/young-bharat-news/media/media_files/2025/04/29/EhPMLbMzVYUBOsmhRTHX.jpg)
00:00
/ 00:00
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
मुरादाबाद, वाईबीएन संवाददाता। आदि भवानी पीतांबरा मां बगलामुखी देवी श्री परिवार महायज्ञ समिति ट्रस्ट ने मां पीतांबरा देवी का चार दिवसीय जन्मोत्सव 19 से 22 मई तक मनाने का निर्णय लिया है। समिति के संयोजक अमित सरीन ने बताया आयोजन जिगर कालोनी में ही होगा। संजय सिंघल को शोभायात्रा का प्रभारी और शुभम अग्रवाल को सह प्रभारी बनाया गया। अध्यक्षता सिद्धपीठ के अध्यक्ष राजेंद्र पाल गुप्ता ने व संचालन अमित सरीन ने किया। प्रशांत रस्तोगी, लक्ष्मी गुप्ता, मुनेंद्र शर्मा, पुष्पेंद्र अग्रवाल,अंकुर अग्रवाल,अंशुल वर्मा, इति सरीन आदि मौजूद रहे।
देवी त्रिनेत्रा हैं, मस्तक पर अर्ध चन्द्र धारण करती है, पीले शारीरिक वर्ण युक्त है, देवी ने पीला वस्त्र, आभूषण तथा पीले फूलों की माला धारण की हुई है। इसीलिए उनका एक नाम पीतांबरा भी है। पीताम्बरा देवी की मूर्ति के हाथों में मुदगर, पाश, वज्र एवं शत्रुजिव्हा है। यह शत्रुओं की जीभ को कीलित कर देती हैं। मुकदमे आदि में इनका अनुष्ठान सफलता प्राप्त करने वाला माना जाता है। इनकी आराधना करने से साधक को विजय प्राप्त होती है। शुत्र पूरी तरह पराजित हो जाते हैं।
बगलामुखी देवी का प्रकाट्य स्थल गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में माना जाता है। कहते हैं कि हल्दी रंग के जल से इनका प्रकाट्य हुआ था। इसी कारण माता को पीतांबरा कहते हैं। सतयुग में एक समय भीषण तूफान उठा। इसके परिणामों से चिंतित हो भगवान विष्णु ने तप करने की ठानी। उन्होंने सौराष्ट्र प्रदेश में हरिद्रा नामक सरोवर के किनारे कठोर तप किया। इसी तप के फलस्वरूप सरोवर में से भगवती बगलामुखी का अवतरण हुआ। हरिद्रा यानी हल्दी होता है। अत: मां बगलामुखी के वस्त्र एवं पूजन सामग्री सभी पीले रंग के होते हैं। बगलामुखी मंत्र के जप के लिए भी हल्दी की माला का प्रयोग होता है।
भारत में मां बगलामुखी के तीन ही प्रमुख ऐतिहासिक मंदिर माने गए हैं जो क्रमश: दतिया (मध्यप्रदेश), कांगड़ा (हिमाचल) तथा नलखेड़ा जिला शाजापुर (मध्यप्रदेश) में हैं। तीनों का अपना अलग-अलग महत्व है। यहां देशभर से शैव और शाक्त मार्गी साधु-संत तांत्रिक अनुष्ठान के लिए आते रहते हैं।
यह भी पढ़ें: Moradabad के भ्रष्ट जिला उद्यान अधिकारी ने बेच दिया 100 हेक्टेयर लहसुन का बीज
यह भी पढ़ें: Corrupt Moradabad DHO: 56 पेड़ गायब और बगैर डीएम अनुमति के कटवा दिये आम के 500 हरे पेड़
यह भी पढ़ें: Moradabad Corrupt DHO: बगैर लाइसेंस के चलवा रहे हैं कोल्ड स्टोरेज
यह भी पढ़ें: Moradabad के भ्रष्ट जिला उद्यान अधिकारी ने भुगतान के लिए लगाये फर्जी बिल