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जेल अधीक्षक आलोक सिंह Photograph: (moradabad)
मुरादाबाद वाईवीएन संवाददाताउत्तर प्रदेश की मुरादाबाद जिला जेल इन दिनों अपनी क्षमता से कहीं अधिक कैदियों को समेटे हुए है। 906 बंदियों के लिए बनी इस जेल में फिलहाल 2300 से ज्यादा कैदी बंद हैं। यानि निर्धारित क्षमता से ढाई गुना अधिक बंदी यहां रह रहे हैं। भीड़भाड़ के बावजूद जेल प्रशासन कैदियों को जरूरी सुविधाएं देने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास कर रहा है।
शिक्षा, स्वास्थ्य और मानसिक परामर्श की सुविधाएं भी
जेल सूत्रों के मुताबिक, कैदियों के सुधार के लिए कई कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। इनमें सिलाई, बढ़ईगीरी, खेती-बाड़ी, मोमबत्ती निर्माण और अन्य व्यावसायिक प्रशिक्षण शामिल हैं। साथ ही शिक्षा, स्वास्थ्य और मानसिक परामर्श की सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं, ताकि सजा पूरी होने के बाद बंदी समाज में सम्मानजनक जीवन जी सकें।
जेल में दबाव काम होने से बंदियों को बेहतर माहौल मिल सकेंगे
अधिकारियों का कहना है कि भीड़भाड़ की समस्या से निपटने के लिए जिले में दो नई जेलों के निर्माण की योजना तैयार कर ली गई है। निर्माण कार्य शुरू होते ही मुरादाबाद जेल का दबाव कम होगा और बंदियों को बेहतर माहौल मिल सकेगा। नई जेलों में आधुनिक सुरक्षा इंतजामों के साथ-साथ सुधारात्मक गतिविधियों के लिए भी पर्याप्त स्थान उपलब्ध कराया जाएगा।
स्थानीय लोगों का मानना है कि नई जेलों के निर्माण से न केवल बंदियों को राहत मिलेगी, बल्कि जेल प्रबंधन भी अधिक व्यवस्थित तरीके से काम कर सकेगा। प्रशासन का लक्ष्य है कि जेल को सिर्फ सजा काटने की जगह नहीं, बल्कि जीवन सुधारने का केंद्र बनाया जाए।
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