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शाहजहांपुर के राज्य विश्वविद्यालय पर कैबिनेट की भी मुहर, स्वामी चिन्मयानंद ने ऐतिहासिक उपहार से रचा नया अध्याय Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)
शाहजहांपुरवाईबीएनसंवाददाताःशाहजहांपुर जनपद के लिए शिक्षा जगत का वह सपना अब साकार हो गया है, जो वर्षों से प्रतीक्षित था। स्वामी चिन्मयानंदकी ओर से लगभग 2000 करोड़ की संपत्ति और पूरे मुमुक्षु शिक्षा संकुल को प्रदेश सरकार को सौंपने के बाद शासन ने इसे राज्य विश्वविद्यालय का दर्जा प्रदान कर दिया। महामना मदन मोहन मालवीय की तर्ज पर स्वामी चिन्मयानंद की यह देन न सिर्फ शाहजहांपुर बल्कि पूरे रहेलखंड व अवध क्षेत्र की उच्च शिक्षा व्यवस्था को नई दिशा देगी।
राज्य विश्वविद्यालय बनने की ऐतिहासिक यात्रा
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1989 में जब स्वामी चिन्मयानंद पहली बार शाहजहांपुर पहुंचे थे, तब मुमुक्षु शिक्षा संकुल के विद्यालय अविकसित स्थिति में थे। 36 वर्षों की निरंतर मेहनत, जनसहयोग और शिक्षण–संस्थानों के विस्तार के बाद आज वही संकुल राज्य विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित हो चुका है।पांच बड़े शैक्षणिक संस्थानों में एसएसएमवीCBSEविद्यालय, स्वामी धर्मानंदइंटरकॉलेज माध्यमिक विद्यालय, संस्कृत महाविद्यालयबनारस से संबद्ध तथा स्वामी शुकदेवानंद महाविद्यालय और विधि महाविद्यालयएमजेपी विश्वविद्यालय—को मिलाकर यह विश्वविद्यालय अब कक्षा केजी से लेकर शोध (PhD) तक की शिक्षा उपलब्ध कराएगा।
शासन की मुहर और बड़ा बदलाव
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर गठित उच्चस्तरीय समिति ने निरीक्षण के बाद विश्वविद्यालय का प्रस्ताव पारित किया। इसके बाद एमओयू साइन हुआ, और अब इस पर कैबिनेट की मुहर के साथ राज्य विश्वविद्यालय बनने का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया है। दिसंबर से विश्वविद्यालय अपना शैक्षणिक कार्य शुरू कर देगा। कुलपति, कुलसचिव, परीक्षा नियंत्रक, वित्त नियंत्रक सहित सभी प्रमुख पदों पर शासन स्तर से नियुक्ति होगी।
जिले और आसपास के युवाओं के लिए नई दिशा
अब शाहजहांपुर, पीलीभीत, हरदोई, फर्रुखाबाद और लखीमपुर खीरी आदि जिलों के छात्रों को बरेली या लखनऊ, कानपुर नहीं जाना पड़ेगा। जनपद में संचालित लगभग 50 महाविद्यालय अब इसी विश्वविद्यालय से संबद्ध होंगे। इससे पढ़ाई, परीक्षा, परिणाम और शोध कार्यों की गति में बड़ा सुधार होगा।
स्वामी चिन्मयानंद—एक युगांतकारी योगदान
महामना मदन मोहन मालवीय की तरह उन्होंने शिक्षा को समाज को समर्पित करते हुए अपनी पूरी संपत्ति विश्वविद्यालय के लिए दे दी। राज्य विश्वविद्यालय बन जाने से निर्बाध रूप से यह संस्थान उच्च शिक्षा के उच्च सोपान को प्राप्त होगा। भले ही शाहजहांपुर के लोग हमारा अपेक्षित सहयोग नहीं कर सके, कुछ कटू अनुभव भी रहे, लेकिन संत कष्ट सहकर भी खुशी बांटते हैं, इसलिए 36 साल की शाहजहांपुर की कर्मयात्रा में जो बन सका, उसे शाहजहांपुर समेत क्षेत्र के विकास को समर्पित कर दिया है। इससे जिले के शिक्षकों, छात्र-छात्राओं और समाजसेवियों को भी शुभकामनाओं के साथ शुभ कार्य की दिशा में आगे बढने का अवसर मिलेगा। स्वामी चिन्मयानंद भावुक होकर बोले गुरु की कर्मस्थली को शिक्षा का महान केंद्र बनाना उनका जीवन का संकल्प पुरा हुआ।
110 साल बाद बीएचयू जैसा नया इतिहास
राज्य विश्वविद्यालय का दर्जा न सिर्फ शाहजहांपुर बल्कि पूरे रहेलखंड और आसपास के जिलों की शिक्षा, शोध, रोजगार और सामाजिक विकास की दिशा में ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित होगा। जिस तरह 1915 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना महामना पंडित मदन मोहन मालवीय ने की थी, 1916 से वह पूर्ण रूप से धरातल पर नजर आया और शिक्षण कार्य शुरु हुआ, ठीक 110 वर्ष बाद 2025 में स्वामी शुकदेवानंद राज्य विश्वविद्यालय को स्वीकृति मिली, 2026 यानि आगामी शिक्षण सत्र से यहां विश्वविद्यालय के अधीन शिक्षण कार्य शुरु हो जाएगा। पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्रीस्वामी चिन्मयानंद को भी महामना की तरह शिक्षा में योगदान के लिए आने वाली पीढ़ी सदियों तक याद करेगी और मार्गदर्शन मिलता रहेगा।
शिक्षकों के विचार: शिक्षा में नया युग शुरू
राज्य विश्वविद्यालय बनने से शिक्षक, छात्र, समाजसेवी व चिकित्सक भी खुश है। मीडिया से उन्होंने विचार भी साझा किए। प्रस्तुत हैं उनके हृदय के उद्गार ....
“विश्वविद्यालय बनने से शैक्षणिक माहौल बदलेगा। आधुनिक प्रयोगशालाएं, शोध की सुविधाएं और रोजगारपरक कोर्स युवाओं को नई दिशा देंगे। उच्च शिक्षा में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।
डा. अनुराग अग्रवाल (वाणिज्य विभाग अध्यक्ष एवं उपप्राचार्य, SS कालेज)
“यह शाहजहांपुर के लिए ऐतिहासिक कदम है। विधि शिक्षा वर्ग को भी बड़ा लाभ मिलेगा। अब छात्रों को बाहर नहीं जाना पड़ेगा।”
अजय वर्मा (अध्यक्ष, सेंट्रल बार एसोसिएशन)
भविष्य में मेडिकल, पैरामेडिकल या हेल्थमैनेजमेंट के विभाग खुलते हैं तो जिले को स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव मिलेगा। योग्य मानव संसाधन तैयार होगा।”
डॉ. रवि मोहन - समाजसेवी चिकित्सक
“यह विश्वविद्यालय शाहजहांपुर के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। केजी से पीजीतक की शिक्षा और शोध को बढ़ावा मिलेगा।”
डा. विकास खुराना (अध्यक्ष, इतिहास विभाग)
राजनीति और समाज का समर्थन
“मेरी राजनीतिक यात्रा इसी कॉलेज से शुरू हुई थी। आज विश्वविद्यालय का दर्जा मिलना मेरे लिए गर्व का क्षण है।”
अरविंद सिंह- विधायक ददरौल
“मेरे करियर में एसएसकॉलेज की बड़ी भूमिका रही है। मेरी खुशी दोगुनी है कि यह कॉलेज अब राज्य विश्वविद्यालय का हिस्सा बनेगा।”
अमित यादव ‘रिंकू’ पूर्व एमएलसी
अब युवाओं को महानगरों की ओर पलायन नहीं करना पड़ेगा। नए कोर्स और आधुनिक सुविधाएं करियर के विकल्प बढ़ाएँगी। यह हमारी पीढ़ी के लिए बड़ा फैसला है।”
आयुष श्रीवास्तव (विद्यार्थी)
मुमुक्षु शिक्षा संकुल: शिक्षा, शोध और पर्यावरण का मॉडल.. जानिए क्या है खास
•लगभग 200 शिक्षक स्थायी व अधिकृत
• 500 से अधिक अन्य कार्मिक
* 525 परिवारों की आजीविका
•पूर्ण सोलरसिस्टम,
•वर्षा जल संचयन प्रणाली,
•नारी सशक्तिकरण में अग्रणी भूमिका,
• 12 हज़ार से अधिक विद्यार्थी
* पर्यावरण संरक्षण, नवाचार को प्रोत्साहन
आदि की वजह से मुमुक्षु शिक्षा संकुल का यह शिक्षण संस्थान विश्वविद्यालय का दर्जा मिलने पर अब प्रदेश के सबसे उन्नत शैक्षणिक परिसरों में शामिल हो सकेगा।
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