/young-bharat-news/media/media_files/2025/04/24/IhG6HKVD7sPojFmhsTUX.jpg)
00:00
/ 00:00
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
मुरादाबाद के जिला उद्यान अधिकारी (DHO) की ओर से राजकीय प्रक्षेत्र रौंडा और फैजुल्लागंज में लगे पेड़ों की नीलामी प्रस्तावित है। मगर जानकर ताज्जुब होगा कि 56 पेड़ वहां मौके पर हैं ही नहीं। यह पेड़ कहां गये? किसने कटवा दिये। इसका पता ही नहीं चल रहा है, इस बारे में जिला उद्यान अधिकारी कुछ बताना नहीं चाहते हैं। यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि शासन में जिला उद्यान अधिकारी के निलंबन के लिए मौजूद उनके कारनामों की फाइल में लिखा हुआ है। यही नहीं, डीएम को बताये बगैर 500 आम के हरे पेड़ों को भी कटवा दिया गया है।
फाइल में दर्ज DHO के कारनामों के मुताबिक पिछले दिनों पर प्रभागीय निदेशक, सामाजिक वानिकी प्रभाग मुरादाबाद और उपनिदेशक उद्यान विभाग ने राजकीय प्रक्षेत्र रौंडा और फैजुल्लागंज का निरीक्षण किया था, जिसमें यूकेलिप्टस के 1150 में से कुल 1113 पेड़ वहां पर मौजूद मिले। इस तरह से 37 पेड़ कम पाए गए। नीम के 29 में से 10 पेड़ मौके पर खड़े मिले। बाकी 19 पेड़ कहां गये। इसके बार में कोई पता नहीं चला। इस तरह से कुल 56 पेड़ नीलामी से पहले ही मौके से नदारद मिले, जिसमें जिला उद्यान अधिकारी और पर्यवेक्षक दिलीप कुमार की भूमिका संदिग्ध बताई गई है और इन पेड़ों के गायब होने के लिए पूर्ण रूप से इन दोनों अधिकारियों को दोषी ठहराया गया है।
जिला उद्यान अधिकारी को जिन पेड़ों की निलामी साल भार बाद करनी थी। उन पेड़ों को एक साल पहले मुल्यांकन करवा लिया। जबकि एक साल के भीतर पेड़ों की लंबाई, चौड़ाई और मोटाई बढ़ गई। इस तरह से नीलामी में सरकार को राजस्व की क्षति पहुंचाई गई। इसके लिए भी जिला उद्यान अधिकारी को दोषी माना गया है।
कमिश्नर मुरादाबाद की ओर से स्पष्ट निर्देश हैं कि प्रकृति की सुंदरता को बनाए रखने के लिए पहली बात हरे-भरे पेड़ों को काटा ना जाए। अगर काटना बहुत ही जरूरी है तो उसके पहले जिलाधिकारी की अनुमति ली जाए। उसके पश्चात ही पेड़ों को काटा जाए। मगर जिला उद्यान अधिकारी के दफ्तर में कार्यरत निरीक्षक दिलीप कुमार ने आम के हरे भरे बागों के 500 पेड़ों को काटने की निरीक्षण रिपोर्ट लगा दी, जबकि वह मौके पर गये ही नहीं और आम के उन 500 पेड़ों को कटवा दिया गया। जब इस बारे में वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से आख्या मांगी गई तो पातन रिपोर्ट लगाकर दे दी गई। इस कार्य में जिला उद्यान अधिकारी वैजनाथ सिंह और वरिष्ठ उद्यान निरीक्षक दिलीप कुमार दोषी पाये गये हैं।
यह भी पढ़ें: Pahalgam Attack: 48 घंटे के अंदर पाकिस्तानी नागरिकों को छोड़ना होगा मुरादाबाद
यह भी पढ़ें: Moradabad के भ्रष्ट जिला उद्यान अधिकारी ने बेच दिया 100 हेक्टेयर लहसुन का बीज
यह भी पढ़ें: Moradabad: चीफ इंजीनियर के हस्तक्षेप के बाद भी नहीं माने जेई, E E का हो स्थानांतरण
यह भी पढ़ें: Moradabad: विधायक के अल्टीमेटम से नवीन मंडी सभापति और मंडी सचिव सकते में