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राष्ट्रीय किसान मोर्चा Photograph: (moradabad)
मुरादाबाद वाईवीएन संवाददाता राष्ट्रीय किसान मोर्चा (SKM) ने हाल ही में घोषित नेशनल पॉलिसी फ्रेमवर्क ऑन एग्रीकल्चर मार्केटिंग (NPFAM) और नई नेशनल कोऑपरेटिव पॉलिसी (NCP) को किसान विरोधी करार दिया। संगठन का कहना है कि ये नीतियाँ APMC मंडियों और सरकारी मार्केट यार्डों का निजीकरण बढ़ाकर किसानों को कॉरपोरेट हितों के लिए मजबूर करेंगी।
किसानों को उचित MSP या न्यूनतम मजदूरी और सामाजिक सुरक्षा नहीं
NPFAM के तहत सरकारी और निजी साझेदारी में अनाज की हैंडलिंग, भंडारण और फूड प्रोसेसिंग का मशीनीकरण किया जाएगा। वहीं, NCP के माध्यम से ग्राम पंचायत स्तर पर FPOs एकल बिंदु के रूप में किसानों को कर्ज, बीज, उर्वरक, सिंचाई, बिजली, कटाई, भंडारण और बाजार संपर्क जैसी सेवाएँ देंगी। SKM का आरोप है कि ये FPOs केवल लाभ कमाने वाली इकाइयाँ होंगी और किसानों को उचित MSP या न्यूनतम मजदूरी और सामाजिक सुरक्षा नहीं मिलेगी। संगठन ने कहा कि नीतियाँ किसानों की स्वतंत्र खेती और आत्मनिर्भरता खत्म कर फसल चक्र बदलने और व्यापारिक फसलें उगाने के लिए मजबूर करेंगी। इससे सरकारी खरीद, सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) और देश की खाद्य सुरक्षा प्रभावित होगी।
SKM ने केंद्र सरकार से C2+50% फार्मूले पर MSP की गारंटी, सरकारी खरीद सुनिश्चित करने, और समय पर कर्ज माफी की मांग की। संगठन ने माइक्रो फाइनेंस कंपनियों (MFI) द्वारा उत्पीड़न और महिलाओं- बच्चियों के अपहरण जैसी घटनाओं पर भी चिंता जताई। SKM जनता से अपील करता है कि अन्नदाता का सम्मान और प्रतिष्ठा लौटाई जाए, और सरकार किसानों की सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित करे।
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