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मुग़लकालीन सिक्के Photograph: (muradabad)
मुरादाबाद वाईबीएन संवाददाता मुरादाबाद के मुगलकालीन सिक्के अब लखनऊ संग्रहालय की शोभा बढ़ाएंगे। ये सिक्के मुरादाबाद कोषागार में सुरक्षित रखे हुए थे, जिन्हें शासन के निर्देश पर लखनऊ भेजा जा रहा है।
मुरादाबाद कोषागार में वर्ष 2000 और 2019 में मुगलकालीन सिक्के जमा किए गए थे
मुरादाबाद कोषागार में वर्ष 2000 और 2019 में मुगलकालीन सिक्के जमा किए गए थे। इनमें से कुछ सिक्के 25 साल पहले थाना कटघर के तत्कालीन सीओ द्वारा जमा करवाए गए थे, जिनका वजन लगभग 49 किलो और 19 किलो है। इन सिक्कों पर उर्दू और फारसी भाषा में लिखावट है, जो मुगलकालीन होने की पुष्टि करती है ।
शिमला में खुदाई के दौरान मिले थे सिक्के
वर्ष 2019 में शिमला में खुदाई के दौरान मिले 698 मुगलकालीन चांदी के सिक्के भी लखनऊ भेजे जाने वाले सिक्कों में शामिल हैं। इन सिक्कों पर मोहम्मद जलालुद्दीन और एक कलमा लिखा हुआ है। ये सिक्के मुरादाबाद के मजदूरों को शिमला में खुदाई के दौरान मिले थे l जिसे मजदूर अपने साथ मुरादाबाद लाए गए थे, बाद में विवाद के चलते पुलिस ने इन्हें कोषागार में जमा करवा दिया था ।
शेरशाह सूरी ने 180 ग्रेन वजन का चांदी का रुपया जारी किया था
मुगलकाल में मुद्रा प्रणाली अत्यधिक विकसित थी। अकबर ने दाम (तांबे का सिक्का), रुपया (चांदी का सिक्का), और मुहर (सोने का सिक्का) चलाए थे। शेरशाह सूरी ने 180 ग्रेन वजन का चांदी का रुपया जारी किया था, जो मुगलकालीन मुद्रा का आधार बना।
लखनऊ संग्रहालय में प्रदर्शन
राज्य संग्रहालय लखनऊ के सचिव ने इन सिक्कों को पुलिस अभिरक्षा में लखनऊ मंगवाया है ताकि पुरातत्व विभाग से परीक्षण करवाकर इन्हें संग्रहालय में प्रदर्शित किया जा सके। मुख्य कोषाधिकारी रेनू बौद्ध के अनुसार, ये सिक्के मुगलकाल की मुद्रा का महत्वपूर्ण इतिहास बताएंगे ।
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