Advertisment

Moradabad: तेंदुओं का आतंक जारी,किसान परेशान,नहीं हो रहा समाधान

जनपद के अलग अलग थाना क्षेत्रों से रोज तेंदुए द्वारा हमले करने के नए मामले सामने आ रहे हैं। जिसको लेकर वन विभाग भी मूकदर्शक बनकर तमाशबीन बना हुआ है। तेंदुओं के आतंक के चलते ग्रामीण घरों के कैद होने का मजबूर हैं।

author-image
Roopak Tyagi
वाईवीएन

Photograph: (Moradabad: )

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

मुरादाबाद वाईवीएन संवाददाता। तेंदुओं के आतंक से ग्रामीण क्षेत्रों के किसान परेशान हैं। एकाएक क्षेत्रों में तेंदुओं की संख्या बढ़ गई है। संख्या बढ़ने के साथ साथ अब ये तेंदुए आदमखोर हो चले हैं। जनपद के अलग अलग थाना क्षेत्रों से रोज तेंदुए द्वारा हमले करने के नए मामले सामने आ रहे हैं। जिसको लेकर वन विभाग भी मूकदर्शक बनकर तमाशबीन बना हुआ है। तेंदुओं के आतंक के चलते ग्रामीण घरों के कैद होने का मजबूर हैं।

आखिर कहां से आ गए इतने तेंदुए 

मुरादाबाद की सीमा बिजनौर जनपद से मिलती है। बिजनौर जनपद के वनों में तेंदुओं का बस है। लेकिन अब ये तेंदुए वनों को छोड़कर समतल क्षेत्रों में आ गए हैं। मुरादाबाद के देहात क्षेत्रों में कई स्थानों पर नर और मादा दोनों तेंदुए देखे गए हैं।

गन्ने के खेत में हुआ जन्म,फसल खत्म,आतंक शुरू

मुरादाबाद में घने जंगल न होने के बावजूद तेंदुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ये तेंदुए वनों से निकलकर गन्ने के खेतों में घुस आए थे। इसके बाद प्रजनन में मादा तेंदुओं के बच्चे अब बड़े हो चले हैं। बड़े होने के साथ ही ये तेंदुए अब कहर बनकर किसानों पर टूट रहे हैं।

वन्य तेंदुओं के साथ नहीं बैठ रहा तालमेल

मिली जानकारी के अनुसार वन में रह रहे तेंदुए इन तेंदुओं को अपना नहीं मानते,क्योंकि इनका जन्म गन्ने के खेतों में हुआ है।रेस्क्यू के बाद जब तेंदुओं को वन में छोड़ा जाता है,तो ये तेंदुए दोबारा यहीं लौट आते हैं। गन्ने के खेत में जन्मे तेंदुए वन्य क्षेत्र वाले तेंदुओं के साथ तालमेल भी नहीं बैठा पाते हैं।

वन विभाग रेस्क्यू करके पकड़ रहा तेंदुए

Advertisment

तेंदुओं को वन विभाग रेस्क्यू करके वनों में छोड़ने का दावा करता है। वनों में छोड़ने के बाबजूद भी देहात क्षेत्रों से तेंदुए नदारद होने का नाम नहीं ले रहे। बीते तीन हफ्तों में वन विभाग 15 तेंदुओं का रेस्क्यू करने का दावा कर रहा है। अगर वन विभाग का दावा सही है तो फिर क्षेत्रों से तेंदुए कम क्यों नहीं हुए।

टीम लगातार कर रही है गश्त: डीएफओ 

डीएफओ सूरज सिंह ने बताया कि जनपद में घने जंगल नहीं है, तेंदुओं ने गन्ने के खेतों को ही अपना घर बना लिया है। मुरादाबाद में जो तेंदुए हैं, वे पीलीभीत क्षेत्र के हैं। लगभग चालीस वर्ष पूर्व तेंदुए मुरादाबाद आए थे। अभी जो तेंदुए सक्रिय हैं, उन्हें चौथी पीढ़ी का माना जा रहा है। तेंदुओं की लगभग चार पीढ़ियों ने गन्ने के खेत में ही जन्म लिया है। जिसके बाद से उन्हें यही क्षेत्र रास आने लगा है। तेंदुओं को पकड़ने के लिए हमारी टीम लगातार गश्त कर रही है। हाल ही में टीम ने दो तेंदुए कांठ,एक छजलैट थाना क्षेत्र के गांव नक्शंदाबाद,ठाकुरद्वारा थाना क्षेत्र के गांव आलमगीरपुर, साथ ही कई क्षेत्रों से तेंदुओं के शावक भी पकड़े हैं। लगातार टीम काम कर रही है।

यह भी पढ़ें:Moradabad: कम्युनिटी सेंटर को तरस गए मानसरोवर योजना के बाशिंदे

Advertisment

यह भी पढ़ें:मुरादाबाद में बर्ड फ्लू से पशुपालन महकमा अलर्ट, जुटाएगा नमूने

यह भी पढ़ें: Moradabad: 35 साल बाद उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद ले पाया अपना भवन

यह भी पढ़ें:नगर निगम ने दिल्ली रोड से हटाया अतिक्रमण, अमीरों पर रहम, गरीबों पर ढहाया सितम

latest moradabad news in hindi moradabad news
Advertisment
Advertisment