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Moradabad: मुरादाबाद के कारोबारी 50 लाख की मिट्टी के बर्तन देते हैं बेंच

Moradabad: मुरादाबाद में पीतल की नगरी ने दुनिया में चाहे जितना नाम कमा लिया हो मगर आपको जानकर ताज्जुब होगा कि यहां के कारोबारी 50 लाख की मिट्टी के बर्तनों को भी हर साल बेचकर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।

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shivi sharma
वाईबीएन

मिट्टी के बर्तन Photograph: (MORADABAD )

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मुरादाबाद, वाईबीएन, संवाददाता।मुरादाबाद में पीतल की नगरी ने दुनिया में चाहे जितना नाम कमा लिया हो मगर आपको जानकर ताज्जुब होगा कि यहां के कारोबारी 50 लाख की मिट्टी के बर्तनों को भी हर साल बेचकर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। बता दे की यहां के स्थानीय युवाओं और कारीगरों ने पारंपरिक मिट्टी के बर्तनों को आधुनिक डिज़ाइन और उपयोगिता के साथ प्रस्तुत कर बाजार में नई पहचान बनाई है।

मिट्टी के बर्तनों की बढ़ती मांग

मुरादाबाद में मिट्टी से बने प्रेशर कुकर, डालहांड़ी, डिनर सेट, कप-प्लेट, पानी की बोतलें और केतली जैसे बर्तन बाजार में उपलब्ध हैं।  इन बर्तनों की मांग न केवल स्थानीय बाजार में बढ़ी है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता के चलते इनकी लोकप्रियता और भी बढ़ रही है।  लोगों का मानना है कि मिट्टी के बर्तनों में खाना पकाने से स्वाद में वृद्धि होती है और यह स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होता है। 

कारोबार की शुरुआत और विस्तार

स्थानीय युवा अंचित अग्रवाल ने मात्र 50,000 रुपये की पूंजी से मिट्टी के बर्तनों का कारोबार शुरू किया था।  उनकी मेहनत और नवाचार के चलते यह व्यवसाय तेजी से बढ़ा और अब वे बड़े स्तर पर इस कारोबार का विस्तार करने की योजना बना रहे है। 

पर्यावरण संरक्षण में योगदान

वाईबीएन
मिट्टी के बर्तन Photograph: (MORADABAD )
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मिट्टी के बर्तनों का उपयोग प्लास्टिक और धातु के बर्तनों के विकल्प के रूप में किया जा रहा है, जिससे पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिल रहा है।  इन बर्तनों की विशेषता यह है कि इनमें खाना अधिक समय तक गर्म रहता है और गैस की खपत भी कम होती है। 

मुरादाबाद में मिट्टी के बर्तनों का कारोबार न केवल आर्थिक रूप से लाभकारी सिद्ध हो रहा है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण और पारंपरिक हस्तशिल्प को पुनर्जीवित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।  स्थानीय युवाओं की पहल और नवाचार से यह क्षेत्र नई ऊंचाइयों को छू रहा है। 

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