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शिव पुराण कथा सुनाते पंडित विश्व नाथ मिश्रा। Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)
रामपुर, वाईबीएन नेटवर्क। पंडित विश्वनाथ प्रसाद मिश्रा ने शिव पुराण का महत्व बताते हुए कहा कि शिव पुराण सुनने या पढ़ने मात्र से ही मनुष्य के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। ऐसे में सावन माह में सभी को शिव पुराण का श्रवण करना चाहिए। इससे जीवन में शांति, संतुलन और संयम आता है।
कृष्णा विहार कालोनी में पूर्व मंत्री शिवबहादुर सक्सेना ने कलश स्थापना कर एवं विधि-विधान से पूजन कर शिव पुराण का शुभारंभ किया। इसके बाद पंडित विश्वनाथ प्रसाद मिश्रा ने विस्तार से शिव पुराण कथा का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि शिव पुराण का श्रवण करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और अपने भक्त को कष्टों से मुक्ति प्रदान करते हैं। शिवपुराण कथा सुनने का सबसे उत्तम समय श्रावण मास, सोमवार, महाशिवरात्रि या प्रदोष व्रत का दिन होता है। कथा सुनते समय शरीर, मन और वचन से शुद्ध रहना आवश्यक है। साथ ही कथा स्थल को भी स्वच्छ रखें। कथा को पूर्ण श्रद्धा, एकाग्रता और भक्ति भाव से सुनना चाहिए। उन्होंने चन्चुला की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि चन्चुला एक अत्यंत सुंदर और लोभी स्त्री थी। उसका पति ब्राह्मण था, जो बहुत ही धार्मिक और संयमी था। चन्चुला का जीवन विलास और विषयों में लिप्त था। वह अपने पति की भक्ति और संयम से ऊब गई और उसे त्याग कर एक शिकारी के साथ जंगल में रहने लगी। वहां उसका जीवन अत्यंत दुखदायी हो गया। शिकारी क्रूर था और उसे दिन-रात कष्ट देता। चन्चुला को भोजन, वस्त्र और सुख-सुविधा की भी कमी हो गई। समय बीतता गया, और अंत में शिकारी भी उसे छोड़ गया। एक दिन वह वन में भटकते-भटकते एक शिव पुराण कथा में पहुंच गई, जहां एक ब्राह्मण शिवपुराण की कथा सुना रहा था। वह वहीं बैठ गई और पूरी कथा सुन ली।
कथा के श्रवण से उसके पाप क्षीण हो गए और उसने भगवान शिव से प्रार्थना की। उसकी प्रार्थना सुनकर भगवान शिव प्रकट हुए और उसे पूर्व जन्म के पापों से मुक्त कर दिया, तथा उसे मोक्ष प्रदान किया। अंत में आरती कर प्रसाद का वितरण किया गया। इस मौके पर पूर्व मंत्री शिवबहादुर सक्सेना ने अधिक से अधिक श्रृद्धालुओं से आकर शिव पुराण सुनकर धर्मलाभ प्राप्त करने की अपील की। इस अवसर पर रामदत्त शर्मा, मुरारी लाल शर्मा, अमर सक्सेना, हीरालाल शर्मा, सर्वेश बहादुर सक्सेना, सत्यप्रकाश सक्सेना, वीके जौहरी, राम जी लाल गुप्ता, गोपाल कृष्ण श्रीवास्तव, अखिलेश, ओमेंद्र सिंह, मुकुल सक्सेना, रामौतार सक्सेना, प्रमोद पाण्डेय आदि उपस्थित रहे।