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शाहजहांपुर जलालाबाद में हादसे के बाद हरकत में आया विभाग, कोला पुल से हटवाए पत्थर

जलालाबाद के कोला पुल पर रखे पत्थरों से बाइक टकराने से चाचा-भतीजे की मौत के बाद विभाग ने कार्रवाई करते हुए मंगलवार को उन पत्थरों को हटा दिया। हादसे को अखबार में प्रमुखता से उजागर करने के बाद विभाग हरकत में आया।

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maharaj singh
शाहजहांपुर जलालाबाद में हादसे के बाद हरकत में आया विभाग, कोला पुल से हटवाए पत्थर

शाहजहांपुर जलालाबाद में हादसे के बाद हरकत में आया विभाग, कोला पुल से हटवाए पत्थर Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)

शाहजहांपुर वाईबीएन नेटवर्क। जलालाबाद शाहजहांपुर कोला घाट पुल पर रखे खतरनाक पत्थरों से हुई दुर्घटना ने आखिरकार प्रशासन को झकझोर ही दिया। रविवार रात चाचा-भतीजे की मौत के बाद चर्चा में आए इस मामले में मंगलवार को लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की टीम ने एक मशीन के जरिए पुल से सभी पत्थर हटवा दिए।

कैसे हुआ दर्दनाक हादसा

तिलहर क्षेत्र के ढकिया रघा निवासी रविंद्र, अपनी बहन अरुणा देवी के तिलक समारोह में उपहार के रूप में देने के लिए खरीदी गई बाइक को लेकर भतीजे मोनू (उम्र लगभग 16 वर्ष) के साथ जा रहे थे।
जब वे जलालाबाद के कोला घाट पुल पर पहुंचे, तभी रास्ते में रखे बड़े पत्थरों से बाइक टकरा गई। हादसा इतना गंभीर था कि दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। स्वजनों ने इन पत्थरों को हादसे की मुख्य वजह बताया।

अखबार में खबर छपते ही जागा विभाग

इस लापरवाही को दैनिक जागरण ने मंगलवार के अंक में प्रमुखता से छापा, जिसमें बताया गया कि पुल पर बिना आवश्यकता के बड़े पत्थर पड़े थे और विभाग ने चेतावनी के बाद भी इसे गंभीरता से नहीं लिया।
खबर प्रकाशित होने के बाद विभागीय अधिकारियों की सक्रियता बढ़ी और मंगलवार को मशीनों की मदद से पत्थरों को हटवाया गया।

जनता बोली हादसे ने छीनी दो जिंदगियां

स्थानीय लोगों का कहना है कि पुल पर महीनों से यह पत्थर पड़े थे। कई बार इसकी शिकायत भी की गई, लेकिन विभाग ने ध्यान नहीं दिया। लोगों ने कहा कि यदि पहले सतर्कता बरती जाती तो दो जानें न जातीं।

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लापरवाही के खिलाफ सख्ती की मांग

इस घटना ने एक बार फिर प्रशासनिक लापरवाही को उजागर किया है। निगरानी बढ़ाने की मांग संपर्क मार्गों की समय-समय पर जांच खतरनाक स्थानों पर बैरिकेडिंग और संकेतक बोर्ड स्थानीय लोगों का कहना है कि विभागों को जन सुरक्षा को प्राथमिकता देनी होगी, ताकि भविष्य में ऐसी दुखद घटनाओं को रोका जा सके।

नागरिकों की सतर्कता भी जरूरी

विशेषज्ञों का मानना है कि विभागीय जिम्मेदारी के साथ-साथ नागरिकों को भी सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सजग रहना चाहिए, ताकि प्रशासन को समय रहते खतरनाक स्थितियों की जानकारी मिल सके।

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