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कोविद तिवारी की हत्या मामले में सडक जाम कर प्रदर्शन करते परिजन Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)
शाहजहांपुर, वाईबीएन संवाददाताः भाजपा नेता के भाई की लूट के बाद हत्या मामले में सबसे चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। दर्ज कराई गई प्राथमिकी में पांच लोगों पर 60 हजार रुपये लूटने और हत्या कराने का आरोप लगाया गया है। जिन पुलिस कर्मियों के सामने पूरी वारदात हुई, एसपी ने उन्हें निलंबित कर दिया है। वित्तमंत्री सुरेश खन्ना के समझाने पर पीडित परिवार ने अंत्येष्टि कर दी, लेकिन घटना से पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं।
ट्रांसपोर्ट कंपनी में मैनेजर थे कोविद तिवारी
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शहर के मोहल्ला बाबूजई निवासी ट्रांसपोर्ट मैनेजर कोविद तिवारी भाजपा बूथ अध्यक्ष शोभित तिवारी के भाई थे। बुधवार को पुलिस ने जुआ खेलने की सूचना पर दबिश दी, इसी दौरान पुलिस के डर में कोविद तिवारी खन्नौत नदी में कूदे और उनकी मृत्यु हो गई। परिजनों का आरोप था दबिश देने वाले पुलिस कर्मी पंकज, राजेश और अमन कुमार ने लूट के बाद उनके भाई को नदी में धक्का दे दिया। परिजन पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की मांग कर रहे थे, इसके लिए उन्होंने सडक पर शव रखकर जाम भी लगाया था। पोस्टमार्टम के बाद भी राजघाट चौकी के पास लोगों ने रात करीब एक बजे तक शव वाहन को बीच सडक पर खडा करके जाम लगाए रखा।
फिर किसने की कोविद की हत्या जानिए
पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने तत्काल प्रभाव से तीनों सिपाहियों को निलंबित कर दिया। वहीं, परिवार की तहरीर पर बिजलीपुरा निवासी नासिर, रशीद, हयातपुर के इमरान, सबलू और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ ₹60,000 और मोबाइल लूटकर हत्या करने का मुकदमा दर्ज किया गया है।
सवालों के घेरे में पुलिस की भूमिका
घटना के वक्त तीन सिपाहियों की मौजूदगी ने पुलिस पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आखिर उनके सामने आरोपितों ने कैसे लूट और हत्या को अंजाम दे दिया? यह सवाल हर किसी की जुबा है। लोग पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं।
परिवार अब भी नहीं संतुष्ट, राजनीतिक हलचल तेज
परिजनों ने पुलिस कार्रवाई पर असंतोष जताते हुए निष्पक्ष जांच और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की है। भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच भी आक्रोश देखा जा रहा है। मामला अब राजनीतिक रंग लेने लगा है, जिससे पुलिस प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है।
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