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पानी है अनमोल... जानेंगे माध्यमिक विद्यालयों के छात्र

प्रदेश में माध्यमिक विद्यालयों के लिए जारी एकेडमिक कैलेंडर में एक भारत श्रेष्ठ भारत अभियान के अंतर्गत इन्हें शामिल करने पर बल दिया जा रहा है। गंगा नदी की निर्मलता और अविरलता भी उसी का हिस्सा है। 

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Anupam Singh
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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार शिक्षा में छात्रों को एकेडमिक शिक्षा के साथ राष्ट्र बोध और नैतिक दायित्व बोध के साथ जोड़ने का प्रयत्न कर रही है। प्रदेश में माध्यमिक विद्यालयों के लिए जारी एकेडमिक कैलेंडर में एक भारत श्रेष्ठ भारत अभियान के अंतर्गत इन्हें शामिल करने पर बल दिया जा रहा है। गंगा नदी की निर्मलता और अविरलता भी उसी का हिस्सा है। 

माध्यमिक विद्यालयों में जल साक्षर बनेंगे छात्र

राष्ट्र निर्माण की प्रथम पाठशाला हैं विद्यालय जिनमें  माध्यमिक विद्यालयों की भूमिका सर्वोपरि मानी गई है। इन्ही शिक्षा के मंदिरों में विद्यार्थियों को उनके नैतिक दायित्व व राष्ट्र बोध से जोडने की सरकार की कोशिश है। इसके लिए प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों के लिए प्रदेश की तरफ से जारी एकेडमिक कैलेंडर में इन्हें जगह दी गई है। के पी इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ योगेंद्र सिंह बताते हैं कि माध्यमिक शिक्षा निदेशक की तरफ से जारी पत्र में वर्षभर होने वाली गतिविधियों का विवरण सभी विद्यालयों को इसी संदर्भ में भेजा गया है। इसमें गंगा की अविरलता एवं स्वच्छता अभियान से छात्रों को जोड़ने का उल्लेख है। इसके  विद्यालय के छात्रों को जल साक्षर बनाने का प्रयास को भी शामिल किया गया है।

स्वच्छता के प्रति समाज के दूत बनेंगे छात्र

प्रदेश की ओर से जारी अकादमिक कैलेंडर में एक भारत श्रेष्ठ भारत अभियान के अंतर्गत ऐतिहासिक व भौगोलिक परिदृश्य से छात्रों को परिचित कराने के साथ खेलकूद,  सांस्कृतिक व साहित्यिक गतिविधियों से परिचित कराने पर भी बल दिया गया है। इसके साथ ही विद्यालय स्तर पर आयोजनों की रूपरेखा तय करने का निर्देश भी दिया गया है। इसी क्रम में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय दिवसों, सप्ताहों से संबंधित गतिविधियां अनिवार्य रूप से कराई जाएंगी। इसमें सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता लाने के साथ गंगा की अविरलता एवं स्वच्छता अभियान से भी प्रत्येक विद्यार्थी को जोड़ा जाएगा।छात्र छात्राओं को समूह आधारित फील्ड वर्क से जोड़ा जाएगा। किसी नदी या तालाब के पास ले जाकर विद्यार्थियों से लघु रिपोर्ट बनवाई जाएगी। इसी तरह किसी गांव, कस्बे का भ्रमण कराते हुए वहां के जल प्रबंधन और जल संरक्षण बारे में छात्रों को जानकारी दी जाएगी।

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