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जिला निर्वाचन अधिकारी ने राजनीतिक दलों संग की बैठक, मतदेय स्थलों के सम्भाजन पर चर्चा तेज

जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने मंगलवार को राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों संग बैठक कर मतदेय स्थलों के सम्भाजन पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने सुझाव व आपत्तियाँ देने की अंतिम समय सीमा 19 नवंबर सायं तक निर्धारित की।

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maharaj singh
जिला निर्वाचन अधिकारी ने राजनीतिक दलों संग की बैठक, मतदेय स्थलों के सम्भाजन पर चर्चा तेज

जिला निर्वाचन अधिकारी ने राजनीतिक दलों संग की बैठक, मतदेय स्थलों के सम्भाजन पर चर्चा तेज Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)

शाहजहांपुर वाईबीएन नेटवर्क। मंगलवार जिला निर्वाचन अधिकारी/जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में वीसी कक्ष में राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों के साथ मतदेय स्थलों के सम्भाजन प्रस्ताव को लेकर महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। जिलाधिकारी ने बताया कि मतदेय स्थलों के पुनर्गठन व बेहतर व्यवस्थापन के लिए राजनीतिक दलों से सुझाव, आपत्तियाँ व परिवर्तन संबंधी मत आज 19 नवंबर 2025 की सायं तक जिला निर्वाचन कार्यालय में प्रस्तुत किए जा सकते हैं।

1200 से अधिक मतदाताओं वाले केंद्रों का होगा सम्भाजन

जिलाधिकारी ने कहा कि मतदाताओं को बेहतर अनुभव देने और मतदान प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए ऐसे सभी मतदेय स्थलों का सम्भाजन प्रस्तावित है जहाँ 1200 से अधिक मतदाता पंजीकृत हैं।बहुमंजिला भवन, नई कॉलोनियों में बनाए जा सकते हैं नए केंद्र जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार बहुमंजिला भवनों, ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी, आरडब्ल्यूए कॉलोनियों में यदि भूतल पर सामुदायिक हॉल मौजूद है, तो वहाँ नया मतदेय स्थल बनाए जाने पर विचार किया जाएगा। नगरीय और अर्द्ध-नगरीय झुग्गी बस्तियों वाले क्षेत्रों में भी नए केंद्रों के निर्माण की आवश्यकता को प्राथमिकता दी जाएगी।

परिवार नहीं टूटेंगे, मतदाताओं का संतुलन रहेगा अहम

आयोग की अपेक्षा के अनुसार किसी भी मतदान स्थल पर मतदाताओं की संख्या यथोचित रहे।परिवारों को अलग-अलग मतदान स्थलों पर न भेजा जाए, उनके सभी सदस्य एक ही स्थान व अनुभाग में रखे जाएं। विधानसभा क्षेत्रवार मतदेय स्थलों को रनिंग सीरियल नंबर दिया जाएगा तथा अक्जिलरी (सहायक) केंद्र खत्म किए जाएंगे। जर्जर भवनों के केंद्र होंगे स्थानांतरित, नामों की शुद्धता पर जोर

जिलाधिकारी ने कहा कि

अत्यधिक जर्जर व पुराने भवनों में बने मतदेय स्थलों को उसी क्षेत्र के स्थायी भवनों में स्थानांतरित किया जाएगा। पिछले वर्षों में भवनों के नाम शुद्ध न होने से संशोधन की आवश्यकता पड़ी थी, इसलिए इस बार नामों की शुद्धता पर विशेष ध्यान रखा जाएगा। आवश्यक परिस्थितियों में 300 से कम मतदाताओं वाले केंद्र रखने हों तो स्पष्ट कारण प्रस्ताव में दर्ज किए जाएं। राजनीतिक/व्यावसायिक भवनों से 200 मीटर दूरी अनिवार्य

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निर्देशों के अनुसार

किसी भी राजनीतिक दल या लेबर यूनियन कार्यालय से 200 मीटर के भीतर मतदेय स्थल नहीं बनाया जाएगा। यदि कोई केंद्र दुकान, व्यवसायिक प्रतिष्ठान या किसी राजनीतिक व्यक्ति के व्यक्तिगत भवन में स्थित है, तो उसे वैकल्पिक भवन में शिफ्ट किया जाएगा।

सभी केंद्रों में एएमएफ (Accessible Model Polling Stations) सुविधाओं का ध्यान रखा जाएगा।बैठक में अपर जिलाधिकारी प्रशासन रजनीश कुमार मिश्र, नगर मजिस्ट्रेट प्रवेंद्र कुमार, तथा विभिन्न राजनीतिक दलों के पदाधिकारी व संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

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