Advertisment

दलहन और तिलहन के उत्पादन पर योगी सरकार का फोकस

प्रगतिशील किसानों में 4,58,000 निःशुल्क मिनीकिट भी बांटेगी, जिसमें दलहन, उर्द, मूंग, अरहर के 1,05,000, तिल के 1,00,000, मूंगफली के 6,000 किट होंगे।

author-image
Anupam Singh
ििह
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता।  तेल और दाल। ये दोनों हर किचन की रोजमर्रा की अनिवार्य उपयोग की चीजें हैं, इसीलिए कीमतों के लिहाज से ये बेहद संवेदनशील भी हैं। करीब 140 करोड़ की आबादी के नाते इनकी कीमतों में थोड़ी सी भी तेजी संवेदनशीलता को और बढ़ा देती है। चूंकि देश में इनका उत्पादन मांग की तुलना में कम है, लिहाजा भारत से थोड़ी भी अतिरिक्त मांग निकलने पर अंतराष्ट्रीय बाजार में भी इसका भाव चढ़ जाता है। यूं तो ये पूरे देश को प्रभावित करता है पर देश की सर्वाधिक आबादी की वजह से उत्तर प्रदेश इससे सबसे अधिक प्रभावित होता हो।

Advertisment

दलहन एवं तिलहन का रकबा और उपज बढ़ाने के लिए सरकार के प्रयास

ऐसा न हो। आम आदमी के थाल की दाल गाढ़ी रहे और तड़के के तेल की धार पतली न हो, इसके लिए उत्पादन बढ़ाना सबसे जरूरी है। उत्पादन तभी बढ़ेगा जब किसान इनका रकबा बढ़ाएं और उत्पादित फसल का उचित दाम मिले। डबल इंजन की सरकार (मोदी एवं योगी सरकार) का इन दोनों पर फोकस है। हाल में केंद्र सरकार द्वारा खरीफ की प्रमुख फसलों के लिए घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में भी इनके दाम बढ़ाए गए हैं। इनमें एक दशक के दौरान दलहन और तिलहन की अलग अलग फसलों की एमएसपी में 81 से लेकर 172 फीसद तक की वृद्धि हुई है। सबसे कम 81 फीसद की वृद्धि मूंगफली और सबसे अधिक 172 फीसद की वृद्धि नाइजर सीड में हुई है।

 एमएसपी के जरिए उत्पादन करने वाले किसानों को लागत के अनुसार उचित दाम दिलाने के साथ सरकार इनका रकबा और उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों की जागरूक करने के साथ हरसंभव सहयोग भी कर रही है। देश में अब तक के सबसे बड़े अभियान विकसित कृषि संकल्प अभियान के दौरान किसानों को दलहन एवं तिलहन की उन्नत खेती के तरीकों की जानकारी दी जा रही है। यही नहीं, इस अभियान के दौरान योगी सरकार प्रगतिशील किसानों में 4,58,000 निःशुल्क मिनीकिट भी बांटेगी, जिसमें दलहन, उर्द, मूंग, अरहर के 1,05,000, तिल के 1,00,000, मूंगफली के 6,000 किट होंगे।

Advertisment

सरकार दलहन और तिलहन मिशन भी चला रही है। दलहन को योगी सरकार ने अपनी महत्वाकांक्षी योजना एक जिला, एक उत्पाद (ओडी ओपी) में भी शामिल कर रखा है। दलहन की खेती को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार दलहन ग्राम योजना भी चला रही है। इस सबके नतीजे भी दिख रहे हैं। 

आठ साल में 128% बढ़ा तिलहनी फसलों का उत्पादन

प्रदेश सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार साल 2016/2017 में तिलहन का उत्पादन मात्र 12.40 लाख मीट्रिक टन था, जो 2023-24 में बढ़कर 20.31 लाख मीट्रिक टन हो गया। यह 128% की अभूतपूर्व वृद्धि है। इसी तरह की वृद्धि दलहन की फसलों में भी हुई। बुंदेलखंड और पूर्वांचल को केंद्र में रखकर विश्वबैंक की मदद से चल रही यूपी एग्रीज जैसी महत्वाकांक्षी योजना के जरिए दलहन एवं तिलहन का रकबा और उपज बढ़ने का यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा।

Advertisment

एक दशक के दौरान एमएसपी में हुई वृद्धि
फसल   एमएसपी  वृद्धि (प्रतिशत में)
अरहर  8000        86
मूंग       8768          95
उर्द        7800         81
मूंगफली  7263        82
सूरजमुखी 7721      109
सोयाबीन  5328      108
तिल     9846            119
नाइजर सीड 9537    172
(वृद्धि प्रति कुंतल रुपए में)

यह भी पढ़ें- समृद्ध धान नेटवर्क : यूपी में किसानों की उन्नति की नई राह, श्रम लागत में आएगी भारी कटौती

यह भी पढ़ें : Electricity : यूपी में 12 हजार मेगावाट बेढ़गा बिजली उत्पादन, निजीकरण प्रकिया की रफ्तार तेज

Advertisment

यह भी पढ़ें- काम की खबर : खुद Online बना सकते हैं Cashless Card, बस जाएं इस वेबसाइट पर

यह भी पढ़ें: Electricity Privatisation : बिजली कंपनियों को भुगतान के लिए 2400 करोड़ का कर्ज, फिर निजीकरण क्यों?

lucknow latest news lucknowcity latest lucknow news in hindi local news lucknow Lucknow
Advertisment
Advertisment