यूपी के जिला अस्पतालों के मरीजों की एमआरआई जांच अब बाहर से होगी, जाने क्यों
उत्तर प्रदेश के जिला अस्तपतालों में एमआरआई जांच के लिए सरकार की ओर से की गई पहल सफल नहीं हो सकी है। इसलिए अब जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों की एमआरआई जांच निजी अस्पतालों से कराई जाएगी। इसके बदले में सरकार निजी अस्पतालों को भुगतान करेगी।
मुरादाबाद, वाईबीएन संवाददाता।उत्तर प्रदेश के जिला अस्तपतालों में एमआरआई जांच के लिए सरकार की ओर से की गई पहल सफल नहीं हो सकी है। इसलिए अब जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों की एमआरआई जांच निजी अस्पतालों से कराई जाएगी। इसके बदले में सरकार निजी अस्पतालों को भुगतान करेगी। मुरादाबाद में मंडलीय जिला अस्पताल एमआरआई जांच केंद्र खुलने की उम्मीद खत्म हो गई हैं, जिसे देखते हुए इलाज के लिए सरकारी अस्पताल आने वाले मरीजों को कम से कम फीस में एमआरआई जांच की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कुछ निजी अस्पतालों एवं डायग्नॉस्टिक केंद्रों के साथ अनुबंध किये जाने पर मंथन किया जा रहा है। इसको लेकर कवायद शुरू हो गई है।
मुख्यालय से मिली जानकारी के हवाले से मुरादाबाद में जिला अस्पताल की प्रमुख चिकित्साधीक्षक डॉ.संगीता गुप्ता ने बताया कि अस्पतालों में एमआरआई जांच केंद्र शुरू करने के लिए इसका उपकरण खरीदने को लेकर लंबे समय से चल रही टेंडरिंग की प्रक्रिया रुक गई है क्योंकि शासन की तरफ से निर्धारित की गई धनराशि के हिसाब से एमआरआई जांच उपकरण खरीदने को लेकर कोई एजेंसी आगे नहीं आई है,जिसके परिप्रेक्ष्य में अब गरीब मरीजों को कम से कम फीस में एमआरआई जांच की सुविधा निजी अस्पतालों एवं डायग्नॉस्टिक केंद्रों पर दिलाने को लेकर व्यापक रूप से विचार मंथन शुरू हुआ है। इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी होते ही मरीजों को यह सुविधा उपलब्ध कराने की शुरुआत की जाएगी।
राष्ट्रीय लोकदल आरएलडी के कोटे से कैबिनेट मंत्री और मुरादाबाद जिले के प्रभारी मंत्री अनिल कुमार बीते दिनों सरकार के आठ साल पूरे होने पर जब सर्किट हाउस पहुंचे थे तो उन्होंने जिला अस्पताल में चल रहे एमआरआई जांच का खूब बखान किया था और उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि एमआरआई जांच से मरीजों को बहुत लाभ मिल रहा है। यह अलग बात है, धरातल पर उन्हें कुछ पता ही नहीं था। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने उन्हें गुमराह किया। इसको लेकर विपक्षी दलों ने मजाक भी बनाया था।