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अलम के जुलूस में मातम करते अजादार। Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)
रामपुर, वाईबीएन नेटवर्क। शहीदाने कर्बला की याद में 29 मुहर्रम को शहर में अलम मुबारक का जुलूस बरामद हुआ। अजादारों ने छुरियों का मातमकर खुद को लहूलुहान कर लिया। आतंकवाद और इस्लाम के दुश्मन ताकतों के खिलाफ एकजुट होकर मुकाबला करने की अपील की।
तंजीम-ए-अजा की जानिब से अलम मुबारक का जुलूस इमामबाड़ा जफर अली बेग मुहल्ला लाल कबर से बरामद होकर बजरिया मुल्ला जरीफ, मोती मस्जिद, किला पश्चिमी गेट होता हुआ इमामबाड़ा किला पहुंचा। जहां आजादारों ने आग पर मातम किया, जिसे देखकर जायरीन रो उठे।बजरिया मुल्ला जरीफ से मोती मस्जिद तक छुरियों का मातम कर अजादारों ने खुद को लहु-लुहान कर लिया। या हुसैन या हुसैन की सदाओं से आसमान गूंज उठा।जुलूस में बनारस, सुल्तानपुर, जलालपुर, सहारनपुर, बरेली, नौगावां सादात, अमरोहा, सिरसी, मुरादाबाद की अनुमानों के अलावा मुकामी अंजुमन गुलामाने हुसैनी, परचमे अब्बास, अंजुमन कायम-ए-अजा और सिपाहे हुसैनी ने नोहाख्वानी की।
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जुलूस से पहले इमामबाड़े में मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना सैयद अली मोहम्मद साहब ने कहा कि इमाम हुसैन ने अपनी और अपने खानदान की कुर्बानी न सिर्फ अपने नाना पैगंबरे इस्लाम की उम्मत की इस्लाह के लिए दी बल्किआलम-ए-इंसानियत के तहफ्फुज के लिए अपना सिर कटवा दिया। कहा कि हमारा फर्ज है कि हम आपस में इत्तेहाद कायम करें ।
जुल्म, आतंकवाद और इस्लाम दुश्मन ताकतों के खिलाफ एकजुट होकर मुकाबल करें। जुलूस के दौरान चाय, शरबत व पानी की सबील की व्यवस्था की गई । सुरक्षा के लिहाज सेभारी मात्रा में पुलिस बल तैनात रहा।जुलूस में मौलाना अली मोहम्मद साहब, जमान बाकरी, मौलाना मूसा रजा,वसीम हैदर जैदी, बाबर हुसैन रिजवी, सलीम हैदर जैदी, मोहसिन हुसैन रिजवी, फैसल रिजवी, शान जैदी, इमरान रिजवी, शाहवेज जैदी, जैन राज जैदी, अदीब रिजवी, दानिश नकवी, अली हैदर जैदी, प्रिंस जैदी हसीन अफजल जैदी, ताबिश नकवी, यावर हुसैन, आमिर हुसैन, सनी, सदफ आगा, नजमी शामिल रहे। संचालन राशिद हिलाल ने किया।
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