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एकता विहार में राम कथा सुनाते कथा व्यास राजेंद्र तिवारी। Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)
रामपुर, वाईबीएन नेटवर्क। श्री राम कथा प्रसार समिति, एकता विहार में आयोजित श्रीरामकथा में कथा व्यास राजेन्द्र तिवारी ने कहा कि प्रेम और अनुराग से ही भगवान के चरण प्राप्त होते हैं। उन्होंने बताया कि जनक जैसे महाज्ञानी भी भगवान के चरण अनुराग के कारण ही प्राप्त कर सके। भगवान तक पहुँचने का मार्ग राग नहीं, अनुराग है। राग संसार से होता है, और अनुराग ईश्वर से होना चाहिए।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि कभी–कभी महान ज्ञानी भी अज्ञान की भाषा बोल जाते हैं। परम ज्ञानी राजा जनक ने भी धनुष न टूटने की स्थिति में कहा था कि शायद विधाता ने राम–सीता का विवाह नहीं लिखा होगा, तब दूध-मुँह बालक लक्ष्मण ने खरी-खोटी सुनाई कि जब राम-सीता को बनाया ही नहीं तो उनका विवाह कराने वाला ब्रह्मा कौन है। कथा व्यास ने कहा कि राम और सीता भिन्न नहीं, अभिन्न हैं। राम और सीता का विवाह शाश्वत है, धनुष टूटना या न टूटना इसका कारण नहीं है।
कथा व्यास ने कहा कि भगवान श्रीराम ने धनुष तोड़ा और तत्पश्चात माता सीता ने भगवान श्रीराम के गले में जयमाला डालते हुए समस्त देवगण और भक्तों ने मंगल गीत गाते हुए विवाहोत्सव मनाया।
कार्यक्रम में मुख्य यजमान के रूप में रामगोपाल गुप्ता व श्संगीता गुप्ता (सपत्नीक) ने वेदी पूजन और व्यास पूजन किया, जिसका विधान पं. अतुल मिश्रा ने सम्पन्न कराया। कथा में चन्द्रपाल, अजय सक्सेना, सीताराम शर्मा, दीपक गुप्ता, नवीन शर्मा, शोभित सक्सेना, विनय कुमार, राजीव कुमार, प्रदीप माहिर, गौरव वार्ष्णेय, दीनानाथ, सुनील कौशिक, गोविन्द शर्मा, विनोद शर्मा, सुनील वैश्य, जेके श्रीवास्तव, अशोक सक्सेना आदि उपस्थित रहे।
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