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बाल्मीकि समाज की बैठक में बोलते अविनाश तपन। Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)
रामपुर, वाईबीएन नेटवर्क। भारतीय अंबेडकर सभा की एक बैठक जिला कार्यालय तोपखाना वाल्मीकि काॅलोनी पर सम्पन्न हुई। जिसमें वाल्मीकी युवक की हत्या की सीबीआई जांच की मांग उठाई गई।
बैठक को संबोधित करते संगठन के संस्थापक एंव राष्ट्रीय अध्यक्ष अविनाश तपन ने हरियाणा के हिसार जिले में पुलिस द्वारा एक वाल्मीकि युवक की हत्या किये जाने की कडे शब्दो में निंदा करते हुए कहा है कि 7/7/25 को हरियाणा में हिसार जिले के 16 क्वाटर में, एक वाल्मीकि परिवार में 16 वर्षीय गणेश वाल्मीकि का जन्मदिन हँसी खुशी मनाया जा रहा था। घर में स्पीकर पर गाने बज रहे थे। घर में खुशी का माहौल था ,तभी करीब रात 10:30 बजे कुछ पुलिस कर्मी शराब के नशे में व बिना महिला पुलिस कर्मी के गणेश वाल्मीकि के घर में घुस कर स्पीकर को बंद करने का दबाव बनाने लगे। परिजनो के स्पीकर बंद करने के बावजूद भी पुलिस कर्मी गाली-गलौज व जाति सूचक शब्दो से अपमानित करने लगे। जिसका विरोध करने पर पुलिस कर्मी परिजनो के साथ मारपीट करने लगे। पुलिस कर्मियो ने वहाँ मौजूद महिलाओ व बच्चो को भी बुरी तरह पीटा। जिससे गणेश वाल्मीकि के घर में मौजूद लोगो में भगदड मच गई। पुलिस की पिटाई के डर से गणेश वाल्मीकि जिसका (जन्म दिन था) वह अपने एक सहपाठी के साथ अपने घर की छत पर जाकर छिप गया तभी दो पुलिस कर्मियो ने छत पर जाकर उन दोनो को दबोच लिया और बेरहमी से पिटाई की। पुलिस की पिटाई से दोनो युवक बुरी तरह घायल हो गए तब पुलिस कर्मियो ने दोनो युवकों को घर की छत से नीचे फेंक दिया। जिससे गणेश वाल्मीकि की मौके पर ही मौत हो गई । दूसरा युवक बुरी तरह ज़ख्मी हो गया जो अन्य घायलो के साथ हॉस्पिटल मे भर्ती है। पुलिस द्वारा गणेश वाल्मीकि की हत्या से परिवार में हडकंप मच गया। पुलिस द्वारा किए गए इस जघन्य अपराध की रिपोर्ट लिखाने गये परिजनो की पुलिस प्रशासन ने सुनवाई नहीं की। तथा दोषी पुलिस कर्मियो का बचाव करते हुए,उल्टा परिजनो के खिलाफ ही झूठा मुकद्दमा दर्ज कर लिया। किन्तु पीड़ित वाल्मीकि परिवार पीड़ित एफआईआर तक नहीं लिखी गई। जिसके कारण आज 10 दिन बीतने के बाद भी मृतक गणेश वाल्मीकि का पोस्टमार्टम नही हो सका है। पीड़ित परिवार दोषी पुलिस कर्मियो के खिलाफ हत्या का मुकद्दमा दर्ज कराने की आश मे जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन से गुहार लगा रहा है। हिसार पुलिस के आला अधिकारियों द्वारा इस घटना को दबाने प्रयास किया जा रहा है। इसलिए ही दोषी पुलिस कर्मियो पर अभी तक कोई कार्रवाई नही हो पाई है। इससे पूरे वाल्मीकि समाज मे गहरा रोष है।
अविनाश तपन ने आगे कहा कि, पूर्व में हाथरस प्रकरण मनीषा वाल्मीकि के साथ उच्च जाति के युवको द्वारा बलात्कार कर हत्या किये जाने पर भी वहाँ पुलिस प्रशासन दोषियो का बचाव कर रहा था। इसलिए ही बहन मनीषा वाल्मीकि के साथ हुए बलात्कार व हत्या के सबूत मिटाने के लिए ही पुलिस द्वारा आधी रात को उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। देश में इस तरह की घटनाऐं दलित शोषित पीडित गरीब मजदूर परिवारो के साथ रोज होती रहती हैं और वहाँ का जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन मूकदर्शक बना रहता है। किन्तु अब इस तरह की घटनाओ को सहन नही किया जाऐगा। उन्होने शीघ्र ही दोषी पुलिस कर्मियो के खिलाफ, बिना महिला पुलिस कर्मियो के, जबरन घर में घुसना, महिलाओं व बच्चो के साथ बुरी तरह मारपीट और बदसलूकी करना, जाति सूचक शब्दो से अपमानित करने के साथ ही जानबूझ कर हत्या किये जाने का मुकद्दमा दर्ज होना चाहिए जिससे पीडित गरीब परिवार को न्याय मिल सके।
इस सम्बंध मे शीघ्र ही संगठन द्वारा एक ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति को भेजा जाएगा। बैठक में दिनेश कुमार रस्तोगी उर्फ दिनने भाई,विल्सन बाबू, दीप लव, धर्म कुमार वाल्मीकि, आनंद प्रकाश वाल्मीकि,बाबू लाल कौशल, एडवोकेट आर के गौतम,महिपाल वाल्मीकि, रंजीत कठेरिया,शंकर आनंद, मनीष कठेरिया, ओमकार सेठ, रघुराज वाल्मीकि, राजेश वाल्मीकि आदि शामिल थे।
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