अंग्रेजी हुकूमत की राह पर मुरादाबाद नगर निगम, गरीब नहीं ले सकता इनके पार्कों का शुद्ध हवा-पानी
आजाद भारत में अगर आपको अंग्रेजी हुकूमत की झलक देखनी हो तो आपको बहुत ज्यादा दूर जाने की जरूरत नहीं है। आप चले आईये मुरादाबाद शहर में। यहां पर नगर निगम ने अंग्रेजों के जमाने से बने कंपनी बाग में टहलने के लिए 50 रुपये और 900 रुपये का शुल्क लगा दिया है।
मुरादाबाद का कंपनी बाग जहां पर नगर निगम ने अंग्रेजी हुकूमत वाला चाबुक चला दिया।
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मुरादाबाद, वाईबीएन संवाददाता। आजाद भारत में अगर आपको अंग्रेजी हुकूमत की झलक देखनी हो तो आपको बहुत ज्यादा दूर जाने की जरूरत नहीं है। आप चले आईये मुरादाबाद शहर में। यहां पर नगर निगम ने अंग्रेजों के जमाने से बने कंपनी बाग में टहलने के लिए बाकायादा 50 रुपये और 900 रुपये का शुल्क लगा दिया है। ऐसा किसी से जमाने में अंग्रेजी हुकूमत किया करती थी कि अगर भारतीय है तो उसे अंग्रेजों के बनाये गये पार्कों में टहलने अनुमति नहीं थी, क्योंकि वह भारतियों को गरीब और अनपढ़ मानते थे। यही हाल मुरादाबाद नगर निगम में हमारे श्रमिक वर्ग (गरीबों) के साथ किया है।
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आमतौर पर मुरादाबाद जिले में निवास करने वाले जो लोग धनाढ्य वर्ग से आते हैं, उनके लिए 50 और 900 रुपये महीना देना कोई बड़ी बात नहीं है। मगर जो हमारा श्रमिक वर्ग है जो दिन भर शहर के दुकानों पर, प्रतिष्ठानों सहित आसपास के कारखानों में काम करता है। अगर वह किसी दिन सप्ताह में एक दिन की छुट्टी पाता है और अपने परिवार को पार्क में घूमाना चाहता है तो वह 50 रूपये खर्च करने की स्थिति में नहीं है।
बंद हुआ कंपनी बाग का मेन गेट।
गरीब गुरबा नहीं खर्च कर सकता है पार्क में टहलने के लिए 50 रुपये
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आमतौर पर एक श्रमिक की मजदूरी 8 घंटे की दिन भर में 400 रुपये होती है और 400 में से वह 50 रुपये खर्च कर पार्क में अपने परिवार को टहला नहीं सकता है। मगर यह बात नगर निगम को समझ में नहीं आती है। नगर निगम के अधिकारियों को कहना है, अगर कोई गरीब है तो उसे सुबह 6:00 बजे से लेकर 9:00 बजे तक परिवार को टहला देना चाहिये।
सुबह में अमीर करते हैं मॉर्निंग वॉक
अब नगर निगम के अफसरों को कौन समझाये 6:00 बजे से लेकर 9:00 बजे तक तो अमीर लोग मॉर्निंग वॉक करते हैं, उनके लिए तो यह समय नगर निगम ने मुफ्त कर रखा है। आप खुद सोचिए अगर श्रमिक वर्ग सुबह 6:00 से और 9:00 बजे तक परिवार को टहलाने पार्क में ले जाएगा तो वह अपने काम धंधे पर कब जाएगा। इस बारे में हमने शहर वासियों से बात की तो राजाराम, श्याम प्रकाश, बृजेश अग्रवाल, कुतुबुद्दीन, अजीमुल्ला, मोहम्मद सलाम आदि ने बताया कि नगर निगम ने वास्तव में अंग्रेजी हुकूमत की याद दिला दी है। इस तरह की स्थिति अंग्रेजों के जमाने में होती थी। बताया चाहे कंपनी बाग पार्क हो, चाहे शहर के अन्य पार्क। इसके पहले कभी भी इन पार्कों में टहलने और शुद्ध हवा लेने के लिए कोई टिकट नहीं लगाया गया। मगर भाजपा नगर निगम बोर्ड ने तो शहरवासियों का खून चूसने पर आमादा है।
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जाने क्या बोले शहर के युवा
युवा आकाश।
शहर के रहने वाले आकाश ने बताया कि अगर पार्क का हम चार्ज भी दें। सड़क का भी टैक्स दें। सभी चीजों का टैक्स देना है तो हम घर से बाहर ही क्यों निकले ? पार्क क्यों बनाए जाते घूमने के लिए, टहलने के लिए। हम युवा कमाते तो हैं नहीं जो पार्क में बैठने लिए टैक्स चुकाएं।
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युवा आदित्य।
युवा आदित्य ने बताया कि नगर निगम हाउस टैक्स, जलकर, सीवर टैक्स इसीलिए तो लेता है, शहर के लोगों को बेहतर सुविधा दे सके। मगर नगर निगम तो बिजनेस शुरू कर दिया है। यह तो अंग्रेजों का कानून है।
युवा नितिन।
कंपनीबाग पार्क पहुंचे युवा नितिन ने बताया कि बहुत ज्यादा टैक्स नगर निगम ने लगा दिया है। आमजन की तरह नगर निगम के अधिकारी भी लालची हो गए हैं। पार्कों की शुद्ध हवा-पानी पर टैक्स लगा रहे हैं। शहरवासियों को इसका पुरजोर विरोध करना चाहिये।
कंपनी बाग में एंट्री करने के लिए अब शहरवासियों को 50 रुपये का शुल्क देना होता है। सुबह पांच से नौ बजे तक लोगों को मुफ्त में प्रवेश मिलेगा। सुबह नौ से लेकर रात के नौ बजे तक पार्क में एंट्री पर 50 रुपये का टिकट लेना अनिवार्य होगा।
मुरादाबाद के हर्बल पार्क में प्रवेश शुल्क 10 रुपया है, जो वयस्कों के लिए है। 5 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए प्रवेश निःशुल्क है। पार्किंग शुल्क भी अलग से देना होता है, जो बाइक के लिए 20 और कार के लिए 30 रुपये है। कुछ अन्य एक्टिविटी जैसे कि मिकी माउस और बाउंस जंपिंग के लिए भी 10 रूपये का शुल्क देना होता है।
नगर निगम की मुख्य कर निर्धारण अधिकारी सिंह ने बताया कि जिसको प्रवेश शुल्क ना देना हो। वह सुबह 6:00 बजे से लेकर 9:00 बजे तक अपने परिवार को टहलाने के लिए आए, क्योंकि मंदिर में जब लोग जाते हैं तो प्रसाद सभी चढ़ाते हैं। वहां तो कोई गरीब-अमीर नहीं देखता है।
मुरादाबाद में श्रमिकों की सटीक संख्या निर्धारित तो नहीं है क्योंकि कोई एकल, व्यापक डेटा स्रोत नहीं है। हालांकि, 2023-2024 के लिए श्रम बल भागीदारी दर 57.79% है, जिसका अर्थ है कि जिले की आबादी का लगभग 58% हिस्सा श्रम बल में शामिल है।