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Moradabad: मुरादाबाद नगर निगम चुनाव: रूबी परवीन का निर्वाचन निरस्त, अर्शी बनीं पार्षद

Moradabad: मुरादाबाद नगर निगम चुनाव से जुड़े एक बहुचर्चित मामले में अदालत ने बड़ा फैसला सुनाते हुए वार्ड-69 से निर्वाचित घोषित हुई रूबी परवीन का निर्वाचन निरस्त कर दिया है।

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Narendra Singh
वाईबीएन

Photograph: (moradabad)

मुरादाबाद वाईबीएन संवाददाता l मुरादाबाद नगर निगम चुनाव से जुड़े एक बहुचर्चित मामले में अदालत ने बड़ा फैसला सुनाते हुए वार्ड-69 से निर्वाचित घोषित हुई रूबी परवीन का निर्वाचन निरस्त कर दिया है। अपर जनपद न्यायाधीश जितेंद्र सिंह ने यह आदेश पारित किया है।

मतगणना के बाद रूबी परवीन को विजयी घोषित किया गया था

वार्ड-69 आजादनगर सीट अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी महिला) के लिए आरक्षित थी। चार मई 2023 को हुए मतदान में कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी रूबी परवीन को 1827 वोट मिले थे, जबकि सपा समर्थित प्रत्याशी अर्शी को 1114 वोट मिले थे। मतगणना के बाद रूबी परवीन को विजयी घोषित किया गया था।

अर्शी का आरोप था कि रूबी परवीन का नाम मतदाता सूची में वार्ड-65 के अंतर्गत आता है

सपा समर्थित प्रत्याशी अर्शी ने अदालत में याचिका दाखिल कर आरोप लगाया कि रूबी परवीन वार्ड-69 की मतदाता ही नहीं हैं। उन्होंने नामांकन के दौरान फर्जीवाड़ा किया और किसी अन्य के वोट का सहारा लेकर चुनाव लड़ा। अर्शी का आरोप था कि रूबी परवीन का नाम मतदाता सूची में वार्ड-65 के अंतर्गत आता है और इस तरह वह वार्ड-69 से चुनाव लड़ने की अर्हता ही नहीं रखतीं हैं।

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अदालत ने कहा कि नगर निगम अधिनियम-1959 की धारा-24 के अनुसार केवल वही व्यक्ति पार्षद बन सकता है जो संबंधित नगर का निर्वाचक हो

अदालत ने दोनों पक्षों के दस्तावेजों का परीक्षण किया और पाया कि रूबी परवीन का नाम वार्ड-69 की मतदाता सूची में वैध रूप से दर्ज नहीं है। अदालत ने कहा कि नगर निगम अधिनियम-1959 की धारा-24 के अनुसार केवल वही व्यक्ति पार्षद बन सकता है जो संबंधित नगर का निर्वाचक हो। चूंकि रूबी परवीन इस कसौटी पर खरी नहीं उतरीं, इसलिए उनका निर्वाचन निरस्त किया जाता है।

अर्शी ने कहा, "यह न्याय की जीत है। मैंने शुरू से ही कहा था कि निर्वाचन में धांधली हुई है। अदालत ने मेरी बात को सही ठहराया। मैं न्यायालय का आभार प्रकट करती हूं। अब मेरा प्रयास होगा कि वार्ड-69 के विकास कार्यों को गति दी जाए ताकि मैं जनता की उम्मीदों पर खरी उतरूं।"

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रूबी परवीन ने कहा, "न्यायालय को गलत दस्तावेज दिखाकर गुमराह किया गया है। हम कोर्ट में अपना पक्ष ही नहीं रख पाए हैं। अगर मेरा वोटर लिस्ट में नाम नहीं होता तो मैं नामांकन ही नहीं कर सकती थी। हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है कि हमारा पक्ष सुना जाएगा और हमें न्याय मिलेगा। इस आदेश के खिलाफ हम इलाहाबाद हाइकोर्ट का रुख करेंगे ।

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