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Bihar Rice Scam – CBI एक्शन में , मुरादाबाद- संभल से पांच गिरफ्तार , मुख्य आरोपी फरार

बिहार में करीब 97 करोड़ के हुए धान खरीद घोटाले के तार मुरादाबाद और उसके आस-पास जिलों से जुड़े होने पर दिल्ली सीबीआई की टीम ने छापेमारी की। हालांकि मुख्य आरोपी पकड़ में नहीं आया।

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Anupam Singh
अहह
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मुरादाबाद, वाईबीएन संवाददाता।

बिहार में करीब 97 करोड़ के हुए धान खरीद घोटाले के तार मुरादाबाद और उसके आस-पास जिलों से जुड़े होने पर दिल्ली सीबीआई की टीम ने छापेमारी की। हालांकि मुख्य आरोपी पकड़ में तो नहीं आया। मगर सीबीआई टीम ने मुख्य आरोपी कुंदरकी निवासी उसके भाई समेत पांच को हिरासत में ले लिया, जिन्हे सीबीआई टीम लेकर दिल्ली चली गई।

यह है मामला

वर्ष 2023 में बिहार से सस्ता धान लाकर यहां के सरकारी क्रय केंद्रों पर बेचा गया। साथ ही धान की कुटाई कराकर चावल बनाने के बजाए सीधे सस्ता चावल भी खरीद लिया गया और धान की किसानों से खरीद दिखाई गई, इनमे उन किसानों को भी शामिल कर लिया गया, जिसके पास जमीनें नहीं थीं। करीब 97 करोड़ के इस घोटोले में मुरादाबाद का अर्पण मास्टर माइंड कहा जा रहा है। वह सीबीआइ के हत्थे नहीं चढ़ा, मगर उसके पिता रामपाल सिंह, अर्पण के साथी विशाल के नहीं मिलने पर उसके भाई राकी और गांव के मदन सिंह, संभल से विकास और उसके बहनोई राज को सीबीआइ टीम अपने साथ दिल्ली ले गई। 

क्या बोले एसएसपी

एसएसपी सतपाल अंतिल ने बताया कि कुंदरकी क्षेत्र के अब्दुल्लापुर गांव में सीबीआइ टीम आई थी। टीम ने पुलिस फोर्स की मांग की थी, जो मैने उपलब्ध करवा दिया। 

इस तरह से किया गया खेल

केंद्र सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर क्रय केंद्रों के माध्यम से धान खरीद करवाती है। इसके बाद राइस मिलर्स को धान से चावल निकलवाने के लिए 20 रुपये प्रति क्विंटल तक कुटाई देती है। बिहार व अन्य राज्यों से माफिया नकद भुगतान कर धान और चावल को सस्ते दाम पर खरीदकर लाए थे। कागजों में इसे दिल्ली ले जाना बताया गया। मगर मुरादाबाद, रामपुर, संभल और बिजनौर आदि जिलों में इसे उतार दिया गया।

किसानों को भी मिला कमीशन

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 यहां बता दें कि सरकारी क्रय केंदों पर धान की बिक्री किसान के नाम होती है। इसलिए किसानों को कमीशन देकर उनके नाम से खरीद दिखा दी गई। भुगतान होने पर कमीशन काटकर अपनी धनराशि खातों से निकाल ली गई। इसी तरह चावल को सीधे राइस मिलर्स के माध्यम से खपाया गया। इस पूरे मामले में केंद्र प्रभारी से लेकर खरीद से जुड़े अन्य अधिकारी भी लिप्त रहे थे। कई ऐसे लोगों के भी खाते भी खुलवा दिये गये, जिनके नाम कृषि भूमि नहीं है।

संभल में भी छापेमारी

संभल में नगर पंचायत महमूदपुर माफी से राज को सीबीआई टीम ने हिरासत में लिया। उसके साले विकास को संभल से दबोचा। विकास जींस फैक्ट्री में काम करता है। बताया जाता है कि अर्पण को पूर्व में एक अन्य मामले में दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ चुका है। वह जमानत पर है।

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