Moradabad: यंग भारत की खबर का असर, मंडी समिति की दुकानों पर चला बुलडोजर
मंडी समिति मुरादाबाद की कई सौ करोड़ की जमीन पर कब्जा जमाए बैठे लोगों को हटाने के लिए आज सिटी मजिस्ट्रेट पूरे लाव लश्कर के साथ पहुंची। आज उन्होंने अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलवाना शुरू कर दिया।
मंडी समिति मुरादाबाद की कई सौ करोड़ की जमीन पर कब्जा जमाए बैठे लोगों को हटाने के लिए आज सिटी मजिस्ट्रेट पूरे लाव लश्कर के साथ पहुंची। उन्होंने दुकानदारों को अल्टीमेटम दिया कि वह अपना सामान दुकान से निकाल ले और मंडी समिति की करोड़ों की जमीन को खाली कर दें। तत्पश्चात दुकानदारों ने समान को हटाना शुरू कर दिया है। इसके बाद मंडी समिति का बुलडोजर गरजा और दुकानदार गिरीश की ओर से मंडी समिति की दो हजार से अधिक स्कवायर फिट पर किये गये पक्का निर्माण को बुलडोजर ने ध्वस्त कर दिया। शाम पांच बजे तक यह कार्रवाई की गई। शेष कार्रवाई मंगलवार को की जाएगी।
मंडी समिति ने दुकानदार की ओर से कब्जा किये गये दो हजार स्क्वायर फिट से अधिक जमीन से पक्का निर्माण पर बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कराया और जमीन को कब्जा मुक्त कराया, जिसकी कीमत करोड़ों में हैं।
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मुरादाबाद मंडी समिति की करोड़ों रुपये की जमीन पर किये अवैध निर्माण की खबर को यंग भारत की ओर से अभियान की तौर पर चलाये जाने के बाद शासन में बैठे हुए अफसरों ने संज्ञान लिया और मंडी समिति मुरादाबाद की सभापति सिटी मजिस्ट्रेट और मंडी सचिव महादेवी को कार्रवाई के लिए सख्त आदेश दिया। तत्पश्चात मंडी समिति के इन दोनो अधिकारियों की ओर से जमीन पर कब्जा जमाये बैठे दुकानदारों को होली से पहले नोटिस जारी किया गया, कि दुकानदार स्वत: मंडी समित की जमीनों को खाली कर दें। वरना मंडी समिति अतिक्रमण हटायेगी। इसके लिए दुकानदारों को मोहलत दी गई थी।
राजनीति नहीं आई काम
दरअसल मंडी समिति के अधिकारियों ने धनउगाही कर दुकानदारों को मंडी की जमीनों पर कब्जा करवा दिया और पक्का निर्माण करने की छूट दे दी। फलस्वरूप 20-20 वर्षों लोग मंडी की जमीनों को घेरते गये और कब्जा करते गये। जब-जब हटाने की बात आई तो दुकानदार लामबंद हो गए। राजनीतिक दबाव के बाद मंडी परिषद की जमीन खाली नहीं हो पाईं। मगर इस बार शासन सख्त है और उसे मंडी के अधिकारियों की एक-एक हरकत की जानकारी है। इसलिए राजनीति नहीं हो पा रही है।
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मंडी समिति मुरादाबाद पक्का अवैध निर्माण को ध्वस्त करता बुलडोजर।
पूरी ना हो सकी अफसरों के खानापूर्ति की मंशा
भले ही सिटी मजिस्ट्रेट सभापित व मंडी सचिव पूरे लाव लश्कर के साथ मंडी की जमीनों की खाली करवाने पहुंची थी। मगर उनकी मंशा आज भी बुलडजोर चलवाने की नहीं थी। दोपहर साढ़े तीन बजे तक सब लोगों ने टाइम पास किया। इसकी जानकारी जब शासन को हुई तो वहां फटकार लगने के बाद एकाएक बुलडोजर का मुंह दुकान की ओर घूम गया और इसके अवैध निर्माण को ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू की गई और सांय पांच बजे तक ध्वस्तीकरण का कार्य किया गया और दो हजार स्क्वायर फिट से अधिक जमीन को कब्जा मुक्त करवाया गया।
मंडी समिति के भीतर अवैध कब्जा इस तरह से किया गया है कि बिजली के पोल के चारों तरफ अस्थाई दुकानें बना ली गई है और लोग जमीनों को घेर रखे हैं। बताया जाता है कि 10 फिट की दुकान के पीछे लोगों ने 100-100 फीट जमीने घेर कर कब्जा कर कब्जा किया गया है जिसकी वर्तमान में मूल्य करोड़ों रुपए है और यह कब्जा मंडी समिति के अधिकारियों और वहां के इंस्पेक्टर की मिली भगत से हुआ है।
मौके पर मौजूद पुलिस बल।
जिन्होंने मंडी समिति के कारोबारी को जमीन पर कब्जा करने की खुली छूट दे रखी है। अब इन कारोबारियों से जमीनों को खाली करना मंडी प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ है।
कब्जा मुक्त होगी मंडी समिति मुरादाबाद की जमीनें : निदेशक
मंडी परिषद, लखनऊ के निदेशक इंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि मुरादाबाद मंडी समिति की जमीनें कब्जा मुक्त होंगी। इसके लिए मुरादाबाद के संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया गया है। उन्होंने बताया कि सरकारी संपत्ति पर कब्जा करना गैरकानूनी है। इधर जब मंडी सभापति और मंडी सचिव से अतिक्रमण हटाए जाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने यंग भारत को कुछ भी बताने से इनकार कर दिया।