Advertisment

Electricity Privatisation : निजीकरण के खिलाफ बिजली कर्मियों का हल्ला बोल, लाखों कर्मचारी सड़क पर उतरे

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने आरोप लगाते हुए कहा कि पावर कारपोरेशन ऊर्जा निगमों में आपातकाल जैसे हालात पैदा कर निजीकरण का टेंडर निकालने की साजिश रच रहा है।

author-image
Deepak Yadav
एडिट
protest against electricity privatisation lucknow

निजीकरण के खिलाफ बिजली कर्मियों का हल्ला बोल Photograph: (YBN)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। यूपी में पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आंदोलन के क्रम में बिजल कर्मियों ने बुधवार को लखनऊ में रेजिडेंसी उपकेन्द्र पर आवाज बुलंद की। कर्मचारियों ने आरोप लगाते हुए कहा कि आद्योगिक समूहों के फायदे के लिए बिजली कंपनियों को बेचा जा रहा है। निजीकरण के मसौदे में नियामक आयोग की ओर से कमियां निकालने के बाद भी सरकार और पावर कारपोरेशन मनमानी कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि निजीकरण उपभोक्ताओं और कार्मिकों के हित में नहीं है। जब तक सरकार अपना फैसला वापस नहीं लेती, आंदोलन जारी रहेगा।

01

कर्मचारी जेल भरो आन्दोलन को तैयार

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने आरोप लगाते हुए कहा कि पावर कारपोरेशन ऊर्जा निगमों में आपातकाल जैसे हालात पैदा कर निजीकरण का टेंडर निकालने की साजिश रच रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि किस स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट के आधार पर निजीकरण किया जा रहा है, उसे सार्वजनिक किया जाय। उन्होंने कहा कि कर्मचारी निजीकरण का टेंडर होने पर जेल भरो आन्दोलन के लिए तैयार हैं। 

02

तानाशाही पर उतर आई सरकार

अभियंता संघ के महासचिव जितेंद्र सिंह गुर्जर ने कहा​ कि सरकार तानाशाही पर उतर आई है। निजीकरण के खिलाफ आवाज उठाने वाले अभियंताओं पर झूठी एफआईआर दर्ज कराई जा रही है। इससे साबित हो गया है कि प्रदेश के 42 जिलों की बिजली व्यवस्था निजी घरानों को देने की प्रकिया में भ्रष्टाचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि निजीकरण के बाद 7.5 0 हॉर्स पावर के पम्प के एक गरीब किसान को दस हजार से अधिक का बिजली का बिल देना पड़ेगा। निजीकरण को बड़ी लूट बताते हुए इसे तत्काल निरस्त करने की मांग की।

WhatsApp Image 2025-07-02 at 3.07.42 PM (7)

लाखों कर्मचारी सड़क पर उतकर जता रहे विरोध

नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स के आह्वान देश के 27 लाख बिजली कर्मचारी, संविदा कर्मी, जूनियर इंजीनियर, अभियंता, किसान और उपभोक्ता सभी जिला और परियोजना मुख्यालयों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी क्रम में यूपी के करीब एक लाख कर्मचारी सड़क पर उतकर विरोध दर्ज करा रहे हैं।

Advertisment

यह भी पढ़ें- यूपी के निजी अस्पताल बने लूट का अड्डा, यूपीसीडीएफ ने जेपी नड्डा को लिखी चिट्टी

यह भी पढ़ें- बच्चों की जान से खिलवाड़ : लखनऊ में 511 स्कूल वाहन अनफिट, परिवहन विभाग की सख्ती बेअसर

यह भी पढ़ें- आज से अनफिट वाहनों के खिलाफ चलेगा अभियान

यह भी पढ़ें- गोमतीनगर समेत कई क्षेत्रों में आज 7 घंटे गुल रहेगी बिजली, कहीं आपका इलाका तो नहीं है शामिल

Advertisment
Electricity Privatisation
Advertisment
Advertisment