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संविधान और अनुशासन से ही बनेगा सुनहरा भविष्य, नवांगतुक विद्यार्थी कार्यक्रम में बोलें- स्वामी चिन्मयानन्द

शाहजहांपुर के स्वामी शुकदेवानन्द विधि महाविद्यालय में नवागंतुक विद्यार्थी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें पूर्व मंत्री स्वामी चिन्मयानन्द, पूर्व आईएएस दिनेश सिंह व अन्य वक्ताओं ने संविधान, विधि शिक्षा, अनुशासन व राष्ट्र निर्माण पर प्रेरक विचार रखे।

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Ambrish Nayak
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शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाताजनपद के स्वामी शुकदेवानन्द विधि महाविद्यालय में नव-आगंतुक विद्यार्थियों के लिए निर्देशन कार्यक्रम का आयोजन हुआ जिसकी अध्यक्षता पूर्व गृह राज्य मंत्री एवं मुमुक्षु शिक्षा संकुल के मुख्य अधिष्ठाता स्वामी चिन्मयानन्द सरस्वती ने की।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी दिनेश कुमार सिंह, मुख्य वक्ता प्रो.डॉ. अमित सिंह, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ओम प्रकाश मिश्रा, विशिष्ट अतिथि डॉ. विकेश त्रिपाठी, डॉ. अवनीश मिश्रा तथा महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. जयशंकर ओझा मंचासीन रहे।

स्वामी चिन्मयानन्द ने विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि शिक्षा और संस्कार से ही जीवन बेहतर हो सकता है। उन्होंने विद्यार्थियों से जाति-धर्म से ऊपर उठकर राष्ट्र निर्माण के लक्ष्य को पूरा करने का आह्वान किया।

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मुख्य वक्ता प्रो.डॉ.अमित सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय ने विधि शिक्षा में सभी नवीन संशोधनों को शामिल करते हुए नया पाठ्यक्रम तैयार किया है जिससे राष्ट्र को योग्य न्यायविद, न्यायाधीश और अधिवक्ता मिल सकें। मुख्य अतिथि दिनेश कुमार सिंह ने विद्यार्थियों को पढ़ने, लिखने, बोलने और समूह चर्चा का अभ्यास करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि लक्ष्य प्राप्ति के लिए पूरी क्षमता से अधिक मेहनत करनी होगी।

ओम प्रकाश मिश्रा ने कहा कि न्याय व्यवस्था में जाति-धर्म का कोई स्थान नहीं है। अधिवक्ता का दायित्व निष्पक्ष न्याय सुनिश्चित करना है। डॉ. विकेश त्रिपाठी ने विधि निर्माण के ऐतिहासिक और पारंपरिक पहलुओं पर प्रकाश डाला।

डॉ.अवनीश मिश्रा ने विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास का आश्वासन दिया। राष्ट्रवादी कवि ब्रजेश अवस्थी ने छंद और दोहे के माध्यम से विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. दीप्ति गंगवार ने किया। अंत में प्राचार्य डॉ. जयशंकर ओझा ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम की सफलता में महाविद्यालय के अनेक शिक्षकों और कर्मचारियों का योगदान रहा।

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