महाकुंभ में मौनी अमावस्या के मौके पर हुई भगदड़ में न्यायिक आयोग अपनी जांच कर रहा है लेकिन साथ यूपी पुलिस की एसटीएफ ने भी जांच तेज कर दी है। सूत्रों का कहना है एसटीएफ को इस घटना के पीछे साजिश का इनपुट मिला है। एसटीएफ ने इस एंगल पर जांच तेज कर दी है। जांच के लिए संगम तट के आसपास सक्रिय मोबाइल फोनों की जांच की जा रही है, खासकर भगदड़ के बाद से बंद चल रहे फोन एसटीएफ के रडार पर आ गए हैं। एसटीएफ मामले में कुछ बड़ा खुलासा कर सकती है।
जांच में 16 हजार मोबाइल शामिल
एसटीएफ ने साजिश के एंगल पर जांच करने के लिए 16 हजार मोबाइल फोन जांच के दायरे में लिए हैं। जांच के दौरान कई मोबाइल बंद मिलने से जांच टीम का माथा ठनक गया और इस एंगल पर जांच तेज कर दी। सीसीटीवी की जांच करते हुए फेस रिकग्नीशन एप की मदद से संदिग्धों की पहचान की जा रही है। हालांकि इस संबंध में एसटीएफ की ओर से अभी कोई अधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है।
महंत रविंद्र पुरी ने कही थी साजिश की बात
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने दो दिन पहले एक बयान जारी कर रहा था कि भगदड़ के पीछे भारी भीड़ तो एक कारण है ही, लेकिन इसके पीछे साजिश की भी जांच होनी चाहिए। महंत ने कहा था कि कुछ वामपंथी यूटयूबर्स ने महांकुभ और संतों को लेकर दुप्रचार कर छवि धूमिल करने का प्रयास किया। इसके साथ ही उन्होंने सनातन विरोधी नेताओं को भी जांच के दायरे में लाने की भी मांग की थी। उन्होंने कहा था कि महाकुंभ का आयोजन बहुत भव्य और दिव्य चल रहा था, इसे सनातन विरोधियों की नजर लग गई।
30 श्रद्धालुओं की हुई थी मौत
मौनी अमावस्या के मौके पर हुई भगदड़ के बाद यूपी सरकार की ओर से 30 श्रद्धालुओं की मौत और 60 श्रद्धालुओं के घायल होने की पुष्टि की थी, हालांकि समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव लगातार मौतों का आंकड़ा न दिए जाने का आरोप सरकार पर लगा रहे हैं। अखिलेश ने रविवार को भी एक वीडियो शेयर कर पोस्टमार्टम हाउस के बाहर लंबी लाइन लगे होने और लाश न दिए जाने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं।