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कविता बंदियों को देती है सद्मार्ग की प्रेरणा, कारागार में आयोजित कवि सम्मेलन में बोले जेल अधीक्षक मिजाजी लाल

काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में स्थानीय कारागार में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कवियों ने देशभक्ति, हास्य-व्यंग्य व सामाजिक विषयों पर काव्यपाठ कर बंदियों का मनोरंजन किया। जेल अधीक्षक बोले कविता से सद्मार्ग की प्रेरणा मिलती है।

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Ambrish Nayak
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Photograph: (shahjahanpur netwrk)

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शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाताकाकोरी एक्शन की शताब्दी वर्षगांठ के अवसर पर जिला कारागार में वरिष्ठ जेल अधीक्षक मिजाजी लाल की ओर से कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस आयोजन का संयोजन हास्य- व्यंग्य कवि विजय तन्हा ने किया। इससे पूर्व प्रतिवर्ष 25 जनवरी को काकोरी एक्शन वर्षगांठ और गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में 25 जनवरी को कवि सम्मेलन आयोजित किया जाता था। पहली बार काकोरी ट्रेन एक्शन समृति दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कवि सम्मेलन की हर किसी ने सराहना की। 

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Photograph: (shahjahanpur netwrk)

कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों और कवियों ने मां शारदे की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित एवं माल्यार्पण कर किया। मां शारदे की वंदना लखनऊ से कवियित्री वर्षा श्रीवास्तव ने प्रस्तुत की। वरिष्ठ जेल अधीक्षक मिजाजी लाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि कवि सम्मेलन सिर्फ बंदियों का मनोरंजन ही नहीं करता बल्कि उन्हें सद्मार्ग पर चलने की प्रेरणा भी देता है। कवियों की हास्य कविताएं बंदियों को खुलकर हंसने का अवसर भी प्रदान करती हैं।

डॉ. इन्दु अजनबी ने मुक्तक प्रस्तुत करते हुए कहा –

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Photograph: (shahjahanpur netwrk)

इस अवसर पर कवि डाक्टर इंदु अजनबी ने 

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घनी-घनी सी दिलासा रहे ये ठीक नहीं।
सिर्फ़ संयम की ही भाषा रहे ये ठीक नहीं।
मेरी बदली तुझे, इस बार बरसना होगा,
बहुत दिनों कोई प्यासा रहे ये ठीक नहीं। रचना पढी। 

काकोरी से आए ओजस्वी कवि अशोक अग्निपथी ने अपनी कविताओं से जोश भरते हुए कहा –
यदि काकोरी की माटी का स्वर्णिम इतिहास नहीं होता,
तो हम सबके इस जीवन में माधुरिम मधुमास नहीं होता।

बंथरा के हास्य कवि कृष्ण कुमार मोर्य सरल ने देशभक्ति की भावपूर्ण रचना प्रस्तुत की –
समर्पण त्याग सेवा धर्म का उत्कर्ष लिख देना।
राष्ट्र पर प्राण अर्पण का अमिट आमर्ष लिख देना।
यही है प्रार्थना जब भी हो मेरा जन्म धरती पर,
हमारे भाग्य में भगवान भारतवर्ष लिख देना।।

कवि सम्मेलन के संयोजक हास्य कवि विजय तन्हा ने हँसाने वाले शेर सुनाए –
लड़की यदि देखने को जाएं आप श्रीमान,
कुण्डली मिलाने का बवाल मत कीजिए।
बेटी की जगह यदि रीझ जाएं सासू जी तो,
ले लाइए साथ में मलाल मत कीजिए।

लखनऊ से आए हास्य कवि संदीप अनुरागी ने दर्शकों को खूब हंसाया –
अतना जादा चोटानि छोटे, सब खाना पानी भूला है।
भोरहे शीशा मा मुह देखिन, तौ हनूमान कस फूला है।

कवियित्री वर्षा श्रीवास्तव ने गीतों के माध्यम से मनमोहक प्रस्तुतियां दीं –

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Photograph: (shahjahanpur netwrk)
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नहीं मैं अश्क जो आँखों से गिरा दी जाऊँ।
मैं वो काजल हूँ जो पलकों पे बिठाई जाऊँ।
शख़्सियत अपनी है सोने की कंगन जैसी,
नहीं मैं कांच की चूड़ी जो तोड़ दी जाऊँ।

बाराबंकी के हास्य कवि प्रदीप महाजन ने भी श्रोताओं को ठहाके लगवाए –
गर्लफ्रेंड नाम की प्रजाति एक होती ऐसी,
लूटकर ब्वाय फ्रेंड मन खिल जाता है।
मीठी मीठी बातें बोल खून पीती रहती हैं,
इनकी डिमांड सुन भेजा हिल जाता है।

संजय शर्मा ने कृष्ण और राधा के प्रेम की रासलीला का वर्णन किया –
कृष्ण जब अपनी मुरली बजाने लगे,
राधिका के कदम डगमगाने लगे।
रास रचना लगा फिर मेरे दोस्तों,
पंछी भी मिल मधुर गीत गाने लगे।

बालकवि सुब्रत ने कहा –
एक रहे सब नेक बने अखंड बनाएं ये भारत।
नफरत दिल से दूर भगाएं सबजन मिलकर करें इबादत।

कार्यक्रम में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष वीरेंद्र पाल यादव, समाजसेवी हरि शरण बाजपेई, राजू बग्गा, पूनम मेहरोत्रा, कारागार विभाग के अधिकारियों सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे। कवि सम्मेलन के समापन पर वरिष्ठ जेल अधीक्षक मिजाजी लाल ने सभी कवियों, अतिथियों और आयोजकों का धन्यवाद किया।

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