभा के उपाध्यक्ष और धर्म बदलने के कारण चर्चा में रहे जितेंद्र नारायण सिंह उर्फ वसीम रिजवी ने शिया सुन्नी वक्फ बोर्ड पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया कि उम्मीद पोर्टल पर शिया सुन्नी वक्फ बोर्ड के मुतावाल्ली वक्फ संपत्ति के साथ दूसरों की निजी संपत्तियां भी अवैध रूप से वक्फ में दर्ज कर रहे हैं। इसमें हिंदुओं की और बेनामी संपत्तियों को निशाना बनाया जा रहा है।

पूर्व नामित सदस्य अब अयोग्य

रिजवी ने कहा कि वक्फ अधिनियम संशोधन 2025 देश में लागू हो चुक है। इसके तहत पूर्व में गठित किए गए वक्फ बोर्ड में सिर्फ निर्वाचित सदस्य अपना निर्धारित कार्यकाल पूरा करेंगे। वक्फ अधिनियम में हुए संशोधन के बाद नामित सदस्यों की सदस्यता शून्य हो गई है। वक्फ बोर्ड में नई व्यवस्था के अनुसार, सदस्य नामित किए जाने चाहिए। पूर्व नामित सदस्यों को इस संशोधन के बाद बोर्ड में कार्य करने का कोई भी अधिकार नहीं है।

सरकारी अनुमति के बिना बोर्ड बैठक गैरकानूनी

वसीम रिजवी ने इस संबंध में शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी व सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी को एक पत्र भेजा है। जिसमें उन्होंने कहा कि बिना सरकार की अनुमति के पूर्व नामित सदस्यों कोई निर्देश वक्फ बोर्ड की मीटिंग किया जाना गैर कानूनी होगा। लेकिन संज्ञान में आया है कि 13 अक्टूबर को शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड में बोर्ड की बैठक होने जा रही है। इसमें वर्ष 2021 में नामित सदस्य शामिल हो रहे हैं।

सीएम और अल्पसंख्यक कल्याण व वक्फ विभाग को भेजा पत्र

जितेंद्र नारायण ने कहा कि शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड में वर्तमान में मात्र एक बेगम नूर बानो रामपुर निर्वाचित सदस्य हैं। इनके अतिरिक्त शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड उत्तर प्रदेश मे बोर्ड के अध्यक्ष सहित सभी सदस्य की सदस्यता वक्फ अधिनियम में संशोधन होने के पश्चात समाप्त हो चुकी है। उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक विभाग को इस मामले का संज्ञान लेना चाहिए। मुख्यमंत्री तथा अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ विभाग को पत्र लिखकर स्थिति से अवगत कराया है, क्योंकि यह मामला अति गंभीर है।

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