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क्राइम: जंगल में असलहे बना रहे तीन आरोपियों को कोर्ट ने सुनाई सजा, 7-7 साल की कैद

शाहजहांपुर की त्वरित न्यायालय-द्वितीय ने असलहे बनाते गिरफ्तार किए गए तीन आरोपियों को सात-सात साल की सजा सुनाई। साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर अदालत ने दोषसिद्ध पाया।

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Ambrish Nayak
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Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)

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शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाता। अवैध असलहे बनाने वाले तीन दोषियों को अदालत ने सात-सात वर्ष की सजा सुनाई है। यह कार्रवाई त्वरित न्यायालय-द्वितीय के अपर सत्र न्यायाधीश नरेंद्र नाथ पांडेय ने सुनवाई के बाद की।

मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने मारी दबिश

मामला पुवायां थाने से जुड़ा है। उपनिरीक्षक राकेश सिंह ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 27 अप्रैल 2023 को वह पुलिस टीम के साथ गश्त पर थे। इसी दौरान उन्हें मुखबिर से सूचना मिली कि ग्राम बरौना के जंगल में तीन लोग असलहे बना रहे हैं। सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और दबिश दी।

मोमबत्ती और टॉर्च की रोशनी में बना रहे थे हथियार

जंगल में तीन व्यक्ति मोमबत्ती और टॉर्च की रोशनी में हथियार बनाते दिखे। एक धौंकनी चला रहा था, दूसरा हथौड़ी से पत्तनी पीट रहा था और तीसरा स्क्रू कस रहा था। उनके आसपास तमंचा बनाने का सामान बिखरा पड़ा था। पुलिस ने तत्काल तीनों को गिरफ्तार कर लिया।

गिरफ्तार आरोपियों में पुवायां के गांव दियुरिया निवासी श्रीराम, पलियाखेड़ा गांव का अली शेर और ककराह गांव का उमेश शामिल हैं। विवेचना पूरी होने पर पुलिस ने आरोपपत्र अदालत में दाखिल किया। साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर अदालत ने दोषसिद्ध पाए जाने पर तीनों को सात-सात वर्ष के कारावास की सजा सुनाई।

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