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Photograph: (moradabad)
मुरादाबाद वाईबीएन संवाददाता l मुरादाबाद के सिविल लाइंस स्थित कोठी नंबर-4 को लेकर चल रहे विवाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें समाजवादी पार्टी (सपा) से यह कोठी खाली कराने की बात कही गई थी। यह कोठी लगभग 31 वर्ष पहले मुलायम सिंह यादव के नाम पर आवंटित की गई थी और तब से यह सपा का जिला कार्यालय बनी हुई है।
सपा ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध करार देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी
मुरादाबाद के जिलाधिकारी अनुज सिंह ने इस कोठी का आवंटन रद्द कर दिया था और 30 दिन के अंदर कोठी खाली करने का नोटिस जारी किया था। प्रशासन का तर्क था कि कोठी का उपयोग राजनीतिक गतिविधियों के लिए किया जा रहा है, जबकि यह नजूल भूमि पर स्थित सरकारी संपत्ति है। हालांकि, सपा ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध करार देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि प्रशासन ने बिना उचित प्रक्रिया और बिना ठोस आधार के जल्दबाजी में कार्रवाई की है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि कोई आवंटन 31 वर्षों से नियमित रूप से चला आ रहा है और उस पर कोई पूर्व विवाद नहीं था, तो अचानक कार्रवाई का औचित्य साबित करना प्रशासन का दायित्व है, जो इस मामले में पूरा नहीं हुआ। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद अब फिलहाल यह ऐतिहासिक कोठी सपा के पास ही बनी रहेगी। सपा जिलाध्यक्ष जयवीर यादव ने कहा कि पार्टी इस फैसले का स्वागत करती है और कोठी नंबर-4 मुरादाबाद की राजनीतिक विरासत का हिस्सा बनी रहेगी।
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