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family Dispute Resolution क्लिनिक कर रहा है टूटते परिवार का 'इलाज'

कमिश्नरेट पुलिस और एमिटी यूनिवर्सिटी के सयुंक्त प्रयास से वैवाहिक एवं पारिवारिक विवादों और तनाव से संबंधित केसों के लिए परामर्श एवं मध्यस्थता हेतु पुलिस आयुक्त कार्यालय सेक्टर-108 में स्थापित FDRC प्रथम वार्षिक दिवस एमिटी यूनिवर्सिटी में मनाया गया

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Mukesh Pandit
Annual Day family clinic

फैमिली डिस्प्यूट क्लिनिक में सराहनीय काम करने वालों के साथ पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह। Photograph: (young Bharat)

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ग्रेटर नोएडा, वाईबीएन संवाददाता।

गौतमबुद्धनगर कमिश्नरेट पुलिस और एमिटी यूनिवर्सिटी के सयुंक्त प्रयास से वैवाहिक एवं पारिवारिक विवादों और तनाव से संबंधित केसों के लिए परामर्श एवं मध्यस्थता हेतु पुलिस आयुक्त कार्यालय सेक्टर-108 में स्थापित FDRC(FAMILY DISPUTE RESOLUTION CLINIC) का प्रथम वार्षिक दिवस एमिटी यूनिवर्सिटी में मनाया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह हुई शामिल हुईं और उन्होंने कहा कि  क्लीनिक परिवारों को जोड़े रखने में बेजोड़ काम कर रहा है।

परिवार में मामूली विवाद बड़े बन जाते हैं

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एफडीआरसी के माध्यम से लीगल एवं मनोविज्ञान के विशेषज्ञ की टीम मौजूद रहकर पारिवारिक विवादों और तनाव से संबंधित विवादों के समझौते कराने और पारिवारिक संबंधों को विकसित करने तथा उनको बनाए रखने का सहायक मार्ग है। इस केंद्र का मुख्य उद्देश्य वैवाहिक विवादों से ग्रसित दंपतियों और परिवारों की सहायता करना है। पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने अपने संबोधन के दौरान बताया गया कि आज के समय में छोटी-छोटी बातें आगे चलकर बड़ी समस्याएं बन जाती है, जिस कारण विवाद होने पर कई परिवार टूटकर बिखर जाते है। इसके कारण न केवल दंपतियों को बल्कि पूरे परिवार को कठिनाई का सामना करना पडता है। यदि इन छोटी-छोटी बातों पर ध्यान दिया जाये तथा काउंसलिंग के माध्यम से प्रयास किया जाये तो ऐसे कई परिवारो को टूटने से बचाया जा सकता है। टूटते हुए रिश्ते को जोड़ना बहुत महत्वपूर्ण कार्य है।

कई परिवारों को टूटन ने बचाया

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एफडीआरसी के विशेषज्ञों द्वारा उचित परामर्श प्रदान किया जाता है ताकि एफआईआर दर्ज करने के बजाय एक स्थाई समाधान खोजा जा सके। एमिटी विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों मनोचिकित्सक और मनोविज्ञान विभागों के तीन संकाय सदस्यों और पुलिसकर्मियों द्वारा काउंसलिंग की मदद से कई परिवारों को टूटने से बचाया गया है।
FDRC भावनात्मक और सामाजिक समर्थन देकर समाज को अधिक सशक्त बनाता है। यह परिवारों को स्थिरता प्रदान कर नई पीढ़ी के लिए सकारात्मक वातावरण तैयार करने में सहायक है। FDRC सेक्टर-108 एवं महिला सुरक्षा टीम नोएडा पुलिस के समक्ष वर्ष 2024 में 207 मामले आए जिनमें से 169 मामले का सफल निवारण  टीम ने किया तथा 38 प्रकरण प्रचलित है जिसमें मात्र 11 मामलों में ही एफआईआर दर्ज की गई। 

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"अपराजिता" किया जाएगा संचालित

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अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर ने कमिश्ररेट गौतमबुद्धनगर में ऑपरेशन "अपराजिता" संचालित किये जाने की घोषणा की गई है, जिसमें 18 साल से कम उम्र की रेप पीड़िता और उनके परिजनों की काउंसलिंग करते हुये साइक्लोजिकल मदद एवं कानूनी सहायता की जाएगी ताकि उनके मन व दिमाग से डर को निकाला जा सके। रेप पीड़िता और उसका परिवार एक आम जीवन बिता सके। रेप के आरोपियों को जेल भेजने के साथ-साथ उनको सजा दिलाने के लिए पुलिस लगातार कड़ी कार्रवाई कर रही है। कार्यक्रम में पुलिस विभाग से पुलिस कमिश्नर  लक्ष्मी सिंह, पुलिस उपायुक्त नोएडा रामबदन सिंह, पुलिस उपायुक्त महिला सुरक्षा सुनीति एवं अन्य अधिकारीगण के साथ एमिटी विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डॉ. बलविन्दर शुक्ला, चेयरमैन एमिटी लॉ स्कूल प्रो. डॉ. डी.के. बन्धोपाध्याय, एमिटी के काउन्सलर, व सामाजिक संगठन के लोग शामिल रहे।

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