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Moradabad: कड़ी सुरक्षा के साए में हुआ परीक्षा का आयोजन, हजारों ने छोड़ी परीक्षा, कुछ उम्मीद से लौटे तो कुछ मायूस

Moradabad: रविवार की सुबह मुरादाबाद के परीक्षा केंद्रों पर कुछ अलग ही नजारा था। चेहरे पर उम्मीद की चमक, हाथों में एडमिट कार्ड और मन में हलचल लिए हजारों युवा अपनी जिंदगी के एक अहम पड़ाव की परीक्षा देने पहुंचे थे।

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shivi sharma
वाईवीएन

परीक्षा केंद्रों पर कुछ अलग ही नजारा Photograph: (Moradabad)

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मुरादाबाद वाईवीएन संवाददाता  रविवार की सुबह मुरादाबाद के परीक्षा केंद्रों पर कुछ अलग ही नजारा था। चेहरे पर उम्मीद की चमक, हाथों में एडमिट कार्ड और मन में हलचल लिए हजारों युवा अपनी जिंदगी के एक अहम पड़ाव की परीक्षा देने पहुंचे थे। मौका था समीक्षा अधिकारी (आरओ) और सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) की परीक्षा का, जिसे लेकर प्रशासन ने पूरी तैयारी कर रखी थी।

सुबह की हलचल और इंतजारी घड़ियां

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Photograph: (moradabad)

जिले में कुल 61 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे, लेकिन यह चौंकाने वाली बात रही कि पंजीकृत 26988 अभ्यर्थियों में से सिर्फ 9360 ही परीक्षा देने पहुंचे। शेष 17628 ने परीक्षा छोड़ दी। परीक्षा केंद्रों के बाहर सुबह 7 बजे से ही हलचल शुरू हो गई थी। गेट खुलते ही जांच-पड़ताल का सिलसिला शुरू हो गया। तलाशी, दस्तावेज जांच और निगरानी कैमरों की पैनी नजर के बीच 8:45 बजे तक अभ्यर्थियों का प्रवेश कराया गया। इसके बाद 9:30 बजे प्रश्नपत्रों का वितरण हुआ और तीन घंटे की परीक्षा का बिगुल बज गया।

नकल से रही दूरी सुरक्षा रही मजबूत

हर केंद्र पर पुलिस बल, महिला सुरक्षाकर्मी और निगरानी अधिकारी तैनात रहे। सीसीटीवी कैमरे और उड़नदस्तों ने लगातार परीक्षा पर नजर बनाए रखी। प्रशासन ने पहले ही सख्त निर्देश जारी कर दिए थे कि किसी भी सॉल्वर गैंग या गड़बड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। परिणामस्वरूप परीक्षा नकलविहीन और शांतिपूर्ण रही।

पेपर ने बढ़ाई धड़कनें निगेटिव मार्किंग बनी परीक्षा की चुनौती

परीक्षा में 200 बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे गए, जिनमें निगेटिव मार्किंग का प्रावधान था। कई छात्रों ने बताया कि निगेटिव मार्किंग के डर से उन्हें कुछ सवाल छोड़ने पड़े। बरेली से आए अशोक शर्मा ने कहा, “पेपर आसान भी था और चुनौतीपूर्ण भी, लेकिन निगेटिव मार्किंग के कारण कई सवालों से दूरी बनानी पड़ी।” वहीं स्थानीय अभ्यर्थी पेमंत सिंह ने कहा, “संतुलित पेपर था, पर कुछ प्रश्न ऐसे थे जो समय ले गए और उलझा दिया।”

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सुविधाएं बनीं सहारा प्रशासन की प्रशंसा

परीक्षा केंद्रों पर पेयजल, शौचालय, छाया और हेल्प डेस्क जैसी सुविधाएं बेहतर तरीके से उपलब्ध थीं। अभ्यर्थियों को किसी असुविधा का सामना नहीं करना पड़ा। प्रशासनिक समन्वय की सभी ने सराहना की।

प्रशासन की तरफ से संतोषजनक रिपोर्ट

नोडल अधिकारी और एडीएम सिटी ज्योति सिंह ने बताया, “परीक्षा शांतिपूर्ण माहौल में सम्पन्न हुई। कोई गड़बड़ी नहीं मिली, न ही किसी संदिग्ध की गिरफ्तारी हुई। हमने हर स्तर पर चौकसी बरती थी।

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