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श्री रामकथा सुनाते गोविंदाचार्य महाराज। Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)
रामपुर, वाईबीएन नेटवर्क। श्रीराम कथा महोत्सव में श्री राम सत्संग मंडल द्वारा आयोजित कथा में संत व्यास गोविंदाचार्य महाराज ने दूसरे दिन की कथा सुनाते हुए कहा कि राम चरित मानस में सम्पूर्ण विश्व कल्याण के लिए कर्म करते हुए पात्रों द्वारा बताया गया है जो उदाहरण देते हैं कि इस संसार में कोई भी व्यक्ति अपनी शक्ति को शुभकामनाएं के साथ शुभ कार्य में शामिल रहे तो यश स्वास्थ्य लाभ कीर्ति ख्याति प्राप्त करने में सक्षम हो जाते हैं।
रामायण है स्वर्ग नसेनी । भक्त जनों को आनंद देनी।।
आचार्य गोविंदाचार्य ने बताया कि इस संसार में मानव को यश स्वास्थ्य भक्ति योग साधना ध्यान स्वर्ग लोक जाने कि सीढी नसेनी है यह राम कथा। आगे व्यास जी ने बताया कि श्रीराम जी का जन्म हुआ इस धरती पर और वह मानव जीवन में साधारण मानव जीवन व्यतीत करते हुए ऋषि विश्वामित्र जी के साथ वन में आहुतियां देने वाले यज्ञों से प्राप्त देवताओं को शक्ति प्रदान करने वाले यज्ञों की राक्षसों से वैदिक धर्म की रक्षा करते हुए धर्म और संस्कृति की साधू संत समाज की रक्षा करते हुए संतों जैसे कार्य सिद्ध करने में शामिल रहे। जीवन के आगे गृहस्थ आश्रम में प्रवेश किया और सरस्वती की कृपा से मां कैकेई ने 14 वर्षों तक कठोर वनवास दिया, तो विधि व्यवस्था में शामिल रहे। जीवन में पुराने युगों के महान भक्तों को शाप मुक्त कराने में मदद मिलेगी और अनेकों राक्षसों को मुक्त कर दिया। लंका पति रावण ने अपनी मुक्ति पाने के लिए सीता हरण किया हनुमान जी सुग्रीव मिलन लंका पति रावण को जीवन मुक्त कराने के साथ ही श्रीराम ने अपने और रावण के इष्ट देव भगवान भोलेनाथ रामेश्वर की स्थापना कराई। कहा-
बताया
जे रामेश्वर दर्शन करहीं । ते तनु तज हरिलोक सिद्ध करहीं ।।
यह भगवान भोलेनाथ देव ऋषि पितरों मुनियों दानवों मानवों को साथ में रहने वाली यह कुलतारण में शामिल व्यवस्था आस्था अपने भक्तों को मुक्त कराने वाले यज्ञों की स्थापना कराई गई। आगे लंका में प्रवेश कर अनेकों वरदानी रावण कुंभकर्ण सुरसा लंकिनी इंद्रजीत जैसे मुक्त हो जाते हैं, और विभीषण को लंका का राजा बनाते हैं। इस तरह से हजारों वर्ष की आयु समाज सेवा में शामिल हैं। बाद में हजारों वर्ष तक अयोध्या में राम राज्य करते हुए मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम सभी मानव समाज को राजाओं को धर्म की कर्म भूमि बनाते हैं। रामकथा में भजन कीर्तन करते हुए भक्त महिलाओं ने जयकारे लगाए। आरती बाद प्रसाद वितरण किया गया ।
कथा में पंडित श्याम आचार्य पंडित सत्य ब्रत तिवारी, पंडित विश्वनाथ प्रसाद मिश्रा, पुजारी पंडित नरेश चंद्र, पंडित ललित मोहन शर्मा, मुख्य यजमान गोविन्द गुप्ता, सीमा गुप्ता, विष्णु सरन अग्रवाल, सुधीर वंसल, नीता वंसल, नीता गुप्ता, शांति, अनिल कुमार रस्तोगी, रामनाथ गुप्ता, उमा रजनी, राधा सुधा सरोज, रंजना, पूनम, इंदू, सीमा परिहार, ज्योति, पूनम, रश्मि आदि भक्त महिलाओं ने कथा में मौजूद रहकर कथा का आनंद लिया।
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