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Moradabad: सट्टे के धंधे से जुटाई गई इन माफियाओं की संपत्ति को पुलिस ने खंगाला

Moradabad: मुरादाबाद शहर में ऑनलाइन और ऑफलाइन आईपीएल सट्टा खिलाने वाले गिरोहों के सदस्यों की संपत्तियों का ब्यौरा पुलिस ने जुटाना शुरू कर दिया है। पुलिस ने नगर निगम, तहसील और रजिस्ट्री दफ्तर में पत्र भेजकर संपत्तियों के बारे में जानकारी मांगी है।

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Anupam Singh
वाईबीएन

Photograph: (moradabad )

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मुरादाबाद, वाईबीएन संवाददाता। मुरादाबाद शहर में ऑनलाइन और ऑफलाइन आईपीएल सट्टा खिलाने वाले गिरोहों के सदस्यों की संपत्तियों का ब्यौरा पुलिस ने जुटाना शुरू कर दिया है। पुलिस ने नगर निगम, तहसील और रजिस्ट्री दफ्तर में पत्र भेजकर संपत्तियों के बारे में जानकारी मांगी है। पुलिस का दावा है कि गिरोह में शामिल अमित नागपाल की संपत्ति का डाटा मिल गया है। इसके अनुसार अमित और उसके परिवार के सदस्यों ने 14 साल में 12 संपत्तियां खरीदी हैं। जिसकी कीमत करोड़ों में है। 

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 सिविल लाईन्स के दीनदयाल नगर निवासी अमित नागपाल 14 साल में 12 संपत्तियां अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर खरीदी हैं।इनमें मकान, जमीन, प्लाट और फैक्ट्री शामिल है। मनीष उर्फ मोना, सुमित उर्फ सनी सेठी व सचिन पहाड़ी सट्टे कारोबार में पिछले 12 से 14 वर्षों से लिप्त हैं। इन तक पुलिस के हाथ नहीं पहुंच पाए हैं। यह समझ परे है कि एसएसपी मुरादाबाद जब पूरी जांच अपने करीबी लोगों से करा रहे हैं तो फिर ये पकड़ क्यूं में नहीं आए।

पुलिस ने पकड़े गए सट्टा माफियाओं से पूछताछ के बाद अमित नागपाल, राजदीप टंडन, कमलदीप टंडन,मुकुल गोटेवाला, आशुतोष रस्तोगी, विशाल डुडेजा, सुमित उर्फ सनी सेठी, टीटू उर्फ दीपक गगनेजा, विक्की छाबड़ा और कमल छाबड़ा के नाम शामिल किए थे। इसके बाद पुलिस ने मुकदमे में दो नए नाम शामिल किए थे। जिसमें प्रवीण चौधरी जोकि सुशील चौधरी का बहनोई है उसका नाम भी मुकदमे में शामिल किया गया था।

पुलिस को अभी 13 सट्टा माफियाओं की तलाश है। पुलिस ने सट्टा गिरोह पर शिकंजा कसने के लिए इस गैंग पर गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई करने की तैयारी शुरू कर दी है। पुलिस ने सभी आरोपियों की संपत्ति का ब्यौरा जुटाना शुरू कर दिया है।

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अमित नागपाल ने बर्ष 2011 में तीन, 2012 में एक, 2019 में एक, 2023 में तीन, 2024 में दो, 2025 में एक संपत्ति खरीदी हैं। जिसमें कई मकान और इंडस्ट्रियल लैंड भी शामिल हैं। अमित नागपाल की कांठ रोड पर पाइप फैक्ट्री भी है। 

बड़ी कार्रवाई के बाद भी जारी है मुरादाबाद में सट्टे का कारोबार 

पुलिस की लाख धरपकड़ के बाद आईपीएल और एमसीएक्स के मकड़ जाल में फंसकर लोग करोड़ों रुपए गवा रहे हैं। बड़े सट्टा माफिया आज भी शहर के बार, होटल और एसी रूम में बैठकर पुलिस से बचकर आसानी से इस काले कारोबार को अंजाम दे रहे हैं। इस कारोबार में रकम गवांने वाले और बदनामी के डर से कई कारोबारी तो अपनी जिंदगी ही खत्म कर चुके हैं। बड़ी-बड़ी कोठियों के अंदर हुए इन सुसाइड का सच पुलिस के रिकॉर्ड में दर्ज नहीं है।आईपीएल और एमसीएक्स पर सट्टा लगाने और खेलने वाले लोग ज्यादातर आर्थिक रूप से मजबूत परिवारों से जुड़े हुए हैं। जिस कारण यह लोग एक, दो हजार व पांच हजार नहीं लाखों का सट्टा खेलते हैं, लाखों की संख्या कब करोड़ तक पहुंच जाती है इसका पता भी नहीं चलता। सट्टे के जाल में फंसकर लोग कर्जदार हो जाते हैं और परिवार व दोस्तों के बीच बदनामी के डर से आत्मघाती कदम उठा लेते हैं। कई साल पहले मझोला क्षेत्र के एक कारोबारी के बेटे ने अपने घर पर ही पिस्टल से गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। परिवार की ओर इस मामले में कोई कार्रवाई करने से इनकार कर दिया था जिस कारण पुलिस ने फाइल बंद कर दी थी। सूत्रों का दावा है कि कारोबारी का बेटा बार में आईपीएल मैच में सट्टा लगाते हुए 10 लख रुपए हार गया था सट्टा खिलाने वाले उसे पर रकम देने का दबाव बना रहे थे। उसने कई लोगों से मदद की गुहार लगाई, लेकिन मदद न मिलने पर आत्महत्या कर ली थी।

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इसके बाद सिविल लाइन्स थाना क्षेत्र में भी एक कारोबारी ने अपने घर में आत्महत्या कर ली थी। कारोबारी ने एमसीएक्स में करोड़ों रुपए गवां दिए थे। इस मामले में मुरादाबाद में तैनात एक आईपीएस अधिकारी ने जांच की थी, लेकिन उनका ट्रांसफर दूसरे जनपद में हो जाने के कारण जांच बीच में ही बंद कर दी गई थी। इसके अलावा कई लोग आईपीएल और एमसीएक्स में रकम कमाने के बाद अपनी जान गंवा दी।


 थाना सिविल लाईन्स अंतर्गत पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज के पास स्थित कौशल कपूर के फ्लैट पर इंस्पेक्टर सिविल लाइन मनीष सक्सेना ने छापा मारकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एक बड़े आईपीएल सट्टेबाज गिरोह का खुलासा किया था।

जहां पर पुलिस ने मौके से पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष व प्राइमरी शिक्षक सुशील चौधरी उर्फ सुरेन्द्र, अभिनव, कौशल कपूर, विपुल, मनोज अरोरा, धर्मेन्द्र कुमार, रोहित गुप्ता, आकाश, हेमन्त कुमार और शहजादे सलीम को गिरफ्तार किया था। साथ ही पुलिस ने पकड़े गए सट्टा माफियाओं के पास से दो लाइसेंसी रिवॉल्वर, भारी संख्या में कारतूस और दो गाड़ियां बरामद की थी। पुलिस को मौके से सट्टे से संबंधित हिसाब किताब में मोबाइल से अन्य और सट्टेबाजों के बारे में तमाम जानकारियां भी मिली थी।

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पुलिस की जांच में सबसे पहले साहिल का नाम सामने आया था। जिसको कांठ रोड स्थित एक प्राइवेट सोसाइटी में छापा मारकर गिरफ्तार किया गया था। पुलिस अभिरक्षा में साहिल ने बताया था कि गिरफ्तारी वाली जगह के बगल वाले फ्लैट में विशाल डुडेजा भी रुका हुआ था। इसके बाद पुलिस पहुंची थी, लेकिन तब तक विशाल डुडेजा वहां से फरार हो चुका था। विशाल डुडेजा मेरठ में तैनात इनकम टैक्स कमिश्नर का भाई है। जिसको पुलिस अभी तक गिरफ्तार नहीं कर सकी है। इन सभी की जमानत अर्जी हाईकोर्ट तक से खारिज हो चुकी है।

विशाल डुडेजा का सट्टेबाजी की दुनिया में है बड़ा नाम

गिरफ्तार सट्टेबाजों ने बताया था, कि कमल दीप टण्डन,राजदीप टण्डन, मुकुल गोटेवाला, आशु सतोगी, विशाल डुडेजा, रचित रस्तोगी, सुमित उर्फ सारी सेती, टीटू उर्फ दीपक गगनेजा विक्की छावड़ा व कमल छावड़ा आईपीएल की शुरुआत से ही मुरादाबाद के सबसे बड़े बुकी हैं। इसके बाद पुलिस ने 20 सट्टेबाजों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार नौ लोगों को अदालत में पेश कर जेल भेज दिया था। दो दिन बाद साहिल नाम के व्यक्ति को भी गौर ग्रेसियस सोसाइटी से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। विशाल डुडेजा मेरठ में तैनात इनकम टैक्स कमिश्नर का भाई है, जिसको पुलिस अभी तक गिरफ्तार नहीं कर सकी है।

महानगर के बैंक्वेट हॉल स्वामी से लेकर बड़े सर्राफ भी इस धंधे में शामिल

उधर पुलिस जैसे-जैसे प्रकरण की जांच कर रही है। वैसे वैसे नए नए नाम सामने आ रहे हैं। सट्टेबाजी की इस दुनिया में बैंक्वेट हॉल स्वामी से लेकर ज्वेलर्स व शोरूम मालिक तक शामिल हैं। पुलिस के हाथ जेल में बंद सफेदपोश सट्टेबाजों सहित फरार सट्टेबाजों के ऐसे तमाम फोटोग्राफ हाथ लगे हैं।जिनमें वह अपनी लग्जरी लाइफ जीते हुए नजर आ रहे हैं।

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