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Photograph: (moradabad)
भवन एवं अन्य सन्निर्माण कार्यों में लगे पंजीकृत श्रमिकों और उनकी संतानों के बेहतर भविष्य के लिए श्रम विभाग द्वारा मातृत्व, शिशु हितलाभ एवं बालिका मदद योजना संचालित की जा रही है। इस योजना का उद्देश्य न सिर्फ महिला कर्मकारों एवं उनके शिशुओं को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराना है, बल्कि समाज में बालिका भ्रूण हत्या रोकने और बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी यह योजना मील का पत्थर साबित हो रही है।
बालिका जन्म से दिव्यांग है तो यह राशि 50 हजार रुपए होगी
सहायक श्रमायुक्त अजीत कुमार ने बताया कि मातृत्व हितलाभ योजना के तहत संस्थागत प्रसव की स्थिति में पंजीकृत पुरुष कामगार को 6 हजार रुपए की एकमुश्त धनराशि दी जाती है। वहीं महिला कर्मकार को तीन माह के न्यूनतम वेतन के बराबर सहायता राशि और 1 हजार रुपए चिकित्सा बोनस दिया जाता है। शिशु हितलाभ योजना के अंतर्गत प्रथम दो प्रसव तक पुत्र जन्म पर 20 हजार और पुत्री जन्म पर 25 हजार रुपए प्रति शिशु दिए जाते हैं। परिवार में पहली संतान यदि बालिका है, या दूसरी संतान भी बालिका होती है, अथवा कानूनी रूप से गोद ली गई बालिका है तो 25 हजार रुपए की सावधि जमा कराई जाती है, जो 18 वर्ष की आयु तक अविवाहित रहने की दशा में ही देय होगी। यदि बालिका जन्म से दिव्यांग है तो यह राशि 50 हजार रुपए होगी।
सहायक श्रमायुक्त ने बताया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में जनपद मुरादाबाद के 1276 लाभार्थियों को इस योजना से लाभान्वित किया जा चुका है। योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए पंजीकरण और प्रसव के बीच कम से कम 365 दिन का अंतराल होना अनिवार्य है।
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