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Moradabad: शहर की रफ्तार ने छीनी फिज़ाओं की रवानी,धुएँ में खो गई अब हर सुबह की कहानी

Moradabad: मुरादाबाद में शहरीकरण की गति दिन-ब-दिन तेज होती जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी इलाकों की ओर पलायन, जनसंख्या में वृद्धि और बुनियादी ढाँचे के विस्तार ने शहरों को नई पहचान दी है, लेकिन इसके साथ ही कई समस्याएं भी सामने आई हैं।

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YBN Editor MBD
वाईबीएन

Photograph: (Moradabad: )

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मुरादाबाद वाईबीएन संवाददाता। मुरादाबाद में शहरीकरण की गति दिन-ब-दिन तेज होती जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी इलाकों की ओर पलायन, जनसंख्या में वृद्धि और बुनियादी ढाँचे के विस्तार ने शहरों को नई पहचान दी है, लेकिन इसके साथ ही कई समस्याएं भी सामने आई हैं। मुरादाबाद जैसे तेजी से विकसित होते शहरों के लिए ये चुनौतियाँ और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाती हैं।

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 प्रदूषण : विकास में बाधा

शहरीकरण के कारण सबसे पहली और स्पष्ट समस्या है प्रदूषण। मुरादाबाद, जो कि पीतल नगरी के रूप में प्रसिद्ध है, अब वायु और जल प्रदूषण की गंभीर स्थिति से जूझ रहा है। उद्योगों से निकलने वाला धुआँ, बढ़ते वाहन, और कचरे के प्रबंधन की कमी से शहर की हवा और नदियाँ दोनों प्रभावित हो रही हैं। आम नागरिकों को साँस लेने में कठिनाई, जलजनित रोगों का बढ़ना, और पर्यावरणीय असंतुलन महत्वपूर्ण समस्या हैं।

 ट्रैफिक जाम: समय और ऊर्जा की बर्बादी

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मुरादाबाद में वाहनों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है, जबकि सड़कें सीमित हैं। इसी के चलते यात्री घंटों तक जाम में फंसे रहते हैं, जिससे ईंधन की बर्बादी और मानसिक तनाव रहता है। सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था की कमी और अनियोजित यातायात नियंत्रण व्यवस्था इस समस्या को और भी विकराल बना रही है। मुरादाबाद की पुरानी सड़कों और संकरी गलियों में ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने की सख्त जरूरत है।


बेरोजगारी: अवसर की तलाश में युवा

शहरीकरण से जहां एक ओर विकास के अवसर पैदा होते हैं, वहीं दूसरी ओर बेरोजगारी की समस्या भी गहरा रही है। मुरादाबाद में तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा के संसाधनों की कमी के कारण युवाओं को नौकरी के अवसर प्राप्त नहीं हो पाते। उद्योगों में स्वचालन बढ़ने से श्रमिकों की मांग घटी है, जिससे कुशल और अकुशल दोनों वर्ग के लोग प्रभावित हो रहे हैं।

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 नगर निगम और स्थानीय शासन की भूमिका

इन समस्याओं के समाधान में नगर निगम और स्थानीय प्रशासन की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। कचरा प्रबंधन, सीवेज प्रणाली, सड़क मरम्मत, और सार्वजनिक परिवहन जैसी बुनियादी सुविधाओं का सुचारु संचालन प्रशासन की जिम्मेदारी है। मुरादाबाद नगर निगम ने हाल के वर्षों में स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत कई पहलें की हैं, लेकिन अपेक्षित सुधार अब भी अधूरे हैं। पारदर्शिता, योजना का समुचित क्रियान्वयन और जनता की भागीदारी आवश्यक है।

स्मार्ट सिटी योजना में मुरादाबाद की भागीदारी

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भारत सरकार की महत्वाकांक्षी 'स्मार्ट सिटी मिशन' में मुरादाबाद का चयन एक सकारात्मक संकेत है। इस योजना के तहत शहर में आधुनिक बुनियादी ढांचे, डिजिटल सेवाएं, बेहतर यातायात प्रणाली और सतत विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है। मुरादाबाद में आईसीटी आधारित सेवाएं, सीसीटीवी निगरानी और सौर ऊर्जा आधारित स्ट्रीट लाइटिंग जैसे प्रोजेक्ट्स पर काम हो रहा है। हालांकि, इन योजनाओं का वास्तविक लाभ तभी मिलेगा जब उनका इस्तेमाल समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से किया जाए।

वाईबीएन
Photograph: (Moradabad: )

 

  अपना विचार, आपकी राय

शहरीकरण एक अपरिहार्य प्रक्रिया है, लेकिन इसके साथ उत्पन्न होने वाली समस्याओं को नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता। मुरादाबाद जैसे शहरों के लिए यह समय है कि वे भविष्य की ओर देखते हुए अपनी योजनाओं को समावेशी और टिकाऊ बनाएं। नगर निगम, नागरिक और नीति-निर्माता मिलकर यदि सकारात्मक पहल करें, तो मुरादाबाद को एक स्वच्छ, सुरक्षित और स्मार्ट शहर बनाने का सपना जरूर साकार हो सकता है।

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