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भुगतान न मिलने पर कलक्ट्रेट में धरना देकर का आशाओं ने किया प्रदर्शन, बोली दीपावली भी बीती मायूसी में

भावलखेड़ा सीएचसी पर धरना के बावजूद सुनवाई न होने पर आशा कार्यकर्ता लंबित भुगतान को लेकर सड़कों पर उतर आईं। शुक्रवार को उन्होंने कलक्ट्रेट में धरना देकर प्रदर्शन किया। अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए। सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन देकर समस्या समाधान की मांग की।

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maharaj singh
आशाओं के भुगतान संबंधित समस्याओं के समाधान न होने से वह पुनः अपने कहे हुए समय पर धरना पदर्शन करने के संबंध में।

आशाओं के भुगतान संबंधित समस्याओं के समाधान न होने से वह पुनः अपने कहे हुए समय पर धरना पदर्शन करने के संबंध में। Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)

शाहजहांपुर वाईबीएन नेटवर्क : वेतन भुगतान समेत लंबित समस्याओं  की मांग को लेकर सीएचसी भावलखेड़ा की आशा कार्यकार्यकर्ताओं को आखिरकार सड़कों पर उतरना पडा। शुक्रवार को उन्होंने कलक्ट्रेट परिसर में धरना प्रदर्शन करते हुए अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए। कहा कि बार-बार आवेदन देने और सीएमओ, एएमओआईसी, मुख्य विकास अधिकारी व जिलाधिकारी तक शिकायत पहुंचाने के बाद भी उनकी सुनवाई नहीं हो रही है।

आशाओं ने बताया कि विभागीय उदासीनता के कारण दीपावली का त्यौहार भी उन्होंने निराशा और आंसुओं के साथ मनाया। भुगतान न मिलने से परिवारों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। आशाओं ने कहा कि वेतन न मिलने से 80 रुपये प्रतिदिन पर काम करने वाली आशाओं का शोषण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 15 अक्तूबर को नोडल अधिकारी डॉ. पी.पी. श्रीवास्तव ने भरोसा दिया था कि 30 अक्तूबर तक सभी का भुगतान हो जाएगा, लेकिन वादा पूरा नहीं हुआ। इससे क्षुब्ध होकर 31 अक्तूबर से आशाओं ने पुनः धरना शुरू कर दिया।

आठ सितंबर से क्रमिक धरना के बाद भी नहीं दिया ध्यान 

आशाओं का कहना है लंबित समस्याओं की मांग के लिए वह 8 सितंबर से लगातार सीएचसी पर धरना दे रही है। लेकिन प्रशासनिक स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। चेतावनी दी कि यदि भुगतान जल्द नहीं हुआ, तो जिले भर की आशाएं भावलखेड़ा की आशाओं के समर्थन में उतरेंगी और आंदोलन उग्र रूप ले सकता है।

अधिकारियों पर अभद्रता और भ्रष्टाचार के आरोप

धरने के दौरान आशाओं ने सुपरवाइजर अनिकेत (एचबी) सहित कुछ कर्मचारियों पर अभद्रता, फोन छीनने, और कुछ संगिनियों के साथ मिलकर भ्रष्टाचार में संलिप्त होने के आरोप लगाए। आशाओं का कहना है कि गलत ढंग से भुगतान रोककर, अपने परिचितों के खातों में रकम भेजी जाती है।

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आशाओं ने मांग की है कि ऐसी फर्जी भुगतान सूची निकालकर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनकी कोई संगिनी या आशा के साथ कोई भी अप्रिय घटना होती है, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।

प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की मांग

आशाओं ने कहा कि मजदूर की मजदूरी रोकना अपराध है। उन्होंने जिलाधिकारी से तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा कि लंबित भुगतान जारी न होने की स्थिति में आंदोलन और व्यापक होगा।

निराशा में आशाएं — तीन साल से रुका भुगतान, भावलखेड़ा सीएचसी पर धरना”

आशाओं ने उठाए कई गंभीर मुद्दे

सिटी मजिस्ट्रेट को दिए गए ज्ञापन में बताया कि—

आभा आईडी का भुगतान अब तक नहीं हुआ, जबकि ₹10 प्रति कार्ड देय है।

C-Back फार्म (₹10 प्रति फॉर्म) का भुगतान तीन वर्षों से लंबित है।

टीबीआई भुगतान आठ वर्षों से नहीं हुआ।

राज्य बजट भुगतान दो वर्षों से नहीं मिला।

साड़ी वाउचर भुगतान चार वर्षों से रोका गया।

जेएसवाई (प्रसव भुगतान) रोक दिया गया है।

आयुष्मान कार्ड, फाइलेरिया, पल्स पोलियो, कुष्ठ खोजी, दस्तक अभियान जैसे कार्यों का भी भुगतान नहीं हुआ।

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ट्रेनिंग भुगतान कई बार करवाने के बाद भी नहीं मिला।

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