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Moradabad: तेंदुओं का आतंक जारी,किसान परेशान,नहीं हो रहा समाधान

जनपद के अलग अलग थाना क्षेत्रों से रोज तेंदुए द्वारा हमले करने के नए मामले सामने आ रहे हैं। जिसको लेकर वन विभाग भी मूकदर्शक बनकर तमाशबीन बना हुआ है। तेंदुओं के आतंक के चलते ग्रामीण घरों के कैद होने का मजबूर हैं।

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Roopak Tyagi
वाईवीएन

Photograph: (Moradabad: )

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मुरादाबाद वाईवीएन संवाददाता। तेंदुओं के आतंक से ग्रामीण क्षेत्रों के किसान परेशान हैं। एकाएक क्षेत्रों में तेंदुओं की संख्या बढ़ गई है। संख्या बढ़ने के साथ साथ अब ये तेंदुए आदमखोर हो चले हैं। जनपद के अलग अलग थाना क्षेत्रों से रोज तेंदुए द्वारा हमले करने के नए मामले सामने आ रहे हैं। जिसको लेकर वन विभाग भी मूकदर्शक बनकर तमाशबीन बना हुआ है। तेंदुओं के आतंक के चलते ग्रामीण घरों के कैद होने का मजबूर हैं।

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आखिर कहां से आ गए इतने तेंदुए 

मुरादाबाद की सीमा बिजनौर जनपद से मिलती है। बिजनौर जनपद के वनों में तेंदुओं का बस है। लेकिन अब ये तेंदुए वनों को छोड़कर समतल क्षेत्रों में आ गए हैं। मुरादाबाद के देहात क्षेत्रों में कई स्थानों पर नर और मादा दोनों तेंदुए देखे गए हैं।

गन्ने के खेत में हुआ जन्म,फसल खत्म,आतंक शुरू

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मुरादाबाद में घने जंगल न होने के बावजूद तेंदुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ये तेंदुए वनों से निकलकर गन्ने के खेतों में घुस आए थे। इसके बाद प्रजनन में मादा तेंदुओं के बच्चे अब बड़े हो चले हैं। बड़े होने के साथ ही ये तेंदुए अब कहर बनकर किसानों पर टूट रहे हैं।

वन्य तेंदुओं के साथ नहीं बैठ रहा तालमेल

मिली जानकारी के अनुसार वन में रह रहे तेंदुए इन तेंदुओं को अपना नहीं मानते,क्योंकि इनका जन्म गन्ने के खेतों में हुआ है।रेस्क्यू के बाद जब तेंदुओं को वन में छोड़ा जाता है,तो ये तेंदुए दोबारा यहीं लौट आते हैं। गन्ने के खेत में जन्मे तेंदुए वन्य क्षेत्र वाले तेंदुओं के साथ तालमेल भी नहीं बैठा पाते हैं।

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वन विभाग रेस्क्यू करके पकड़ रहा तेंदुए

तेंदुओं को वन विभाग रेस्क्यू करके वनों में छोड़ने का दावा करता है। वनों में छोड़ने के बाबजूद भी देहात क्षेत्रों से तेंदुए नदारद होने का नाम नहीं ले रहे। बीते तीन हफ्तों में वन विभाग 15 तेंदुओं का रेस्क्यू करने का दावा कर रहा है। अगर वन विभाग का दावा सही है तो फिर क्षेत्रों से तेंदुए कम क्यों नहीं हुए।

टीम लगातार कर रही है गश्त: डीएफओ 

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डीएफओ सूरज सिंह ने बताया कि जनपद में घने जंगल नहीं है, तेंदुओं ने गन्ने के खेतों को ही अपना घर बना लिया है। मुरादाबाद में जो तेंदुए हैं, वे पीलीभीत क्षेत्र के हैं। लगभग चालीस वर्ष पूर्व तेंदुए मुरादाबाद आए थे। अभी जो तेंदुए सक्रिय हैं, उन्हें चौथी पीढ़ी का माना जा रहा है। तेंदुओं की लगभग चार पीढ़ियों ने गन्ने के खेत में ही जन्म लिया है। जिसके बाद से उन्हें यही क्षेत्र रास आने लगा है। तेंदुओं को पकड़ने के लिए हमारी टीम लगातार गश्त कर रही है। हाल ही में टीम ने दो तेंदुए कांठ,एक छजलैट थाना क्षेत्र के गांव नक्शंदाबाद,ठाकुरद्वारा थाना क्षेत्र के गांव आलमगीरपुर, साथ ही कई क्षेत्रों से तेंदुओं के शावक भी पकड़े हैं। लगातार टीम काम कर रही है।

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