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Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)
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शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाता। जब बिसात पर मोहरे सजते हैं तो सिर्फ एक खेल नहीं शुरू होता बल्कि आरंभ होता है बुद्धि रणनीति और धैर्य का संग्राम। शतरंज जिसे दुनिया आज एक अंतरराष्ट्रीय खेल के रूप में जानती है उसकी जड़ें भारत की पवित्र भूमि में चतुरंग के रूप में पनपी थीं। आज 20 जुलाई विश्व शतरंज दिवस के अवसर पर यह खेल केवल प्रतिस्पर्धा का माध्यम नहीं बल्कि बच्चों और युवाओं के मानसिक विकास निर्णय क्षमता और एकाग्रता को निखारने वाला साधन बन चुका है।
ऐसे में शाहजहांपुर जैसे जिले में भी शतरंज को लेकर एक सकारात्मक माहौल बन रहा है जहां लगातार प्रतियोगिताएं कोचिंग और उत्साहवर्धन के प्रयास किए जा रहे हैं। जिला शतरंज खेल संघ शाहजहांपुर ने इस अवसर पर जिले के उत्कृष्ट खिलाड़ियों और कोच का चयन किया है जिन्हें आगामी अगस्त माह में सम्मानित किया जाएगा।
बचपन से बनी आदत, अब बना जुनून
ऐसे में शाहजहांपुर जैसे जिले में भी शतरंज को लेकर एक सकारात्मक माहौल बन रहा है जहां लगातार प्रतियोगिताएं कोचिंग और उत्साहवर्धन के प्रयास किए जा रहे हैं। जिला शतरंज खेल संघ शाहजहांपुर ने इस अवसर पर जिले के उत्कृष्ट खिलाड़ियों और कोच का चयन किया है जिन्हें आगामी अगस्त माह में सम्मानित किया जाएगा।
बचपन से बनी आदत, अब बना जुनून
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जिले के पहले अंतरराष्ट्रीय रेटेड खिलाड़ी प्रशिक्षक और आर्बिटर सईद बेग ने कहा कि वे बचपन से ही शतरंज से जुड़ गए थे। उन्होंने कई राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग किया है। सईद बेग वर्तमान में जिले के उभरते हुए खिलाड़ियों को नियमित रूप से कोचिंग दे रहे हैं। उनका कहना है कि शतरंज न केवल खेल है यह व्यक्तित्व निर्माण का साधन है। मैं लगातार नए खिलाड़ियों को प्लेटफार्म दिलाने का प्रयास कर रहा हूं।
डिस्ट्रिक्ट चैंपियन बना अब दूसरों को बना रहा विजेता
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अंकित सेन जो इस समय जिले के चैंपियन हैं ने बताया कि वे स्टेट चैंपियन लखीमपुर, बरेली और शाहजहांपुर चैंपियन रह चुके हैं। वे नियमित रूप से फीडे रेटेड प्रतियोगिताएं खेलते हैं। अंकित ने कहा मैं खुद भी सीख रहा हूं और अन्य खिलाड़ियों को कोचिंग दे रहा हूं। मेरे कई शिष्य राष्ट्रीय स्तर तक पहुंच चुके हैं।
छोटा खिलाड़ी, बड़ा सपना
छोटा खिलाड़ी, बड़ा सपना
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अंडर-14 वर्ग के खिलाड़ी अयांश ने कहा मेरा लक्ष्य ग्रैंड मास्टर बनना है। मैं इसके लिए जी-जान से मेहनत कर रहा हूं। शतरंज ने मुझे पढ़ाई में भी फायदा पहुंचाया है।अयांश वर्तमान में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से कोचिंग ले रहे हैं।
खिलाड़ी, प्रशिक्षक और आर्बिटर की भूमिका में
खिलाड़ी, प्रशिक्षक और आर्बिटर की भूमिका में
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विश्वजीत विक्रम जो जिले से आर्बिटर व खिलाड़ी हैं ने बताया कि वे कई राष्ट्रीय और फीडे रेटेड टूर्नामेंट में खेल चुके हैं। वे अन्य खिलाड़ियों को भी प्रशिक्षित कर रहे हैं। उनका कहना है अब भारतीय खिलाड़ी भी विश्व पटल पर मजबूती से खड़े हैं और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को चुनौती दे रहे हैं।
संघ का प्रयास, जिले को मिले शतरंज में नई पहचान
जिला शतरंज खेल संघ के सचिव विपिन अग्निहोत्री ने बताया कि संघ हर माह जिला स्तर पर प्रतियोगिता आयोजित करता है। पिछली प्रतियोगिता NTI परिसर में संपन्न हुई, जिसमें 120 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। उन्होंने बताया हमारा प्रयास है कि जिले में अच्छे कोच उपलब्ध कराएं और उभरते खिलाड़ियों को राज्य व राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाएं। उन्होंने कहा कि जिला संघ अध्यक्ष डॉ. अंशुमान सिंह मैसी के नेतृत्व में लगातार काम कर रहा है। वर्तमान में सईद बेग और विश्वजीत विक्रम जिले से अधिकृत आर्बिटर की भूमिका में सक्रिय हैं। कई खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में सफलता पा रहे हैं और जिले का नाम रोशन कर रहे हैं।
शतरंज सिर्फ खेल नहीं, भविष्य की रणनीति है
शतरंज केवल चालें चलने का खेल नहीं बल्कि जीवन में निर्णय लेने समस्याओं को सुलझाने और संतुलन बनाए रखने की कला सिखाता है। शतरंज सबके लिए यह केवल नारा नहीं एक आंदोलन बन चुका है। शाहजहांपुर का यह बढ़ता हुआ कदम निश्चित ही आने वाले समय में जिले को राष्ट्रीय मानचित्र पर शतरंज के क्षेत्र में पहचान दिलाएगा।
संघ का प्रयास, जिले को मिले शतरंज में नई पहचान
जिला शतरंज खेल संघ के सचिव विपिन अग्निहोत्री ने बताया कि संघ हर माह जिला स्तर पर प्रतियोगिता आयोजित करता है। पिछली प्रतियोगिता NTI परिसर में संपन्न हुई, जिसमें 120 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। उन्होंने बताया हमारा प्रयास है कि जिले में अच्छे कोच उपलब्ध कराएं और उभरते खिलाड़ियों को राज्य व राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाएं। उन्होंने कहा कि जिला संघ अध्यक्ष डॉ. अंशुमान सिंह मैसी के नेतृत्व में लगातार काम कर रहा है। वर्तमान में सईद बेग और विश्वजीत विक्रम जिले से अधिकृत आर्बिटर की भूमिका में सक्रिय हैं। कई खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में सफलता पा रहे हैं और जिले का नाम रोशन कर रहे हैं।
शतरंज सिर्फ खेल नहीं, भविष्य की रणनीति है
शतरंज केवल चालें चलने का खेल नहीं बल्कि जीवन में निर्णय लेने समस्याओं को सुलझाने और संतुलन बनाए रखने की कला सिखाता है। शतरंज सबके लिए यह केवल नारा नहीं एक आंदोलन बन चुका है। शाहजहांपुर का यह बढ़ता हुआ कदम निश्चित ही आने वाले समय में जिले को राष्ट्रीय मानचित्र पर शतरंज के क्षेत्र में पहचान दिलाएगा।
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