मुरादाबाद वाईवीएन संवाददाता। मुरादाबाद का नाम वैसे तो मुगलकाल से इतिहास के पन्नों में दर्ज है। मुगलकाल से अब तक यहां अनगिनत बदलाव हुए हैं। मुरादाबाद का सबसे पुराना थाना मुगलपुरा है जिसकी सीमा नैनीताल तक हुआ करती थी। इस थाने की आखिरी चौकी भीमताल हुआ करती थी।
घोड़ों पर सवार होकर जाया करते थे सैनिक
उस समय पुलिस के सैनिक घोड़ों पर सवार होकर अपने कार्यक्षेत्र में जाया करते थे। लेकिन अब आधुनिक युग में मुरादाबाद की अपनी एक अलग पहचान है। अब घोड़े नहीं कार से पुलिस चलती है। नैनीताल अब उत्तराखंड का हिस्सा बन चुका है। ऐसे हो कई बदलाव देखने को मिले।यहां मिलने वाली मुरादाबादी दाल को ही ले लीजिए। मुरादाबादी दाल आपको हर शादी या कार्यक्रम में खाने को मिल जाएगी। इस दाल का जन्मदाता आपका अपना मुरादाबाद ही है। जानिए अपने शहर मुरादाबाद का हाल,यंग भारत के साथ।
कांठ रोड स्थित कसाना फॉर्म हाउस में राष्ट्रीय लोकदल का सदस्यता अभियान 11 बजे से शुरू होगा।
उत्तर प्रदेश व्यापार मंडल की बैठक लवीना रेस्टोरेंट में रात 8 बजे होगी।
भारत सोशलिस्ट मंच द्वारा देश की बहादुर बेटियों पर की गई टिप्पणी के खिलाफ राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन दोपहर 12 बजे।
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