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जिला अस्पताल स्थित ब्लड बैंक। Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)
रामपुर,वाईबीएन नेटवर्क। जिला अस्पताल में खून के सौदे के मामले में पैथोलॉजिस्ट ने सीएमएस को अपना स्पष्टीकरण सीएमएस को भेजा है। इससे प्रकरण समाप्त होने के बजाए और बढ़ता नजर आ रहा है। खून का सौदा होते पकड़न वाले और मरीज से 3500 रुपये लेकर 800 में रक्तदाता बुलाकर रक्त देने और 2700 रुपये कर्मचारी को बीच में बचाने का मामला खोलने वाले वीर खालसा सेवा समिति के अध्यक्ष अवतार सिंह को सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश करन वाला बताया गया है। इससे साफ लग रहा है कि अस्पताल कर्मी अपने आपको बचाकर शिकायत करने वालों का मुंह बंद करना चाहते हैं। इस तरह के मामले पहले भी अस्पताल में हो चुके हैं जिसमें कुछ पत्रकारों को भी खबर छापने पर मुंह बंद करने की कोशिशें की गई थीं।
पैथोलाजिस्ट डा. प्रक्योत सिंह ने सीएमएस को भेजे अपने स्पष्टीकरण में सफाई दी है कि नौ जुलाई को समाजसेवी अवतार सिंह द्वारा जो प्रकरण में रक्त केंद्र के कर्मियों के स्पष्टीकरण के अनुसार रक्त केंद्र कर्मियों का कोई लेना-देना नहीं है। बल्कि रोगी चंद्रावती को डॉक्टर लखबीर सिंह के द्वारा दिए गए रक्त की मांग पत्र के अनुसार रोगी को रक्त के बदले रक्त दिया गया था। जिसमें रक्तदाता का नाम इमरान था। जिसका होमोग्लोबिन मानक के अनुसार 12.5 से अधिक 13.9 था। रक्तदाता के अन्य महत्वपूर्ण पैरामीटर सामान्य पाए गए। रक्तदाता के एचआईवी, एचसीवी मलेरिया समेत सभी जांच नेगेटिव पाई गई। इसी के चलते शासन द्वारा निर्गत रक्त दाता नियमावली के अनुसार रक्तदाता रक्तदान करने के योग्य था। स्पष्टीकरण में यह भी कहा गया है कि जब उसे रक्तदाता का रक्तदान हो रहा था तभी बिना किसी अधिकारी की अनुमति के प्रतीक्षा क्षेत्र के अंदर रक्त केंद्र में सीधे रक्तदाता के पास जाकर उससे पूछताछ की जाने लगी। रक्त केंद्र कर्मियों के लिखित स्पष्टीकरण के अनुसार अवतार सिंह ने रक्तदाता इमरान से पूछा कि किसके लिए रक्तदान कर रहे हो तब वो रक्तदाता घबरा गया। उसने कहा कि चंद्रावती के लिए रक्तदान कर रहा हूं। तभी अवतार सिंह ने धर्म सूचक भावों के साथ कही गई बातों से सांप्रदायिक सद्भाव को धवस्त करने का प्रयास किया। जोकि एक समाजसेवी के लिए निंदनीय कार्य है। पैसों का ब्लड बैंक में कोई कार्य हुआ है न उनकी जानकारी में है। सीएमएस को भेजी जांच रिपोर्ट से अब इस प्रकरण में नया मोड़ आ गया है। इस आधार पर समाजसेवी के खिलाफ ही उल्टी रिपोर्ट दर्ज हो सकती है। रुपये लेकर खून का सौदा करने वाले साफ साफ बच जाएंगे।
देखिए पैथालाजिस्ट का स्पष्टीकरण, जिसमें समाजसेवी को क्या लिखा है
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