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शाहजहांपुर में उफनाई गंगा और रामगंगा का रौद्र रूप, 30 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में, कई संपर्क मार्ग कटे, पलायन को मजबूर ग्रामीण

रामगंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंचने से शाहजहांपुर, जलालाबाद, अल्हागंज और परौर के 30 से अधिक तटीय गांव बाढ़ में घिर गए हैं। फसलें जलमग्न, कई संपर्क मार्ग कटे, ग्रामीण पलायन कर रहे हैं। गंगा में उफान से स्टेट हाईवे पर पुलिया बह गई।

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Ambrish Nayak
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Photograph: (shahjahanpur netwrk)

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शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददातारामगंगा का जलस्तर मंगलवार को भी बढ़ते हुए खतरे के निशान से ऊपर चला गया, जिससे फर्रुखाबाद सीमा पर डबरी घाट के पास तकरीबन तीन दर्जन तटीय गांव बाढ़ में डूब गए। कई गांवों में पानी घरों की चौखट तक पहुंच गया। लोग सामान व पशु सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे हैं। कई संपर्क मार्ग डूबने से आवागमन ठप है।

रामगंगा और बहगुल के बढ़ते जलस्तर ने जलालाबाद क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक गांवों में बाजरा, मक्का, तिल और धान की सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न कर दी। कसारी गांव का संपर्क मार्ग सोमवार को एक जगह से टूटा था, मंगलवार को दो और स्थानों पर कट गया। बीघापुर, सिठौली, मौजमपुर और रैपुरा के रास्ते भी पानी में डूब गए। प्रशासन की ओर से अब तक सभी गांवों में सुरक्षित निकासी की पूरी व्यवस्था नहीं हो पाई है।

अधिकारी नही पूछ रहे हाल, पलायन को मजबूर ग्रामीण

जलालाबाद कोला रोड किनारे जयपाल की भैंस सोमवार रात डूब गई। सिठौली, कसारी, मिर्जापुर क्षेत्र के कई गांवों के निचले इलाकों में पानी भर चुका है। कोलाघाट पुल से पहले ऊंचाई पर बने पुल निर्माण एजेंसी का डिपो चारों ओर से पानी में घिर गया है। खेत पूरी तरह डूबे हैं। चार गांवों में आवागमन के लिए मोटरबोट और नावें लगाई गई हैं।

अधिकारी नही पूछ रहे हाल, पलायन को मजबूर ग्रामीण

अल्हागंज रमापुर बझेड़ा के आबादी क्षेत्र में बाढ़ का पानी पहुंचने से ग्रामीण घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर पलायन कर रहे हैं। गोरा महुआ, दहेना, साईपुर, रामपुर, भरतौली समेत दो दर्जन गांवों की फसलें जलमग्न हैं। ग्रामीणों ने बताया कि अब तक कोई अधिकारी गांव का हाल जानने नहीं पहुंचा।

पूर्व में बह चुका गांव, फिर तेजी से शुरू हुआ भूमि कटान

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परौर। नारायणनगर पश्चिमी के खेतों तक पहुंची बाढ़ भूमि कटान तेज कर रही है। एक दशक पहले की बाढ़ में नारायणनगर पूर्वी और मंझा गांव नदी में समा चुके हैं। सिंचाई विभाग की अस्थायी ठोकरें पानी में डूब चुकी हैं। सहायक अभियंता नेहा वर्मा ने बताया कि कटान रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं।

खतरे के निशान से ऊपर रामगंगा

सिंचाई विभाग के अनुसार डबरी घाट पर रामगंगा का जलस्तर 137.300 मीटरगेज है, जो खतरे के निशान से 8 सेमी ऊपर है। गंगा भैसार ढाई घाट पर जलस्तर 143.630 मीटरगेज, खतरे के निशान से 3 सेमी नीचे है। नरौरा बैराज से गंगा में 2,47,534 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिससे जलस्तर और बढ़ सकता है। चौबारी घाट पर रामगंगा खतरे के निशान से दो मीटर नीचे है। गर्रा और खन्नौत नदियों का जलस्तर घट रहा है।

गंगा उफनाई, स्टेट हाईवे पर बही पुलिया

कलान गंगा के तेज बहाव से जलालाबाद-शमशाबाद स्टेट हाईवे पर बांसखेड़ा के पास पुलिया बह गई। चौरा से बसोला गांव तक हाईवे के तीन किमी हिस्से पर तीन फुट पानी बह रहा है। पुलिस ने रास्ता बंद कर चेतावनी बोर्ड लगाए हैं। आसपास के गांव टापू बन गए हैं, ग्रामीण इलाज और भोजन के लिए परेशान हैं। थाना प्रभारी सोनी शुक्ला ने गांवों में पहुंचकर बीमारों का उपचार कराया और दवाएं वितरित कीं।

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एडीएम वित्त एवं राजस्व अरविंद कुमार ने बाढ़ क्षेत्र के लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है। नाव और मोटरबोट लगाई गई हैं, बाढ़ क्षेत्र की लगातार निगरानी की जा रही है।

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