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ग्राम पंचायत नदना में अधूरे बने पड़े शौचालय। Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)
रामपुर, वाईबीएन नेटवर्क। जनपद के शाहबाद विकास खंड की ग्राम पंचायत नदना-नदनऊ में स्वच्छ भारत मिशन को किस तरह पलीता लगाया जा रहा है यहां आकर देखा जा सकता है। गांव को कई वर्ष पहले खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) घोषित किया जा चुका है। लेकिन आज भी स्थिति बदतर है। गांव में शौचालयों के निर्माण को आई धनराशि को हड़प लिया गया है और शौचालयों में कूड़ा कवाड़ भरा पड़ा है, लोग खुले में ही शौच को जाते हैं। लेकिन कागजों में ग्राम पंचायत को ओडीएफ घोषित कर दिया गया है।
ग्राम पंचायत नदना-नदनई पटवाई से सटी हुई है। रामपुर-शाहबाद मार्ग से पूर्व की ओर पटवाई से सटी इस ग्राम पंचायत की आबादी को वर्ष 2019 में खुले में शौच से मुक्त घोषित किए जाना बताया जा रहा है। लेकिन हकीकत सुबह शाम बड़ी आबादी के खुले में शौच को जाते देखा जा सकता है। गांव में स्वच्छता मिशन के तहत शौचालय निर्माण के लिए धनराशि आई थी। लेकिन इसका बंदरबांट कर लिया गया। अधिकांश शौचालय अधूरे बने पड़े हैं जिनमें कूड़ा कवाड़ा भरा पड़ा है, लोग खुले में शौच को जाने के लिए मजबूर हैं। भारत सरकार गांव को स्वच्छ बनाने के लिए प्रयास कर रही है लेकिन जिम्मेदारों ने भारत सरकार के मिशन को ही पलीता लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
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शिकायतों पर जांच हुई, जांच अधिकारी खुश करके विदा कर दिए, शिकायतकर्ता को तस्दीक के लिए बुलाया तक नहीं
गांव नदना के समाजसेवी सोहन लाल राजपूत कहते हैं कि हमने शपथ पत्र लगाकर शिकायत की थी। जिलाधिकारी ने एसडीएम शाहबाद को जांच सौंपी, एसडीएम ने लेखपाल को जांच के लिए भेज दिया जबकि जांच किसी मजिस्ट्रेट पावर रखने वाले अधिकारी से कराई जानी चाहिए। इसी तरह फरवरी 2025 में शिकायत की तो जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई। कमेटी ने कब रिपोर्ट देकर सब कुछ सही बता दिया पता ही नहीं चला। खंड विकास अधिकारी ने बताया शिकायत का निपटारा हो गया। जांच अधिकारियों ने शिकायत करने वाले को पहले लिखित सूचना देना तो दूर बुलाया तक नहीं। सोहनलाल कहते हैं कि सरकारी अधिकारी किस तरह से शिकायतों की जांच करने के बजाए उन्हें निपटा रहे हैं। इससे स्पष्ट होता है कि भ्रष्टाचार चरम पर है।
यह हैं ग्रामीणों के आरोप
ग्राम पंचायत नदना और नदनऊ में विकास कार्य नहीं हुए हैं। सबसे ज्यादा शिकायतें स्वच्छता मिशन की हैं। शिकायत में ग्राम पंचायत सचिव दानिश हबीब और प्रधान किरन देवी के पति पर विकास नहीं कराने के आरोप हैं। आरोप है कि वर्ष 2016-17 से 2022-23 तक बिना कार्य कराए शासन से मिली धनराशि को निकाला गया है। जैसे नदना में श्याम बिहारी के घर से राजेंद्र के घर तक सीसी व नाली निर्माण, सरकारी विद्यालय से बुद्धसेन के घर तक खड़ंजा नाली निर्माण , प्रेमपाल के घर के सामने पुलिया निर्माण, सरकारी विद्यालय से बुद्धसेन के घर तक नाला निर्माण, नहर वाले रास्ते पर पुलिया निर्माण, कन्हई के घर से भूरा के घर तक सीसी नाली निर्माण, चार हैंडपंप रिबोर, शिव मंदिर से मोहर सिंह के घर तक सीसी व नाली निर्माण, बादाम सिंह के घर से मोहर सिंह के घर तक सीसी नाली निर्माण, बादाम सिंह के घर से नासिर के घर तक सीसी नाली निर्माण, बबलू के दुकान से शराफत बेग के घर तक सीसी नाली निर्माण, मक्खन के घर से डालचंद के घर तक सीसी नाली निर्माण, महेंद्र के घर से हारून के घर तक सीसी नाली निर्माण, प्राथमिक विद्यालय नदनऊ में मरम्मत कार्य, होली चौक के पास पुलिया निर्माण, नदनऊ में नाला सफाई, प्राथमिक विद्यालय नदनऊ से मरम्मत लेखपाल के घर से गिरीश पाल के घर तक सीसी नाली निर्माण, पुरषोत्तम के घर से मौना खां के घर तक सीसी नाली निर्माण आदि यह समस्त कार्य 2015 से पूर्व कराए गए हैं। लेकिन इनको नया कार्य दिखाकर धनराशि निकाले जाने का आरोप है।
स्वच्छ भारत मिशन की धनराशि में घपला
2016-17 से 2021-22 तक स्वच्छ भारत मिशन के तहत 129 शौचालयों की धनराशि सरकारी खाते से निकाली गई। जबकि टीकाराम, जोगराज, शेर सिंह, सोमपाल, बाबूराम, बाबूराम प्रसादी व तुलीराम, बद्री प्रसाद, चद्रपाल, चंद्रसेन, चरनदास, धर्मपाल, दोदीराम, हीरालाल, विद्याराम, कल्लूराम, कौशल्या, मदनलाल, मक्खन, मुकेश, नत्थू, मोर सिंह, नेतराम, राजपाल, रामचंद्र, श्यामलाल, रमेश. रामकिशोर, रामप्रसाद, रतनलाल, शेर सिंह, महावीर व राजाराम आदि के नाम से बिना बनाए प्रति शौचालय 12000 रुपये की धनराशि गांव नदना के नाम पर निकाली गई है। बाकी नदनऊ निवासी कमलावती, कैलाश, कन्हई, खलील, कुंदनलाल, महेंदी शाह, मियां जान, रूप चंद्र, रहीस, रामसिंह, शराफतबेग, वीर सिंह, आनंदी, बाबू राम, बादाम सिंह, भगीरथ, भजनलाल, भीकम, चरम सिंह, हरदयाल, कांता प्रसाद, किरन, माया, नंदकिशोर, रघुवीर, रामबहादुर, रामकरन, रामरतन, सुंदरिया, तुलाराम, रामकुंवर, वीर सिंह आदि नदनऊ निवासी ग्रामीणों के शौचालय वर्ष 2015 से पूर्व बने हुए हैं। जबकि वर्ष 2017 व 18 से लेकर 2019-20 तक ग्राम पंचायत सचिव व प्रधान ने फर्जी नान स्वच्छता सूची में दर्शाकर शौचालय का धन निकाल लिया।
स्कूल की चाहरदीवारी पर चार-चार रद्दे लगाकर बना दिया विकलांग शौचालय
ग्रामीणों का आरोप है कि प्राथमिक विद्यालय की चार दीवारी के ऊपर चार-चार रद्दे लगाकर विकलांग शौचालय बना दिया गया और इसके नाम पर भी करीब सवा लाख रुपये निकाल लिया है। जबकि शौचालय निर्माण में दस हजार रुपये ही खर्च हुए होंगे। इसी तरह मनरेगा में बादाम सिंह के खेत से चंद्रसेन के खेत व नहर तक चंकबंद पर मिट्टी का कार्य 2021-22 सेमर वाली नदी का जीर्णोद्धार एवं जलनिकासी कार्य पूर्व वृक्षारोपण के नाम से विद्यालय की दीवार पर बिना निर्माण कार्य कराए फर्जी मस्टरोल रोजगार सेवक व ग्राम प्रधान ने अपने सगे संबंधियों के नाम दर्शा कर रुपये हड़पे जा रहे हैं।
इस तरह निकाली गई है धनराशि
शिकायती पत्र में आरोप है कि दिव्यांग शौचालय के निर्माण के लिए 16 फरवरी 2022 को वाउचर नंबर xvfc/2021-22/p9 द्वारा 1,23, 997 रुपये की धनराशि निकाली गई। जबकि छह माह बाद पुनः प्राथमिक स्कूल नदना में दिव्यांग शौचालय एवं नाली निर्माण के लिए 1,78,427 रुपये की धनराशि 22 अगस्त 2022 को वाउचर संख्या sthsfc/20220-23/p/13 को निकाला गया है। इसी प्रकार गांव में बिना कार्य कराए धनराशि निकाली गई है।
ग्रामीण बोले- गांव में विकास कार्यों और धन के दुरुपयोग की जांच हो
गांव नदना और नदनऊ के ग्रामीणों ने कहा है कि गांव में विकास कार्य हो नहीं रहे हैं, लेकिन धनराशि की फिजूलखर्ची की जा रही है। नदनऊ में गंदगी है। सफाई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में ग्राम पंचायत के कार्यों की जांच की जाए।
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ग्रामीणों ने कहा नदना और नदनऊ में विकास की जांच हो
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गांव नदना के ग्रामीणों ने विकास कार्यों की जांच की मांग की है। कहा है कि पिछले दस साल में जो भी काम हुए हैं उनकी जांच की जाए। कार्यों में भेदभाव अपनाया जा रहा है। ग्रामीणों के आरोप पर जिला पंचायत राज अधिकारी ने बताया कि शिकायत मिलने पर जांच कराई जाएंगी। जांच के बाद ही कार्रवाई की जाएगी।