/young-bharat-news/media/media_files/2025/05/06/47mbhJhl809zxGcO3WnI.jpg)
Photograph: (MORADABAD )
मुरादाबाद, वाईबीएन संवाददाता।उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के छजलेट ब्लॉक में बेसिक शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं। प्राथमिक शिक्षक संघ के ब्लॉक अध्यक्ष कपिल सिरोही द्वारा "स्कूल चलो अभियान एवं सेवानिवृत्त शिक्षक सम्मान समारोह" के नाम पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। वह भी बिना किसी विभागीय अनुमति के और स्कूल समय के बीच।
आयोजन सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक चला
शासन के स्पष्ट निर्देश हैं कि विद्यालय समय में कोई भी गैर-शैक्षणिक गतिविधि नहीं की जा सकती, फिर भी यह आयोजन सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक चला। हैरान करने वाली बात यह है कि न तो विभागीय अनुमति ली गई, न ही कोई अधिकारी या जनप्रतिनिधि इस आयोजन में आमंत्रित था। कार्यक्रम में न सिर्फ सैकड़ों शिक्षक बिना अनुमति के शामिल हुए, बल्कि कई स्कूलों से बच्चों को भी बुलाकर मंच पर डांस तक कराया गया। आयोजकों के पास बच्चों को स्कूल से लाने की भी कोई आधिकारिक अनुमति नहीं थी।
/young-bharat-news/media/media_files/2025/05/06/DFtCXMVz81VnSu4W9fq2.jpg)
यह अकेला मामला नहीं है। जिले के अन्य ब्लॉकों में भी ऐसे आयोजन लगातार हो रहे हैं, जो यह दर्शाते हैं कि शिक्षक संघ और विभागीय अधिकारियों के बीच ‘मौन सहमति’ है। नियमों की खुली अनदेखी के बावजूद अधिकारियों की चुप्पी ने इस पूरे तंत्र पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है। इस घटना को लेकर मल्हपुर खैया निवासी राहुल वर्मा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक विस्तृत शिकायत पत्र भेजा है, जिसमें उन्होंने प्रमाणों के साथ कार्यक्रम की अवैधता को उजागर किया है। उन्होंने यह भी पूछा है कि जब यह आयोजन सार्वजनिक रूप से हुआ और उसकी कवरेज अखबारों में प्रकाशित हुई, तब विभाग के आला अधिकारियों ने स्वतः संज्ञान क्यों नहीं लिया?
राहुल वर्मा की यह शिकायत अब प्रदेश के शिक्षा तंत्र की साख की परीक्षा बन गई है। यदि इस पर कड़ी कार्रवाई नहीं हुई, तो यह संदेश जाएगा कि नियम कानून केवल कागजों तक सीमित हैं लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है।
यह भी पढ़ें: Moradabad: दिन में सट्टा और रात में गुंडई करते थे फरार मुरादाबाद के आईपीएल सट्टेबाज
यह भी पढ़ें:Moradabad: किसानों को पिछले बीस दिन से नहीं मिली बिजली शहर में भी तरसे लोग
यह भी पढ़ें: यूपी के जिला अस्पतालों के मरीजों की एमआरआई जांच अब बाहर से होगी, जाने क्यों